Work Life Balance: व्‍यवसायिक और व्‍यक्तिगत जीवन का संतुलन

work life balance

Introduction

Work life balance को विस्‍तार से समझना बहुत जरुरी है, यह लेख work life balance को विस्‍तार से समझने में बहुत सीमा तक सहायता कर सकता है।

समय के साथ मानव सभ्‍यता विकसित होती आई है।

इसके विकसित होने का सबसे बड़ा कारण आधुनिकता है।

आधुनिकता को अगर अलग-अलग देशों से जोड़कर समझा जाए तो, बहुत से देश समय के साथ आधुनिक हो चुके है, जबकि बहुत से देश आज भी आधुनिकता से दूर है।

आधुनिक हो चुके और आधुनिकता के रास्‍ते पर चल रहे दोनो ही प्रकार के देशों के लोग अपने व्‍यवसायिक जीवन (professional life) में सफलता पाने के लिए बहुत अधिक मेहनत करते है।

अपने व्‍यवसायिक जीवन में सफलता पाना लगभग सभी लोगो का प्रमुख लक्ष्‍य बन चुका है, वह इस लक्ष्‍य को पाने के लिए जीवन के अन्‍य सभी पहलुओं और योजनाओं पर से ध्‍यान हटा लेते है।

अपने व्‍यवसायिक जीवन की सफलता को लेकर बहुत अधिक चिंता में रहना और इसके लिए बहुत अधिक कार्य करना भी एक गंभीर स्थिति उत्‍पन्‍न करता है।

इस स्थिति का सामना करने वाले लोगो को इसके नकारात्‍मक परिणामों का भी सामना करना पड़ता है।

यहां मानव सभ्‍यता, आधुनिकता, विकसित देशों और अविकसित देशों का उदाहरण इसलिए दिया गया है, क्‍योंकि अपने व्‍यवसायिक जीवन को लेकर बहुत अधिक चिंता में रहने और इसमें सफलता पाने के लिए बहुत अधिक कार्य करने से उत्‍पन्‍न हुई गंभीर स्थितियों का सामना हर देश के लोग कर रहे है।

यह स्थिति हर देश में है, चाहे वह आधुनिक हो, अत्‍याधुनिक हो, विकसित हो या विकासशील हो।

साथ ही ऐसी स्थिति लगभग हर उम्र के लोगो में पाई जा रही है।

यह ऐसी स्थिति है जो अमीर-गरीब में अंतर नही करती है, यह ऐसी स्थिति है जिसका सामना तकनीकी रुप से विकसित देशों के लोग भी कर रहे है और यह ऐसी स्थिति है जिसके परिणाम बहुत ही नकारात्‍मक प्रभाव डालते है।

लेकिन मानव सभ्‍यता जैसे ही किसी परेशानी, गंभीर स्थिति या नकारात्‍मक परिणामों का सामना करती है, तो उसका कोई-न-कोई हल जरुर निकल आता है।

मुश्किल एकेले नही आती है, वह अपना समाधान भी साथ में लेकर आती है।

व्‍यवसायिक जीवन की चिंता और अधिक कार्य करने से उत्‍पन्‍न हुई यह मुश्किल, अपने साथ work life balance रुपी समाधान साथ में लेकर आई है।

जो लोग अपने व्‍यवसायिक जीवन के बारे में जागरुक है, वह इससे सम्‍बंधित गंभीर स्थितियों से भी जागरुक होंगे।

ऐसा नही हो सकता है कि कोई इंसान अधिक चिंता में हो और अधिक कार्य करता हो लेकिन उसे इससे उत्‍पन्‍न होने वाली स्थितियों की जागरुकता ना हो।

जो लोग अधिक चिंता और अधिक कार्य करने से उत्‍पन्‍न स्थितियों के बारे में जागरुक है, वह इसका सामना करने की भी तैयारी करते रहते है।

पिछले कुछ सालो से work life balance के सिध्दांत ने अपनी तरफ लोगो का ध्‍यान खींचा है, वह इसके बारे में जानना चाहते है, इसे समझना चाहते है, इससे सम्‍बंधित ज्ञान लेना चाहते है और उस ज्ञान पर अमल करना चाहते है।

हम work life balance को लेकर विस्‍तार से चर्चा करेंगे।

What is Work-Life Balance

यह एक प्रकार का intersection (बीच का कटाव) है, इसे एक term (सीमा या शर्त) भी कहा जाता है। साथ ही यह किसी व्‍यक्ति की ability (क्षमता) भी हो सकती है और यह एक तरह का theory (सिध्दांत) भी हो सकता है।

यह work (कार्य), professional work (व्‍यवसायिक कार्य), professional life (व्‍यवसायिक जीवन) और life (जीवन) और personal life (व्‍यक्तिगत जीवन) की बीच का कटाव, सीमा या शर्त, किसी व्‍यक्ति की क्षमता या एक तरह का सिध्दांत है।

दूसरे शब्‍दों में समझा जाए तो यह कार्य, व्‍यवसायिक कार्य, व्‍यसायिक जीवन और जीवन और व्‍यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन को बनाए रखने का समर्थन करता है।

Definition of Work-Life Balance

परिभाषा- ‘‘Work-Life Balance एक तरह का सिध्दांत है, जो व्‍यवसायिक जीवन और व्‍यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन को बनाए रखने का समर्थन करता है।’’

इसकी परिभाषा को परिभाषित करते हुए सिध्दांत के स्‍थान पर intersection (बीच का कटाव), term (सीमा या शर्त) या ability (क्षमता) जैसे शब्‍दों का प्रयोग भी किया जा सकता है।

History of Work-Life Balance

Work-Life Balance सिध्दांत को Robert Owen ने प्रस्‍तुत किया था। इनका जन्‍म 14 मई 1771 को Wales देश में हुआ था, जो Great Britain के 4 देशों में से एक है।

इन्‍हें “father of British socialism” कहा जाता है।

इन्‍होंने “utopian socialism” और “co-operative movement” की स्‍थापना की थी।

यह राजनीतिक दार्शनिक और समाज सुधारक थे।

इन्‍होंने कई महत्‍वपूर्ण कार्य किए है।

आपको इनके बारे में जानना चाहिए और अगर आप व्‍यापार में रुचि रखते है, तो आपको “co-operative movement” के बारे में जरुर जानना चाहिए।

Work-Life Balance को “eight hours labour, eight hours recreation, eight hours rest” का दूसरा रुप भी माना जा सकता है।

जिसमें 8 घण्‍टे labour के लिए, 8 घण्‍टे recreation के लिए और 8 घण्‍टे rest के लिए दिए जाने पर इसका पालन किया जा सकता है।

Importance of Maintaining Work-Life Balance

मानव सभ्‍यता के लिए ऐसे किसी भी सिध्दांत का महत्‍व है, जो मानव सभ्‍यता को किसी-न-किसी तरह से प्रभावित करने की क्षमता रखता हो।

Work Life Balance जैसे सिध्दांत के महत्‍व को भी इसी प्रकार से समझा जा सकता है।

यह इंसान के जीवन के work (व्‍यवसायिक जीवन) और इंसान की life (जीवन) से सम्‍बंधित है और उसे प्रभावित करने की क्षमता रखता है, इसलिए इसका महत्‍व है।

यह सिध्दांत किसी इंसान के जीवन को किस प्रकार से प्रभावित कर सकता है? इस सवाल का जवाब एक इंसान के जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों या पहलुओं से समझा जा सकता है और work life balance का पालन करने से हुए लाभो से भी समझा जा सकता है।

जो इस प्रकार से है-

A. Personal Development

Personal Development (व्‍यक्तिगत विकास) इंसान के सफलता की आधारशिला है।

सफलता तक पहुंचने के लिए व्‍यक्तिगत विकास आवश्‍यक है।

एक इंसान की सफलता आंतरिक और बाहरी कारको पर निर्भर करती है।

आंतरिक कारक उसके व्‍यक्तिगत विकास से सम्‍बंधित होते है।

वह व्‍यक्तिगत रुप से जितना अधिक ज्ञानी और कुशल होगा, उसकी सफलता की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

Work Life Balance किसी इंसान के व्‍यक्तिगत विकास में सहायता करता है और उसमें एक बहुत बड़ा योगदान देता है, जिसे निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से भी समझा जा सकता है-

  1. इससे इंसान अपने लिए समय निकाल पाता है।
  2. इससे जीवन के दूसरे पहलुओं को समझने में सहायता मिलती है।
  3. इससे इंसान अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान दे पाता है।
  4. इससे मनोरंजन के लिए कुछ समय निकाल पाता है।
  5. इससे अपनी hobby को पूरा करने का समय मिल पाता है।

B. Knowledge and Skills

एक इंसान को किसी क्षेत्र में सफल होने के लिए उस क्षेत्र से सम्‍बंधित ज्ञान की आवश्‍यकता होती है। जो भी लोग किसी क्षेत्र में सफल हुए है, उनमें उस क्षेत्र से सम्‍बंधित ज्ञान सामान्‍य लोगो की तुलना में अधिक होता है।

अगर उन्‍हें उस विशेष क्षेत्र का अधिक ज्ञान नही होता है, तो वह सामान्‍य लोगो की श्रेणी में ही गिने जायेंगे या फिर उस क्षेत्र में असफल हो जायेंगे।

इंसान की सफलता में ज्ञान के महत्‍व को संक्षिप्‍त रुप से समझने के बाद skills (कौशल) के महत्‍व को भी इसी प्रकार से समझा जा सकता है-

जिस तरह एक इंसान को किसी क्षेत्र में सफल होने के लिए उस क्षेत्र से सम्‍बंधित ज्ञान की आवश्‍यकता होती है, उसी तरह कौशल की भी आवश्‍यकता होती है।

जो भी लोग किसी क्षेत्र में सफल हुए है, उनमें उस क्षेत्र से सम्‍बंधित कौशल सामान्‍य लोगो की तुलना में अधिक होता है।

अगर वह उस विशेष क्षेत्र में अधिक कुशल नही है, तो वह सामान्‍य लोगो की श्रेणी में ही गिने जायेंगे या फिर उस क्षेत्र में असफल हो जायेंगे।

Work Life Balance एक व्‍यक्ति के ज्ञान और कौशल को अधिक विकसित करने में निम्‍न प्रकार से सहायता करता है-

  1. अगर कोई व्‍यक्ति work life balance को अपनाता है और उसका पालन करता है, तो उसे अपने लिए ज्ञान लेने और कौशल विकसित करने का पर्याप्‍त समय मिल पाता है। Business Knowledge किसे कहते हैं, सही बिजनेस नाॅलेज कैसे ले?
  2. लिए गए ज्ञान और विकसित किए गए कौशल का सही उपयोग करने से वह व्‍यक्ति अपने जीवन में सफल हो पाता है। Business Skills क्‍या होती हैं? और यह कैसे सीखी जाती हैं?
  3. सफलता मिलने के बाद वह व्‍यक्ति work life balance का पालन अधिक जागरुकता से करता है, अधिक ज्ञान लेता है, अधिक प्रकार के कौशल विकसित करता है, उनका अधिक प्रभावी रुप से उपयोग करता है और अधिक सफल होता है।

C. Improved Relationships

इंसान की सफलता में व्‍यवसायिक जीवन (professional life) की सफलता एक बहुत बड़ा योगदान देती है, इंसान अपने व्‍यवसायिक जीवन में जितना अधिक सफल होगा, वह अपने जीवन में भी उतना ही अधिक सफल कहलाएगा।

लेकिन व्‍यवसायिक जीवन के अलावा एक और क्षेत्र है, जो किसी इंसान की सफलता में एक बहुत बड़ा योगदान देता है, वह है- Relationships.

एक इंसान के अपने परिवार से, समाज से और समाज के लोगो से निभाए जाने वाले सम्‍बंध जितने अधिक प्रभावी और मज़बूत होंगे, वह अपने जीवन में सफलता पाने के लिए उतना ही प्रभावी और मज़बूती से कार्य करेगा।

Work Life Balance का पालन करने का सुझाव अधिकतर बार इसलिए दिया जाता है क्‍योंकि यह सम्‍बंधो को बेहतर बनाने में महत्‍वपूर्ण योगदान देता है।

इससे सम्‍बंधित सुझावो का पालन करने से व्‍यक्ति के दूसरे लोगो से सम्‍बंध बेहतर होते जाते है, क्‍योंकि यह अपनी चिंताओं और कार्य से ध्‍यान हटाकर सम्‍बंधो को बेहतर बनाने का समर्थन करता है।

इसे निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से समझा जा सकता है-

  1. इससे इंसान अपने परिवार और दोस्‍तों के लिए समय निकाल पाता है।
  2. इससे वह समाज और समाज के लोगो को समझ पाता है और उनके साथ सम्‍बंधो को बेहतर बना पाता है।
  3. सम्‍बंधो का महत्‍व समझने के बाद वह अपने जीवन में सफलता का महत्‍व भी समझ पाता है।
  4. एक इंसान के अन्‍य लोगो से स्‍थापित किए गए अच्‍छे सम्‍बंध उसे असफलता मिलने पर सहारा देते है।
  5. एक-दूसरे का सहारा बनना और एक-दूसरे की सहायता करना मानव समाज के विकास का आधार है, इसलिए work life balance से मानव समाज अधिक उन्‍नति कर पाता है।

इस तरह हमने जीवन के 3 महत्‍वपूर्ण क्षेत्रो या पहलुओं में work life balance का महत्‍व समझा और उसका पालन करने से होने वाले लाभो को भी जाना।

Work Life Balance जीवन के दूसरे क्षेत्रो को बेहतर बनाने में सहायता तो करता ही है, लेकिन यह व्‍यवसायिक जीवन को बेहतर करने में भी समान रुप से योगदान देता है।

जैसे- Customer Relationship Management: CRM की सम्‍पूर्ण जानकारी

D. Enhanced Productivity

कई लोगो का मानना है कि व्‍यवसायिक जीवन में सफलता पाने के लिए अधिक कार्य करना आवश्‍यक है, जीवन के दूसरे क्षेत्रो पर से ध्‍यान हटाना आवश्‍यक है और लगातार कार्य करना आवश्‍यक है।

उनका यह मानना है कि अधिक कार्य करने से अधिक productivity को प्राप्‍त किया जा सकता है, जबकि अधिक productivity को प्राप्‍त करने के लिए आपको अधिक कार्य करने की जरुरत नही है, बल्कि सही कार्य को चुनने, उसका समय निर्धारित करने, उसे पूरा की जाने वाली प्रक्रिया का ज्ञान होने, उसे पूरा करने के लिए जरुरी कौशल को विकसित करने, एक समय पर एक ही कार्य करने और आने वाले निष्‍कर्षो को बेहतर बनाने की जरुरत होती है।

Work Life Balance के द्वारा यह आसानी से किया जा सकता है, इसे निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से भी समझा जा सकता है-

  1. इससे इंसान को सही कार्य चुनने का समय मिल पाता है।
  2. वह कार्य को शुरु करने और उसे पूरा करने का समय निर्धारिक कर पाता है।
  3. वह कार्य को पूरा की जाने वाली प्रक्रियाओं का ज्ञान ले पाता है।
  4. वह कार्य को पूरा करने के लिए आवश्‍यक कौशल को भी समझ पाता है।
  5. और आने वाले निष्‍कर्षो को बेहतर बनाने के लिए भी समय निकाल पाता है और 1 से 4 तक के चरणों को फिर से दोहरा पाता है।

Life is All About Balance in Hindi

“जीवन संतुलन का नाम है”

इसका मतलब है कि काम और निजी जीवन के बीच सही तालमेल होना ज़रूरी है।

अगर हम सिर्फ़ काम में ही उलझे रहेंगे, तो मानसिक और शारीरिक थकान हो सकती है।

वहीं अगर काम को नजरअंदाज करें, तो करियर और वित्तीय स्थिरता पर असर पड़ेगा।

इसलिए ज़िंदगी में सच्चा सुख और सफलता तभी मिलती है जब हम काम और जीवन दोनों को बराबरी से महत्व देते हैं।

Strategies for Achieving Work-Life Balance

Work-Life Balance जीवनभर जारी रहने वाली प्रक्रिया है।

ऐसा नही हो सकता है कि कोई इंसान इसका पालन करने का फैसला ले और कुछ दिनो तक ही इसका पालन कर पाए या फिर कुछ महीनो या सालो तक ही पालन कर पाए।

यह जीवनभर का फैसला है, क्‍योंकि कार्य और जीवन इंसान के जीवन तक चलने वाले दो सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू है, इसलिए इस पर अमल करने से पहले इसकी आवश्‍यकता को पहचानने, परिभाषा को जानने, महत्‍व को समझने और लाभो से परिचित होना जरुरी है।

इसके बाद work life balance का पालन करने वाली रणनीतियां आसानी से बनाई जा सकती है, जो कि इस प्रकार से है-

A. Time Management Techniques

सफल होने के लिए समय का महत्‍व समझने और उसका सही उपयोग करने की आवश्‍यकता होती है।

जिसने समय के महत्‍व को समझ लिया और उसका सही उपयोग कर लिया, वह इंसान सफलता तक जरुर पहुंचता है।

समय प्रबंधन (time management) समय को प्रबंधित (manage) करने का एक तरीका है, जिससे उसका सही उपयोग किया जा सके।

समय प्रबंधन के लिए कई तरीको का उपयोग किया जाता है, जो इंसान समय का महत्‍व जानता है और उसका सही उपयोग करता है, वह किसी-न-किसी तरह से इन तरीको का उपयोग जरुर करता है।

लेकिन समय प्रबंधन के तरीको का work life balance के अनुसार उपयोग करने work life balance को प्रभावी रुप से अमल में लाया जा सकता है।

समय प्रबंधन के लिए निम्‍न तरीको का उपयोग किया जा सकता है-

  1. पूरे किये जाने वाले कार्यो की सूंची बनाना।
  2. सबसे पहले पूरे किये जाने वाले कार्यो को प्राथमिकता देना।
  3. समय प्रबंधन के लिए Eisenhower Matrix का उपयोग करना।
  4. पूरे किए जाने वाले कार्यो के लक्ष्‍य निर्धारित करना।
  5. पूरे किए जाने वाले कार्यो की सूंची बनाने के लिए digital tools का उपयोग करना।

B. Setting Realistic Expectations

इंसान सफलता की तरफ भागता है, इसलिए वह सफल होने के लिए कई लक्ष्‍यों को तय करता है और उन्‍हें हासिल करने के लिए लगातार प्रयास करते रहता है।

एक इंसान के द्वारा तय किए गए लक्ष्‍य उसकी अपनी क्षमता पर निर्भर करते है, वह अपनी क्षमता के अनुसार लक्ष्‍यों का चुनाव करता है और उन्‍हें हासिल करने के लिए लगातार प्रयास करता है।

लेकिन अपनी क्षमता का अनुमान लगाना हर बार सही नही होता है।

कई बार हम अपनी क्षमता का गलत अनुमान लगा लेते है और उसके अनुसार लक्ष्‍यों को तय कर लेते है।

इससे उन लक्ष्‍यों तक पहुंचना और उन्‍हें हासिल करना बहुत ही मुश्किल होता है और यह जरुरत से बहुत अधिक समय लेता है।

यह सब इंसान की अपेक्षाओं (expectations) के कारण होता है।

अगर उसकी अपेक्षाएं वास्‍तविकता पर आधारित होती तो वह अपनी क्षमता का सही अनुमान लगा पाता, उसके अनुसार लक्ष्‍य निर्धारिक कर पाता, लक्ष्‍यों को पाने के लिए सही दिशा में और सही समय तक प्रयास कर पाता और उन्‍हें हासिल कर पाता।

इसलिए वास्‍तविक अपेक्षाओं को तय करना जरुरी है।

इससे work life balance को अधिक प्रभावी रुप से अमल में लाया जा सकता है, क्‍योंकि work life balance संतुलन पर आधारित है और वास्‍तविक अपेक्षाए संतुलन को बनाए रखती है।

उद्यमी और व्‍यवसायी, व्‍यापार के लक्ष्‍य कैसे तय करते हैं?

वास्‍तविक अपेक्षाओं को निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से अमल में लाया जा सकता है-

  1. अपने ज्ञान और कौशल की सटीक जानकारी होना।
  2. अपने सकारात्‍मक और नकारात्‍मक पहलुओं की जानकारी होना।
  3. अपनी क्षमताओं की सही जानकारी होना।
  4. अपनी क्षमताओं के अनुसार लक्ष्‍य निर्धारित करना।
  5. क्षमताओं से अधिक उच्‍च लक्ष्‍य निर्धारित होने पर अन्‍य लक्ष्‍य तय करना या क्षमताओं को अधिक विकसित करना।

C. Building Supportive Relationships at Work

मानव समाज एक-दूसरे की सहायता करने से विकसित हुआ है।

नई खोज करने वालो ने कभी भी अपनी खोज को अपने तक ही सीमित नही रखा है, उन्‍होंने हमेशा इसे दूसरो को देने में विश्‍वास किया है।

एक इंसान अपने जीवन के लक्ष्‍य निर्धारिक कर सकता है और उन्‍हें हासिल भी कर सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में उसे अगर अन्‍य लोगो की सहायता भी मिलने लगे तो, वह अपने लक्ष्‍यों तक आसानी से पहुंच सकता है।

इसी प्रकार एक इंसान work life balance का पालन करने का फैसला ले सकता है और उसका पालन भी कर सकता है, लेकिन इसका पालन करने में उसे अगर अन्‍य लोगो की सहायता भी मिलने लगे तो, इसका पालन अधिक प्रभावी रुप से किया जा सकता है।

इसलिए अपने व्‍यवसाय (profession) से सम्‍बंधित लोगो, अपने परिवार के लोगो और समाज के परिचित लोगो से अच्‍छे सम्‍बंध स्‍थापित करने पर ध्‍यान देना चाहिए।

अच्‍छे सम्‍बंध स्‍थापित करना एक तरफा निभाई जाने वाले जिम्‍मेदारी नही है, बल्कि यह दोनो पक्षो की तरफ से निभाई जाती है।

DEI: इसका मतलब क्‍या होता हैं और इसे समझना जरुरी क्‍यूं हैं?

अगर आप यह सोच रहे है कि लोग हमेशा आपकी सहायता करते रहे तो इसके बदले उन्‍हें भी आपकी सहायता की जरुरत होगी।

आपके द्वारा अन्‍य लोगो को जितनी सहायता की जाएगी, अन्‍य लोग भी अपने द्वारा आपकी सहायता करने के लिए तैयार रहेंगे।

इसमें कुछ महत्‍वपूर्ण बिन्‍दुओं को ध्‍यान में रखा जा सकता है-

  1. लोगो के मुश्किल समय में उनकी सहायता के लिए तैयार रहे और बदले में वह भी वैसा ही करेंगे।
  2. अगर आप उनकी सहायता नही कर सकते है तो कम-से-कम उनके साथ रहे और उनकी बातो को ध्‍यान से सुने।
  3. परिवार के सदस्‍यों की सहायता बिना किसी स्‍वार्थ के करे।
  4. अपने व्‍यवसाय के सम्‍बंधित कर्मचारियों को अपने कार्यो में आ रही परेशानियों का हल खोजने में सहायता करे।
  5. सामाजिक कार्यो में भाग ले, लोगो के साथ समय बिताए।

D. Creating Personal Boundaries

मानव सभ्‍यता के इतिहास में सीमाओं का बहुत बड़ा महत्‍व है।

कबीले अपनी सीमाओं में रहते थे, शासक अपनी सीमाएं बढ़ाना चाहते थे और सभ्‍यताएं अपनी सीमाओं तक विकसित होने के लिए जानी जाती थी।

यह महत्‍व वर्तमान में भी है।

देश अपनी सीमाओं के अन्‍दर ही विकास करते है, कम्‍पनियां दूसरे देशों तक अपनी सीमाएं बढ़ाना चाहती है और एक इंसान के सफल होने का अनुमान उसके देश-विदेश में प्रसिध्द होने से लगाया जाता है।

तो, अलग-अलग पहलुओं और क्षेत्रो में सीमाओं तक विकसित होने या अपनी सीमाएं बढ़ाने का महत्‍व होता है।

लेकिन इससे पहले अपनी सीमाओं की जानकारी होना आवश्‍यक होता है।

इंसान को यह पता ना हो कि उसकी अपनी सीमाएं क्‍या है? और वह कहां तक फैली हुई है? तो उन सीमाओं के अनुसार वह अपना विकास कैसे कर सकता है?

इसलिए एक इंसान को अपनी सीमाओं की जानकारी होनी चाहिए। इससे इंसान को अपना विकास करने में सहायता मिलती है।

जैसे कि-

Work-Life Balance को हर दिन, हर समय और हमेशा के लिए अमल में नही लाया जा सकता है।

इसका पालन करते हुए इंसान को इसकी और अपनी सीमाएं जानना जरुरी है।

इंसान की व्‍यक्तिगत सीमाओं का अर्थ उसकी अपनी ऊर्जा, क्षमता, समय और मानसिकता से होता है।

इन पहलुओं में स्‍पष्‍ट सीमाएं तय करने वह एक संतुलित जीवन जी सकता है।

इसलिए work life balance का पालन करने के लिए इन पहलुओं में अपनी सीमाएं तय करना जरुरी है, जैसे-

  1. कार्य करने का स्‍पष्‍ट समय निर्धारित करे।
  2. किसी कार्य को शुरु करने से पहले अपनी क्षमता जान ले।
  3. कार्य में लगने वाले समय का अनुमान लगाए।
  4. कार्य शुरु करने से पहले मानसिक रुप से तैयारी करे।
  5. कार्य पूरा करने में लगने वाली ऊर्जा का अनुमान लगाए।

Conclusion

आज का समय और परिस्थिति ऐसी है कि इंसान अपने व्‍यवसायिक जीवन की सफलता को ही अपने जीवन की सफलता मानता है, वह अपने व्‍यक्तिगत जीवन की जरुरतों, परिवार के साथ बिताएं हुए समय, दोस्‍तों के साथ जीए हुए पलों का महत्‍व भूल सा जाता है।

इसलिए work life balance का महत्‍व समझकर और इसका पालन करने की रणनीतियां बनाकर इसे प्रभावी रुप से अमल में लाया जा सकता है और एक संतुलित जीवन जीया जा सकता है।

Wisdom of Crowds सिद्धांत के उपयोग से व्‍यापार को सफल बनायें

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