व्‍यापारी का जीवन और व्‍यापार की Expectations vs Reality

व्‍यापारी का जीवन हर किसी को आकर्षित करता है, चाहे वह इंसान अन्य किसी भी तरह के क्षेत्र में हो या चाहे वह उस क्षेत्र में सफल ही क्यूं ना हो।

इसलिए अगर कोई स्टार्टअप शुरु करना चाहता है या एक बड़ी और सफल कम्पनी खड़ी करना चाहता है तो उसके लिए व्यापारिक जीवन को जानना और उसकी समझ रखना जरुरी हो जाता है।

Introduction

सफल व्यापारी का जीवन हर तरह से संपन्न होता है।

लेकिन फिल्मी हस्तियों की तरह सफल व्यापारियों के जीवन का हर एक पहलु बाहर नही आता है।

इसलिए सामान्य जन या बच्चे, संपन्न व्यापारियों की तुलना में फिल्मी हस्तियों के प्रति अधिक उत्सुक और भावुक रहते है।

जब सामान्य जन या बच्चों को यह पता ही नही होगा कि सफल व्यापारी का जीवन कैसा होता है? तो वह उस तरह के जीवन से प्रभावित नही हो पाएंगे और उन जैसा बनने की कोशिश भी नही कर पाएंगे।

इसी तरह किसी स्टार्टअप शुरु करने वाले या कोई बड़ी कम्पनी खड़ी करने का सपना देखने वाले इंसान को अगर व्यापारिक जीवन के बारे में ना पता हो तो वह व्यापारिक जीवन से परिचित इंसान की तुलना में कम उत्साही और भावुक होगा।

इससे मोटिवेशन पर असर पडे़गा।

एक सफल कम्पनी खड़ी करने से पहले और एक सफल कम्पनी खड़ी करने के बाद के जीवन में अन्तर को नही पहचाना गया तो आज की परिस्थितियों को बदलने का मोटिवेशन भी नही आएगा।

लेकिन आज हम यहां व्यापारिक जगत से जुड़े हुए लोगो के जीवन के सकारात्मक पहलुओं के साथ ही व्यापारिक जगत के नकारात्मक पहलुओं पर भी चर्चा करेंगे।

व्‍यापारी का जीवन

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Image Explain

इंटरनेट पर व्यापारिक जीवन को अक्सर साधन संपन्न और अपने आप को महंगी जगहो पर या महंगी गाडियों में मनोरंजन करते हुए दिखाया जाता है।

लेकिन यह सब एक व्यापारी के जीवन का एक छोटा सा हिस्सा होता है, व्यापारिक जीवन का एक बड़ा हिस्सा अपने ऑफिस में, अपने साथियों या कर्मचारियों के साथ मिटिंग करते हुए और कम्पनी को सफल बनाने की रणनीति बनाते हुए गुजरता है।

इसलिए जीवन के छोटे हिस्से को व्यापारिक जीवन नही माना जा सकता है, बल्कि बड़े और अधिक लम्बे समय तक चलने वाले हिस्से को व्यापारिक जीवन माना जा सकता है।

चित्र और उसमें दिखाए गए लोगो से यह पता चलता है कि यहां पर किसी तरह की चर्चा हो रही है और उनके कपड़ो या पहनावे से यह स्पष्ट होता है कि यह सभी प्रोफेशनल्स है।

इनको किसी कम्पनी की मिटिंग में चर्चा के रुप में परिभाषित किया जा सकता है। चित्र के अपने वर्तमान समय की बात की जाए तो यहां पर शाम हो रही है।

घर जाने के समय में भी मिटिंग में होने से यह समझ आता है कि किसी महत्वपूर्ण विषय पर बात हो रही है।

तो, यही है व्यापारी का जीवन और उसका सबसे बड़ा और अधिक लम्बे समय तक चलने वाला हिस्सा। 

अगर कोई व्यापारी का जीवन जीना चाहता है तो वह यह जान ले कि अधिकतर समय वह महंगी जगहो या महंगी गाड़ियों में मनोरंजन करते हुए नही बल्कि अपने ऑफिस में शाम होने तक गुजारेगा। 

व्यापारिक जीवन शाम 5 बजे तक चलने वाली नौकरी की तरह नही है बल्कि यह 5 बजे से अधिक समय तक चलने वाली जिम्मेदारी की तरह है।

Self Awareness

किसी भी क्षेत्र की कम्पनी को सफल बनाने के लिए कई साल लग जाते है।

इससे यह समझ आता है कि उस कम्पनी को सफल बनाने वाले संस्थापक पूरी तरह से सेल्फ अवेयर थे, वह जानते थे कि वह क्या कर रहे है और उन्हें आगे क्या करना है? नही तो, वह इतने सालो तक लगातार एक ही तरह का कार्य नही कर पाते।

एक विद्यार्थी को अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद समझ आता है कि उसे किसी दूसरे क्षेत्र से अपनी शिक्षा पूरी करनी चाहिए थी, एक सामान्य इंसान जो कि व्यापारी नही है उसे नौकरी पर पदस्थ होने के बाद समझ आता है कि उसे इस तरह की नौकरी नही करनी चाहिए।

लेकिन जब आप एक कम्पनी शुरु करते है तो कुछ समय बाद इस कार्य को छोड़ने या बदलने के बारे में नही सोचा जाना चाहिए।

एक व्यापारी तब तक अपनी कम्पनी नही छोड़ता है जब तक कि वह सफल या दिवालिया ना हो जाए। 

इसलिए कम्पनी शुरु करने के लिए एक व्यापारी का पूरी तरह से सेल्फ अवेयर होना बहुत ही महत्वपूर्ण और जरुरी होता है।

अगर आप सेल्फ अवेयर नही है तो कम्पनी शुरु करने के फैसले पर फिर से गौर कीजिए।

क्योंकि एक बार स्टार्टअप शुरु होने के बाद इसे ना तो बंद किया जा सकता है और ना ही कोई दूसरा कार्य शुरु किया जा सकता है।

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Business Goals

स्टार्टअप शुरु करते ही संस्थापक पर स्टार्टअप को सफल बनाने की जिम्मेदारी आ जाती है।

इसलिए उसे स्टार्टअप को सफल बनाने की दिशा में कई लक्ष्य प्राप्त करने पड़ते है। लक्ष्यों को प्राप्त करने से ही कोई भी स्टार्टअप एक सफल और बड़ी कम्पनी बनकर उभरता है।

लक्ष्य निर्धारण का कार्य संस्थापक या संस्थापक और उच्च अधिकारी करते है।

ये लक्ष्य उनकी रणनीतियों के अनुसार किसी भी तरह के हो सकते है।

ऐसा बिल्कुल नही कहां जा सकता है कि हर स्टार्टअप को होने वाले मुनाफे पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि कोई स्टार्टअप अपनी शुरुआत में होने वाले मुनाफे पर नही बल्कि अधिक ग्राहको को जोड़ने पर ध्यान दे रहा हो या वह अपने उत्पाद की कीमत को शुरुआत में कम ही रखना चाहे जिससे कि अधिक ग्राहक जुड़ सके या ऐसा भी हो सकता है कि किसी स्टार्टअप के उत्पाद की कीमत उस समय बाजार में उपलब्‍ध अन्य उत्पादों से अधिक हो, क्योंकि संस्थापक या उच्च अधिकारियों की रणनीति ग्राहको को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध करना हो।

व्यापारी के व्यापारिक जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा और समय अपने व्यापार को सफल बनाने वाले लक्ष्यों का पीछा करने में गुजरता है।

इसलिए अपने व्यापार के लिए लक्ष्यों का निर्धारण करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है।

अगर आपके व्यापारिक लक्ष्य निर्धारित नही है तो पहले उनका निर्धारण कीजिए।

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Investment

स्टार्टअप जैसे जैसे एक कम्पनी बनने की ओर बढ़ता जाता है, उसे निवेश मिलता जाता है और अधिक निवेश मिलने के साथ ही वह एक बड़ी कम्पनी बनने की ओर बढ़ते जाता है।

निवेश मिलना और सफलता की ओर बढ़ना यह दोनो ही एक दूसरे साथ चलते है और एक दूसरे पर आश्रित होते है।

लेकिन स्टार्टअप में लगने वाला पहला निवेश संस्थापक ही करता है, स्टार्टअप में सबसे पहले संस्थापक की बचत ही लगी होती है।

इस बचत के लिए उसने किस किस तरह की नौकरी की होगी, दिन में कितने समय तक कार्य किया होगा और रात में कितनी देर तक अपने स्टार्टअप के बारे में नीतियां बनाई होगी? और यह सब कितने दिनों तक चला होगा?

स्टार्टअप शुरु करने के लिए लगने वाले निवेश को जुटाना, संस्थापक के जीवन का एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण भाग होता है। यह कई चुनौतियों से भरा होता है।

जैसे कि संस्थापक को बचत करने के साथ ही अपने स्टार्टअप पर भी काम करना होता है और बचत को बढ़ाने के लिए कई दूसरे खर्चो को कम करना पड़ता है।

Business Knowledge

सफल और बड़ी कम्पनी बनाने के लिए उसी स्तर के ज्ञान की जरुरत होती है।

इसलिए अक्सर दुनिया के सफल व्यापारी किताबें पढ़ने पर जोर देते आए है।

व्यापारिक ज्ञान को पाने के लिए एक इंसान को कई सारी किताबें पढ़नी पड़ती है, उस ज्ञान को सही दिशा में उपयोग करने के लिए उसे अपने बिजनेस प्लान को कई बार जांचना पड़ता है और जांच में आने वाली कमियों को दूर करने के लिए और अधिक ज्ञान लेना पड़ता है।

व्यापारिक ज्ञान को पाने का कार्य व्यापारिक जगत की चकाचौंध या आकर्षण से दूर हटकर किया जाता है, जिसमें अधिकतर बार संस्थापक अकेला ही होता है।

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Business Skills

सफल कम्पनी बनाने के लिए व्यापारिक ज्ञान की ही तरह व्यापारिक कौशल की भी आवश्यकता होती है।

व्यापारिक कौशल, व्यापारिक ज्ञान का दूसरा और प्रयोग में लाया जाने वाला पहलू है।

व्यापारिक ज्ञान का मतलब व्यापार से सम्बंधित ज्ञान लेना होता है लेकिन व्यापारिक कौशल का मतलब लिए गए ज्ञान को अमल में लाना, उसका सही उपयोग करना और सही दिशा में उपयोग करना होता है।

व्यापारिक कौशल को विकसित करना, व्यापारिक ज्ञान लेने से अधिक मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें आप ना सिर्फ अपना ज्ञान उपयोग करते है बल्कि उस ज्ञान को उपयोग में लाकर सही नतीजो की भी उम्मीद करते है।

साथ ही व्यापारिक कौशल को उपयोग में लाते समय स्टार्टअप में आप अपनी बचत को भी दांव पर लगाते है।

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HR Management

किसी भी कम्पनी को सफल बनाने के लिए सबसे बड़ा योगदान उसके कर्मचारियों का होता है।

यह कर्मचारी कम्पनी की श्रेणी व्यवस्था में सबसे निचले स्तर से लेकर कम्पनी के उच्च अधिकारियों जैसे सीईओ या अध्यक्ष के रुप में होते है।

कम्पनी को सफल बनाने के लिए जितना महत्व संस्थापक का होता है उतना ही महत्व हर एक श्रेणी के हर एक कर्मचारी का भी होता है।

इसलिए सही लोगो की पहचान करना और सही कर्मचारियों की नियुक्ति करना एक व्यापारी के जीवन का सबसे मुश्किल कार्य हो सकता है।

एक व्यापारी के ऑफिस समय का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा अपनी कम्पनी के मानव संसाधन विभाग को प्रबंधित करने में गुजरता है।

इसलिए अगर कोई कम्पनी खड़ी करना चाहता है तो उसे लगातार ही अपने कर्मचारियों को प्रबंधित करना पड़ेगा।

Human Resource Management: HRM के बारे में सम्‍पूर्ण जानकारी

Business Law

स्टार्टअप शुरु करने के लिए, अपने उत्पाद को बाजार में लाने के लिए, उत्पाद को ग्राहको तक पहुंचाने के लिए, कम्पनी को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए, कम्पनी को विस्तारित करने के लिए, कम्पनी को दूसरे देशो तक पहुंचाने के लिए और कम्पनी की सभी शाखाओं को सफलता की ओर ले जाने के लिए संस्थापक, उच्च अधिकारियों और कम्पनी के सभी कर्मचारियों को कई व्यापारिक नियमो का पालन करना पड़ता है।

व्यापारिक नियम किसी देश के द्वारा किसी भी क्षेत्र की सभी कम्पनियों पर लागू होने वाले नियम होते है। 

संस्थापक या कम्पनी के द्वारा इन नियमो का उल्लंघन करना, कानून को तोड़ने के बराबर होता है और इस स्थिति में कम्पनी या उसके संस्थापक अथवा उच्च अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाती है।

एक व्यापारी को कम्पनी को सफलता की ओर ले जाने के साथ ही कई व्यापारिक नियमो का पालन भी करना होता है।

यह सोचना या मानना पूरी तरह से गलत है कि- एक व्यापारी पूरी तरह से स्वतंत्र होता है और उस पर या उसकी कम्पनी पर किसी तरह के नियम लागू नही होते है।

Business Law: व्‍यवसायिक कानून जिनका पालन करना अनिर्वाय हैं

Demand of Performance

किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन देना पड़ता है।

चाहे वह किसी संस्थान में प्रवेश के लिए परीक्षा पास करना हो या सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करना हो या फिर अपनी कम्पनी को सफल बनाना हो।

कम्पनी को सफल बनाने के लिए सबसे अच्छे प्रदर्शन की मांग इसलिए जरुरी है क्योंकि एक छोटे आइडिया को स्टार्टअप तक ले जाना और एक छोटे स्टार्टअप को कम्पनी बनाना, लगातार और बहुत ही लम्बे समय तक चलने वाला कार्य होता है।

यह कार्य कई सालो तक चलने वाला होता है।

इसके साथ ही कम्पनी और उसके उत्पाद का सामना बाजार में स्थित अन्य कम्पनियों और उनके उत्पाद से होता है।

Financial, Market and Economic Crisis

वित्तीय, बाजार या फिर आर्थिक संकट में कई कम्पनियां दिवालिया हो जाती है या फिर उन्हें दिवालिया होने की स्थिति का सामना करना और उससे बाहर आना पड़ता है।

अगर आप किसी भी देश के किसी भी तरह के वित्तीय, बाजार या आर्थिक संकट के समय अंतराल पर गौर करे तो यह पता चलता है कि यह 2 या 3 दशक में आते रहते है।

इसका मतलब यह है कि हर बड़ी और सफल कम्पनी में कम से कम एक बार किसी तरह के संकट का सामना किया है।

अगर कोई स्टार्टअप शुरु करना चाहता है तो वह ये जान ले कि उसे भी इन संकटो का सामना करना पड़ सकता है और हो सकता है कि यह सामना उसे स्टार्टअप को सफल बनाते हुए और स्टार्टअप को कम्पनी बनाने से पहले करना पड़े।

Expectation vs Reality of Business Life

आजकल सोशल मीडिया पर ‘‘उम्मीद बनाम वास्तविकता‘‘ जैसी टर्म पर आधारित इमेज और विडियो बहुत प्रचलित हो रहे है।

इस टर्म का सिद्धांत लोगो के भ्रम को तोड़ना है।

किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के बारे में उनका सोचना या मानना चाहे सकारात्मक हो या नकारात्मक हो। 

यह टर्म किसी के दोनो ही पहलुओं को चुनौति दे सकती है।

अगर व्यापार के सिर्फ सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान दिया जाए तो उसके नकारात्मक पहलु छुट जाते है, हो सकता है कि कोई इंसान बस व्यापार के सकारात्मक पहलुओं से आकर्षित हो कर व्यापार शुरु करे और उसके नकारात्मक पहलु सामने आने पर असफल हो जाए और अगर सिर्फ नकारात्मक पहलुओं को ध्यान में रखा गया तो व्यापार के सिर्फ नकारात्मक पहलुओं को जानकर और सकारात्मक पहलुओं से अनजान रहकर कोई इंसान क्यूं व्यापार करना चाहेगा?

तो, इसलिए व्यापार को सकारात्मक या नकारात्मक अथवा लाभ या हानि के नजरिए से नही बल्कि ‘‘उम्मीद बनाम वास्तविकता‘‘ के नजरिए से देखना चाहिए।

हर क्षेत्र के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पहलु होते है।

यह नौकरी करने पर भी लागू होते है, कला के क्षेत्र पर भी और व्यापार में भी लागू होते है।

बहुत से लोग आज के समय में भी नौकरी पाने के लिए तैयारी कर रहे है, अगर उन्हें व्यापार करने की सलाह दी जाए तो यह गलत होगा।

इसी तरह बहुुत से लोग अपनी कला को दूसरे लोगो तक पहुंचाना चाहते है, अगर उन्हें यह ना करने दिया गया तो यह भी गलत ही होगा।

इसी प्रकार बहुत से लोग व्यापार ही करना चाहते है। उन्हें कोई फर्क नही पड़ता कि यह कितना चुनौती भरा होता है। उन्हें कलाकारो की ही तरह अपना उत्पाद लोगो तक पहुंचाना है।

अगर उन्हें यह नही करने दिया गया तो यह पूरी तरह से गलत होगा।

इस तरह आप व्यापार के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं की बजाय ‘‘उम्मीद बनाम वास्तविकता‘‘ पर ध्यान दे और यह सोचे या जाने कि क्या आपकी उम्मीद, वास्तविकता है?

आप जिस तरह का उत्पाद बनाने की उम्मीद कर रहे है क्या वह वास्तविकता में बन सकता है?

आप जितने लाभ की उम्मीद कर रहे है क्या उतना लाभ वास्तविकता में कमाया जा सकता है?

आपकी उम्मीद और वास्तविकता का अंतर जितना कम होगा, व्यापार उतना ही सफल होगा।

Conclusion

स्टार्टअप शुरु करने वालो या व्यापारी बनने की चाहत रखने वालो के लिए व्यापारिक जीवन को समझना, व्यापार करने के लिए तैयार होने के बराबर है।

लोग इस तरह के जीवन को समझेंगे तभी तो इसके लिए उत्सुक हो पाऐंगे।

लेकिन इस तरह के जीवन को समझने के लिए यह समझना होगा कि व्यापारी के जीवन के सबसे बड़े और लम्बे समय तक चलने वाले हिस्से कौन से होते है? ना कि उन्हें महंगी गाडियों में घुमते हुए या महंगी जगहो में रहते हुए समझा जा सकता है।

हमने व्यापारियों की सेल्फ अवेयरनेस, व्यापार के लक्ष्य, संस्थापक के द्वारा किए जाने वाले निवेश, व्यापारिक ज्ञान और कौशल, कम्पनी के मानव संसाधन विभाग का प्रबंधन, व्यापारिक नियम, व्यापार के लिए आवश्यक प्रदर्शन की मांग, वित्तीय, बाजार या आर्थिक संकट और व्यापारिक जीवन की उम्मीद बनाम वास्तविकता पर बात की।

यह व्यापारिक जीवन के सबसे बडे़ और लम्बे समय तक चलाने वाले हिस्से होते है।

वास्तविकता में इन्ही को व्यापारिक जीवन माना जा सकता है।

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