4 Main/Basic Types of Money: पांचवा अभी अस्तित्‍व में आया है

types of money

Introduction

Types of money को समझने के लिए इसे कई पहलुओं (factors) के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है, जैसे-

  1. Basic Types of Money
  2. Historical Types of Money
  3. Modern Types of Money

Types of money को समझने के लिए इसे कई पहलुओं (factors) के आधार पर परिभाषित करते हुए, जो प्रकार सामने आते है उनमें से कुछ प्रकार एक-दूसरे से सम्‍बंधित भी हो सकते है, जैसे-

  • Modern types of money में सभी basic types of money के प्रकार सम्मिलित होते है।
  • Historical types of money के कुछ प्रकार basic types of money या modern types of money के प्रकारो में सम्मिलित हो सकते है।

लेकिन इस लेख में हम मुद्रा के मुक्ष्‍य और आधारभूत प्रकारो (main and basic types of money) पर चर्चा करेंगे।

Importance of Understanding Currency

एक इंसान के जीवन की अधिकतर सफलता उसके व्‍यवसायिक जीवन (professional life) की सफलता पर निर्भर करती है और व्‍यवसायिक जीवन की अधिकतर सफलता उस व्‍यवसाय में होने वाले लाभ या कमाएं गए धन पर निर्भर करती है।

किसी व्‍यवसाय में होने वाला लाभ या कमाएं जाने वाला धन ही उस व्‍यवसाय का निष्‍कर्ष होता है।

जिस व्‍यवसाय में जितना अधिक लाभ या धन होता है, वह व्‍यवसाय इंसानो को उतना ही अधिक आकर्षक लगता है।

इसलिए व्‍यापार को दूसरे व्‍यवसायों की तुलना में अधिक महत्‍व दिया जाता है। क्‍योंकि व्‍यापार से मिलने वाला लाभ या कमाएं जाने वाला धन दुनिया के सभी दूसरे व्‍यवसायों जैसे- कला या नौकरी से अधिक होता है।

नीचे दी गई link के माध्‍यम से व्‍यापार के निष्‍कर्ष के बारे में जाने-

Conclusion of Business: व्‍यापार को ही क्‍यूं चुना जाएं?

इस तरह जीवन की अधिकतर सफलता किसी व्‍यवसाय से मिलने वाले लाभ या कमाएं जाने वाले धन पर निर्भर करती है।

इसलिए मुद्रा और मुद्रा से सम्‍बंधित पहलुओं जैसे कि मुद्रा क्‍या होती है? मुद्रा के प्रकार (types of money) क्‍या है? या मुद्रा का प्रबंधन (money management) कैसे किया जाए? यह समझना जरुरी है।

इस तरह से धन का अपना महत्‍व है और इसे समझना आवश्‍यक है।

धन का महत्‍व हर व्‍यवसाय में है, लेकिन व्‍यापार में यह प्रमुख रुप से अपना महत्‍व रखता है।

नीचे दी गई link के माध्‍यम से धन के महत्‍व को विस्‍तार से जाने-

The IMPORTANCE of MONEY: व्‍यवसायी और धन की आँख मिचौली

Importance of Understanding Types of Money

सभी इंसानो को अपने व्‍यवसायिक जीवन का निष्‍कर्ष, लाभ या धन के रुप में मिलता है।

इसलिए हर इंसान मुद्रा और मुद्रा से सम्‍बंधित पहलुओं जैसे कि मुद्रा क्‍या होती है? मुद्र के प्रकार (types of money) क्‍या है? या मुद्रा का प्रबंधन (money management) कैसे किया जाए? यह समझना शुरु कर देता है।

अपने व्‍यवसायिक जीवन की कमाई को प्रबंधित करना भी जरुरी होता है, इससे कोई भी इंसान धन प्रबंधन के बारे में जागरुक होता है और धन को प्रबंधित करना शुरु करता है।

नीचे दी गई link के माध्‍यम से धन के प्रबंधन को विस्‍तार से जाने-

Money Management: tips फॉलो करने से पहले परिभाषा को समझिएं

जिस तरह किसी भी वस्‍तु को प्रबंधित करने के लिए उसके प्रकारो को जानना जरुरी है, उसी तरह मुद्रा या धन को प्रबंधित करने के लिए उसके प्रकारो को जानना जरुरी है।

Types of money को जानकर और समझकर ही प्रभावी रुप से इसे प्रबंधित किया जा सकता है, इसलिए types of money को समझना महत्‍वपूर्ण है।

What is Money?

types of money को जानने से पहले मुद्रा किसे कहते है? इसका जवाब जान लेते है।

तो, मुद्रा किसे कहते है? इसका जवाब जानने के लिए हम मुद्रा की परिभाषा को जानेंगे, जो कि इस प्रकार से है-

परिभाषा- ‘‘किसी देश की सरकारी या संवैधानिक व्‍यवस्‍था के द्वारा बनाई गई मुद्रा (currency) जिसे आम सहमति से स्‍वीकार किया जाता है, मनी या मुद्रा कहलाती है।’’

मनी या मुद्रा की परिभाषा को समझते हुए कुछ बिन्‍दुओं का ध्‍यान रखना चाहिए, जैसे-

  • मनी या मुद्रा सरकारी या संवैधानिक नियमों से ही परिभाषित होती है और किसी सरकारी शाखा या विभाग के द्वारा ही बनाई जाती है। किसी इंसान (individual) या गैर-सरकारी संस्‍था के द्वारा बनाई गई मुद्रा को मान्‍य नही किया जाता है। साथ ही ऐसा करना गैर-कानूनी भी होता है।
  • किसी भी देश की सरकार या संवैधानिक व्‍यवस्‍था उस देश में स्‍वीकार की जाने वाली मुद्रा को परिभाषित करते है। इसलिए एक देश की मु्द्रा को दूसरे देश के बाज़ार में नही स्‍वीकार किया जाता है। इस कारण एक देश में स्‍वीकार की जाने वाली मुद्रा को सरकार या संवैधानिक व्‍यवस्‍था अपने अनुसार परिभाषित करती है। इस तरह एक देश की मुद्रा की परिभाषा दूसरे देश में स्‍वीकार की जाने वाली मुद्रा की परिभाषा से अलग भी हो सकती है।
  • दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था तेजी से बदल रही है। वर्तमान में जो मुद्रा के प्रकार प्रचलन में है, भविष्‍य में वह बदल भी सकते है, इसलिए मुद्रा की परिभाषा भी बदल सकती है। भविष्‍य में बहुत से देश मुद्रा के मूलभूल प्रकारो को ही प्रचलन में रख सकते है और बहुत से देश मुद्रा के मूलभूल प्रकारो के साथ भविष्‍य के प्रकारो को भी शामिल कर सकते है। इस तरह इन दोनो देशो की मुद्राओं की परिभाषाएं एक-दूसरे से अलग भी हो सकती है।
  • कुछ मुद्रा के प्रकार कुछ देशों में गैर-संवैधानिक घोषित हो सकते है, वही मुद्रा के वह प्रकार कुछ देशों में संवैधानिक घोषित होकर आम सहमति से स्‍वीकार किया जा सकते है। इस तरह मुद्रा के कुछ प्रकार जिन देशों में गैर-संवैधानिक घोषित हुए है, उन देशों की मुद्रा की परिभाषा, संवैधानिक घोषित हुए मुद्रा के प्रकारो की परिभाषा से अलग भी हो सकती है।

इस तरह निम्‍न बिन्‍दुओं के अनुसार मुद्रा की अलग-अलग परिभाषाएं हो सकती है, लेकिन यहां दी गई परिभाषा लगभग सभी देशों में, लगभग सभी स्थितियों में लागू होती है और हर जगह स्‍वीकार की जाती है।

Main/Basic Types of Money

मुद्रा के प्रकार कई होते है। मुद्रा के मूलभूत प्रकारो की संख्‍या प्रमुख रुप से और अधिकतर बार 4 होती है।

दूसरे शब्‍दो में कहा जाए तो आधारभूत types of money 4 प्रकार की होती है, जो कि इस प्रकार से है-

  1. Fiat Money
  2. Commodity Money
  3. Commercial Money
  4. Fiduciary Money

मुद्रा के यही मुख्‍य 4 प्रकार है। जिनकी परिभाषाएं और जिनके उदाहरण लगभग सभी देशों में, सभी स्थितियों में लागू होते है और सभी संवैधानिक संस्‍थाओं के द्वारा स्‍वीकार किए जाते है।

इनके अलावा भी कुछ प्रकार होते है, जो वास्‍तविकता (tangibility), उपयोग (usage), मान्‍यता प्राप्‍त (legal) या गैर-कानूनी (non-legal) आधार पर परिभाषित किए जा सकते है।

इसके साथ ही मुद्रा को ऐतिहासिक (historical), आधुनिक (modern) या भावी (futuristic) आधार पर भी अलग-अलग वर्गो में बांटा जा सकता है या इनके आधार पर परिभाषित किया जा सकता है।

तो, types of money को विस्‍तार से समझते है-

1. Fiat Money

यह मुद्रा का एक प्रमुख प्रकार या रुप है।

यह सरकारी या संवैधानिक नियमों से परिभाषित होती है और किसी सरकारी शाखा या विभाग के द्वारा बनाई जाती है।

किसी सरकारी शाखा या विभाग के द्वारा बनाई गई इस मुद्रा का मूल्‍य सरकार के आदेश पर निर्भर करता है और इसे जारी करना या लागू करना भी सरकार के आदेश पर निर्भर करता है।

Examples

US dollar, Euro, Indian Rupee etc.

2. Commodity Money

Commodity का हिन्‍दी अर्थ ‘‘वस्‍तु’’ होता है।

वस्‍तु जिसका कोई आंतरिक मूल्‍य हो।

इस तरह ऐसी वस्‍तु या वस्‍तुएं जिसका कोई आंतरिक मूल्‍य हो commodity money कहलाती है।

वस्‍तु विनिमय (barter system) की समस्‍याओं के समाधान के रुप में यह मुद्रा अधिक प्रचलित हुई।

यह वह मुद्रा है जिसका मूल्‍य उस पर निर्भर करता है, जिससे वह वस्‍तु बनी है।

Examples

Gold, Silver, Aluminum etc.

3. Commercial Money

Commercial का हिन्‍दी अर्थ ‘‘वाणिज्यिक’’ होता है।

सामान्‍य रुप से वाणिज्यिक किसी व्‍यवसाय या वाणिज्‍य से सम्‍बंधित होता है।

वाणिज्यिक मुद्रा (commercial money) को वाणिज्यिक बैंकों (commercial banks) के द्वारा बनाया जाता है, यह बैंक ग्राहको से जमा राशि के रुप में धन लेकर उसे अन्‍य ग्राहको को देते है।

Examples

Personal loans, Deposits, Credit etc.

4. Fiduciary Money

Fiduciary money को हिन्‍दी में ‘‘प्रत्‍ययी धन’’ कहा जाता है।

प्रत्‍ययी धन भुगतानकर्ता (payer) और प्राप्‍तकर्ता (payee) के विश्‍वास पर निर्भर करता है, साथ ही इसका मूल्‍य भी विश्‍वास पर निर्भर करता है।

मुद्रा के इस प्रकार में सरकार या कानून की तरफ से कोई कानूनी निविदा (legal tender) का हस्‍तक्षेप (interference) नही होता है।

बल्कि इसमें भुगतानकर्ता किसी प्राप्‍तकर्ता को भविष्‍य में धन का भुगतान करने का वादा करता है।

Examples

Checks, Drafts, Electronic Credit etc.

मुद्रा के इन 4 प्रकारो के अलावा एक और प्रकार है जो मुद्रा के मुख्‍य प्रकारो में शामिल किया जा सकता है, वह है- Digital Money.

5. Digital Money

मुद्रा के कुछ प्रकारो को वास्‍तविकता (tangibility) के आधार पर भी परिभाषित किया जा सकता है।

मुद्रा को वास्‍तविकता के आधार पर परिभाषित करते हुए सबसे पहले digital money का ही नाम सामने आता है।

साथ ही इस मुद्रा को आधुनिक (modern) आधार पर भी परिभाषित किया जा सकता है।

यह मुद्रा internet के अविष्‍कार और technology के उन्‍नत (advance) होने के कारण अधिक प्रचलित हुई है।

इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह केवल electronic रुप में ही होती है।

Examples

Internet Banking, Online Banking, Mobile Payment etc.

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Conclusion

मुद्रा और मुद्रा के प्रकार को समझना इसलिए जरुरी है क्‍योंकि यह धन प्रबंधन में सहायता करता है, इससे धन को अधिक प्रभावी रुप से प्रबंधित किया जा सकता है।

मुद्रा के आधारभूत प्रकारो की जानकारी होने से एक इंसान धन प्रबंधन के लिए मुद्रा के अलग-अलग प्रकारो के अनुसार अलग-अलग रणनीतियां बना सकता है और उन्‍हें लागू कर सकता है।

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