प्रॉफिट मार्जिन फॉर्मूला (Profit Margin Formula) हिन्‍दी में

प्रॉफिट मार्जिन

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व्यवसाय की सफलता को मापने के लिए केवल बिक्री (Sales) और मुनाफे (Profit) की राशि देखना पर्याप्त नहीं होता। यह समझना भी ज़रूरी है कि कुल बिक्री में से वास्तविक लाभ कितना प्रतिशत आ रहा है। यही जानकारी हमें प्रॉफिट मार्जिन (Profit Margin) से मिलती है।

प्रॉफिट मार्जिन किसी कंपनी या व्यवसाय की लाभप्रदता (Profitability) को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपात (Financial Ratio) है। यह बताता है कि हर ₹100 की बिक्री में से व्यवसाय के पास कितना लाभ बच रहा है।

प्रॉफिट मार्जिन का सामान्य सूत्र इस प्रकार है:

Profit Margin (%)=Net ProfitRevenue×100\text{Profit Margin (\%)} = \frac{\text{Net Profit}}{\text{Revenue}} \times 100

जहाँ,

  • Net Profit (शुद्ध लाभ) = कुल राजस्व (Total Revenue) – कुल व्यय (Total Expenses)

  • Revenue (राजस्व) = कुल बिक्री (Total Sales)

उदाहरण द्वारा समझें

मान लीजिए किसी व्यवसाय का कुल राजस्व (Revenue) ₹5,00,000 है और सभी खर्चों (Expenses) को घटाने के बाद शुद्ध लाभ (Net Profit) ₹1,00,000 बचता है।

तो,

Profit Margin=1,00,0005,00,000×100=20%\text{Profit Margin} = \frac{1,00,000}{5,00,000} \times 100 = 20\%

इसका अर्थ है कि व्यवसाय हर 100 रुपये की बिक्री पर 20 रुपये का लाभ कमा रहा है।

प्रॉफिट मार्जिन के प्रकार

प्रॉफिट मार्जिन को तीन मुख्य प्रकारों में समझा जा सकता है:

  1. ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन (Gross Profit Margin):

    Gross Profit Margin (%)=Gross ProfitRevenue×100\text{Gross Profit Margin (\%)} = \frac{\text{Gross Profit}}{\text{Revenue}} \times 100

    यह केवल बिक्री और उत्पादन लागत (COGS – Cost of Goods Sold) के आधार पर लाभ दर्शाता है।

  2. ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (Operating Profit Margin):

    Operating Profit Margin (%)=Operating ProfitRevenue×100\text{Operating Profit Margin (\%)} = \frac{\text{Operating Profit}}{\text{Revenue}} \times 100

    इसमें व्यवसाय के ऑपरेटिंग खर्च जैसे वेतन, किराया, बिजली आदि को घटाने के बाद का लाभ शामिल होता है।

  3. नेट प्रॉफिट मार्जिन (Net Profit Margin):

    Net Profit Margin (%)=Net ProfitRevenue×100\text{Net Profit Margin (\%)} = \frac{\text{Net Profit}}{\text{Revenue}} \times 100

    इसमें टैक्स, ब्याज और अन्य सभी खर्च घटाने के बाद का वास्तविक लाभ दिखता है।

प्रॉफिट मार्जिन के प्रकारों की तुलना

प्रकार (Type)फॉर्मूला (Formula)शामिल खर्च (Included Costs)
ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन (Gross Profit Margin)Gross Profit ÷ Revenue × 100\text{Gross Profit ÷ Revenue × 100}केवल उत्पादन लागत (COGS – Cost of Goods Sold) घटाई जाती है
ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (Operating Profit Margin)Operating Profit ÷ Revenue × 100\text{Operating Profit ÷ Revenue × 100}उत्पादन लागत + ऑपरेटिंग खर्च (वेतन, किराया, बिजली, रखरखाव आदि)
नेट प्रॉफिट मार्जिन (Net Profit Margin)Net Profit ÷ Revenue × 100\text{Net Profit ÷ Revenue × 100}सभी खर्च शामिल – COGS + ऑपरेटिंग खर्च + टैक्स + ब्याज

प्रॉफिट मार्जिन का महत्व

  1. व्यवसाय की लाभप्रदता का माप: यह बताता है कि कंपनी कितना प्रभावी ढंग से बिक्री को लाभ में बदल रही है।

  2. निवेशकों के लिए उपयोगी: उच्च प्रॉफिट मार्जिन वाली कंपनियाँ निवेशकों के लिए आकर्षक होती हैं।

  3. प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण: एक ही उद्योग की विभिन्न कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन की तुलना करके उनकी कार्यक्षमता जानी जा सकती है।

  4. निर्णय लेने में मददगार: कम प्रॉफिट मार्जिन यह संकेत देता है कि लागत को कम करने या बिक्री बढ़ाने की ज़रूरत है।

प्रॉफिट एंड लॉस फॉर्मूला (Profit and Loss Formula) और उदाहरण

निष्कर्ष

प्रॉफिट मार्जिन फॉर्मूला व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और उसकी लाभप्रदता को मापने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। यदि किसी कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन लगातार अच्छा है, तो यह उसकी लागत नियंत्रण और मजबूत प्रबंधन क्षमता को दर्शाता है। वहीं कम मार्जिन व्यवसाय के लिए एक चेतावनी संकेत भी हो सकता है।

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