
Introduction
Product Life Cycle को किसी भी उत्पाद के जीवन की यात्रा कहा जा सकता हैं।
यह उत्पाद के बनने से लेकर, उसके बाज़ार में आने तक की प्रक्रिया हैं।
इस प्रक्रिया या यात्रा को ही product life cycle या PLC कहा जाता हैं।
यह अपने व्यापार के बारे में रणनीति बनाने और उसे प्रभावी रुप से लागू करने के लिए जरुरी हैं।
इसलिए उद्यमियों और स्टार्टअप संस्थापकों के लिए PLC को समझना जरुरी हैं।
साथ ही यह निवेश से सम्बंधित निर्णय लेने में भी बहुत उपयोगी होती हैं।
इस लेख में product life cycle के प्रत्येक चरण और उन चरणों को लागू करने के लिए उपयोगी रणनीति पर उदाहरण सहित विस्तार से चर्चा की गई हैं।
What Is the Product Life Cycle?
Product Life Cycle एक तरह का model है।
इसमें 5 मुख्य चरण होते हैं।
यह चरण किसी भी उत्पाद की प्रगति का वर्णन करते हैं।
- Development Stage
- Introduction Stage
- Growth Stage
- Maturity Stage
- Decline Stage
कभी-कभी आपको product life cycle की प्रक्रिया में 4 चरण देखने या पढ़ने को मिल सकते हैं।
या ऐसा भी हो सकता हैं कि आपको पहला चरण (Development Stage) देखने या पढ़ने को ना मिले।
इस तरह से यह भी कहा जा सकता हैं कि product life cycle की प्रक्रिया में 4 मुख्य चरण होते हैं।
लेकिन हम यहां पांचों मुख्य चरणों पर चर्चा करेंगे।
5 Stages of Product Life Cycle
प्रत्येक चरण की अपनी विशेषताएं, चुनौतियां और रणनीतिक दृष्टिकोण होते हैं।
इन्हें समझने से व्यवसायों को मांग में होने वाले बदलावों का अनुमान लगाने, मार्केटिंग रणनीतियों को अनुकूलित करने, लागतों का प्रबंधन करने और उत्पाद को अधिक विकसित या बंद करने की योजना बनाने में मदद मिलती है।
आईए इन्हें विस्तार से समझते हैं-
1. Development Stage
Overview:
यह उत्पाद को बाज़ार में उतारने से पहले का चरण है।
जिसमें उत्पाद पर शोध किया जाता हैं, उसे रुप दिया जाता हैं और उसका विकास किया जाता है।
इस चरण के दौरान कोई बिक्री नहीं होती है और इसमें आम तौर पर निवेश और जोखिम शामिल होता है।
Key Features:
- इसमें ग्राहकों की ज़रूरतों का आकलन करने के लिए बाज़ार पर अनुसंधान किया जाता है।
- इसमें उत्पाद अवधारणाओं का परीक्षण किया जाता है और उन्हें prototypes में विकसित किया जाता है।
- इसमें बिना किसी मुनाफे के अनुसंधान और विकास पर खर्च करना होता हैं।
- इसमें उत्पाद की असफलता का जोखिम शामिल होता हैं।
Objectives:
- इस चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपने उत्पाद को अंतिम रूप दें।
- Feedback loops के माध्यम से product-market पर गइराई से शोध करे।
- Successful launch (packaging, branding, positioning) के लिए तैयारी करें।
Example:
Apple महीनों या वर्षों तक आंतरिक रूप से नए iPhone models को designs और परीक्षण करता है।
2. Introduction Stage
Overview:
इस चरण में उत्पाद को बाज़ार में उतारा जाता है।
जैसे-जैसे उत्पाद की बिक्री बढ़ती है, ग्राहको में जागरूकता पैदा करने और उत्पाद की मांग को प्रोत्साहित करने के लिए marketing efforts तेज़ करने पड़ते हैं।
Key Features:
- इस चरण में कम बिक्री की संभावना बनी रहती हैं।
- इसमें marketing और promotional costs शामिल होते हैं।
- स्टार्टअप में लगे निवेश के कारण इस चरण में negative profits का सामना करना पड़ता हैं।
- इस चरण में लोगो की आपके उत्पाद के प्रति जागरुकता या उपभोक्ता जागरूकता कम होती हैं।
- इस चरण में distribution networks स्थापित किए जाते हैं, जो स्टार्टअप की बिक्री का आधार होते हैं।
Strategies:
- इस चरण में सफलता पाने के लिए penetration pricing निर्धारण (बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कम कीमत) का उपयोग करे।
- या इसमें skimming pricing निर्धारण (लागत वसूलने के लिए उच्च प्रारंभिक मूल्य) का उपयोग भी किया जा सकता हैं।
- इसमें early adopters और innovators पर ध्यान केंद्रित करें।
- संभावित ग्राहकों को सूचित करने के लिए प्रचार करे।
Challenges:
- बाजार को नए उत्पाद को आजमाने के लिए राजी करना।
- प्रारंभिक उत्पादन से सम्बंधित मुद्दों से निपटना।
- उत्पाद के जल्दी खराब होने का जोखिम उठाना।
Example:
2008 में जब Tesla Roadster को लॉन्च किया गया था, तब यह अपने शुरूआती चरण में था। यह महंगा, विशिष्ट और इलेक्ट्रिक वाहनों को शीघ्र अपनाने वालों को लक्षित करने वाला था।
3. Growth Stage
Overview:
जैसे-जैसे उत्पाद को स्वीकृति मिलती है, तो बिक्री तेज़ी से बढ़ने लगती है।
इसके कारण मुनाफ़ा बढ़ता है।
इस स्थिति में आप प्रतिस्पर्धी बाज़ार में प्रवेश करना शुरू कर सकते हैं।
Key Features:
- इस चरण में बिक्री और राजस्व में तेजी से वृद्धि होती हैं।
- व्यवस्थित अर्थव्यवस्थाओं के कारण भी मुनाफे में वृद्धि होती हैं।
- इस चरण में वितरण और ग्राहक आधार का विस्तार होता हैं।
- इसमें बाजार हिस्सेदारी एक प्रमुख लक्ष्य बन जाती है।
- आपके प्रतिस्पर्धी भी आपके समान उत्पाद बनाना करना शुरू कर देते हैं।
Strategies:
- उत्पाद की विशेषताओं और गुणवत्ता में सुधार करें।
- Distribution channels का विस्तार करें।
- प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए मूल्य निर्धारण को समायोजित करें।
- अंतर पैदा करने के लिए branding का उपयोग करें।
- Customer feedback और loyalty programs पर ध्यान केंद्रित करें।
Challenges:
- प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन करना।
- विकास की गति को बनाए रखना।
- Brand के कमजोर होने को रोकना।
Example:
2010 के दशक के प्रारंभ में smartphones, विशेषकर iPhone में तीव्र वृद्धि देखी गई, क्योंकि उपभोक्ता मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई तथा प्रौद्योगिकी परिपक्व हुई।
4. Maturity Stage
Overview:
जैसे ही उत्पाद बाज़ार में अपने चरम पर पहुंचता है, बिक्री की वृद्धि धीमी हो जाती है।
बाज़ार संतृप्त (saturated) हो जाता है और प्रतिस्पर्धा तेज़ हो जाती है।
Key Features:
- इस चरण में बिक्री चरम पर होती है और फिर स्थिर हो जाती है या धीरे-धीरे कम हो जाती है।
- बाजार संतृप्ति, price war की ओर ले जाती है।
- Profit margins कम होना शुरू हो सकता है।
- Product differentiation महत्वपूर्ण हो जाता है।
- Marketing, बाजार हिस्सेदारी की रक्षा पर केंद्रित होती है।
Strategies:
- इस चरण में सफलता पाने के लिए उत्पाद की विशेषताओं को बेहतर बनाएँ।
- नए बाज़ारों की खोज करें।
- Promotions या loyalty programs में भाग लें।
- लागत कम करने के लिए operational efficiency को अनुकूलित करें।
- Product line extensions पर विचार करें।
Challenges:
- उत्पाद को प्रासंगिक बनाए रखना।
- घटते profit margins का प्रबंधन करना।
- यह तय करना कि उत्पाद को कब और कैसे नया रूप देना है? या चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना है।
Example:
Coca-Cola और Pepsi जैसे soft drinks लंबे समय से परिपक्वता के चरण में हैं। यह कंपनियां प्रभुत्व बनाए रखने के लिए brand loyalty और global distribution पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
5. Decline Stage
Overview:
इस चरण में market saturation और technological changes के कारण बिक्री और मुनाफे में गिरावट शुरू हो जाती है।
इसका एक प्रमुख कारण ग्राहको की मांग में बदलाव होना भी होता हैं।
Key Features:
- इस चरण में बिक्री और लाभप्रदता में लगातार गिरावट होती हैं।
- ग्राहकों की रुचि और उपयोग में कमी आती हैं।
- खुदरा विक्रेता shelf space को कम या बंद कर सकते हैं।
- कंपनी, समर्थन या अपडेट बंद कर सकती है।
Strategies:
- Harvesting: बिक्री में गिरावट के बावजूद लाभप्रदता बनाए रखने के लिए लागत कम करें।
- Divesting: उत्पाद को बेचें या उत्पाद बनाना बंद कर दे।
- Rejuvenation: यदि संभव हो तो उत्पाद को पुनः ब्रांड करें, पुनः स्थापित करें या सुधारें।
Challenges:
- उत्पाद को पुनर्जीवित करना, प्रतिस्थापित करना या बंद करना है या नहीं? यह तय करना।
- ग्राहक और साझेदार की अपेक्षाओं का प्रबंधन करना।
- बाज़ार से बाहर निकलते समय नुकसान को कम करना।
Example:
Streaming services और smartphone cameras के उदय के साथ ही DVD players और पारंपरिक फिल्म कैमरे गिरावट के दौर में पहुंच गए।
Extending the Product Life Cycle
सभी तरह के उत्पादों की कीमत में तेज़ी से गिरावट हो, ऐसा जरुरी नहीं है।
उत्पाद की आयु बढ़ाने के लिए व्यवसाय कुछ रणनीतिक कदम उठा सकते हैं:
- अपने उत्पाद की rebranding करे।
- तकनीक का उचित उपयोग करे।
- नए बाज़ारों की खोज करे।
- अपने उत्पाद में नई सुविधाएं प्रदान करे।
Conclusion
Product life cycle एक सैद्धांतिक मॉडल (theoretical model) से कहीं अधिक है, यह नवाचार, विकास और लाभप्रदता के प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
प्रतिस्पर्धी बाजारों में आगे बढ़ने वाले स्टार्टअप के लिए, उत्पाद के जीवन चरण के साथ व्यावसायिक रणनीतियों को संरेखित करना दीर्घकालिक सफलता और समय से पहले विफलता के बीच का अंतर हो सकता है।
PLC को प्रभावी रुप से लागू करके और सक्रिय रूप से योजना बनाकर, उद्यमी अपने उत्पादों की सफलता को बढ़ा सकते हैं और लगातार विकसित हो रहे बाजारों में प्रासंगिकता बनाए रख सकते हैं।