अपने बिजनेस आईडिया को कैसे पहचाने?

अपने बिजनेस आईडिया को कैसे पहचाने?

Introduction

कोई भी कम्‍पनी एक छोटे-से आईडिया से शुरु होती है इसलिए आईडिया किसी भी कम्‍पनी की आधारशिला होता है। कोई भी कम्‍पनी उसके अपने बिजनेस आईडिया को ध्‍यान में रखकर ही आगे बढ़ती है और साथ ही अपना विकास करती है।

कम्‍पनी में गठन किए जा रहे विभाग उस कम्‍पनी के अपने बिजनेस आईडिया के अनुसार ही स्‍थापित किए जाते है और उन विभागो का कार्य भी आईडिया के अनुसार ही निर्धारित होता है, साथ ही कम्‍पनी अपने आईडिया के अनुसार ही अपना विस्‍तार करती है।

अगर आप व्‍यापार करना चाहते है तो बिजनेस आईडिया, आपकी भविष्‍य की कम्‍पनी की आधारशिला होता है, इसलिए अपने बिजनेस आईडिया को पहचानना और उसे अमल में लाना किसी भी व्‍यापारी के जीवन का सबसे महत्‍वपूर्ण फैसला और कार्य होता है।

लेकिन बहुत से लोग जो व्‍यापार करना चाहते है, वह अपने बिजनेस आइडिया को लेकर अस्‍पष्‍ट और संदेह से भरे होते है। अपने बिजनेस आईडिया के सम्‍बंध में अस्‍पष्‍ट और संदेह से भरा होना सामान्‍य विचार है, क्‍योंकि वह किसी भी इंसान के जीवन का एक महत्‍वपूर्ण पहलु है।

इतने महत्‍वपूर्ण पहलु के बारे में मन में कई तरह के संकोच भी होते है कि क्‍या उन्‍हें आया हुआ आईडिया बिजनेस आईडिया है? क्‍या इस आईडिया को लेकर बिजनेस शुरु किया जा सकता है? क्‍या यह सफल हो पाएगा? क्‍या इस आईडिया को फिर से जांच लेना चाहिए? और भी बहुत कुछ।

इस लेख के माध्‍यम से आपको एक बिजनेस आईडिया को पहचानने, उससे सम्‍बंधित व्‍यापार शुरु करने, उसकी सफलता के बारे में जानने और अपने आईडिया को फिर से जांचने जैसे सवालो के जवाब मिल पाएंगे।

What is an Idea

अपने बिजनेस आईडिया को पहचानने और उसके आधार पर स्‍टार्टअप शुरु करने से पहले किसी आईडिया की व्‍याख्‍या और उसकी परिभाषा को समझना जरुरी है, क्‍योंकि आपको आया हुआ हर आईडिया व्‍यापार से सम्‍बंधित हो, ऐसा जरुरी नही है।

Explanation of an Idea

आईडिया को एक तरह की कल्‍पना माना जा सकता है, सबसे पहले कोई भी आईडिया किसी की कल्‍पना के रुप में ही होता है। कल्‍पना के बाद ही वह वास्‍तविक रुप में आता है या ऐसा भी हो सकता है कि वह सिर्फ कल्‍पना ही बनकर रह जाए और कभी वास्‍तविक रुप में ना आ पाए।

तो, अगर कोई कल्‍पना कभी वास्‍तविक रुप ना ले पाए तो उसे एक आईडिया मापा जा सकता है लेकिन उसकी सफलता को कभी मापा नही जा सकता है।

किसी कल्‍पना की सफलता या असफलता को तभी मापा जा सकता है जब वह वास्‍तविक रुप ले ले और फिर अपने परिणामों के अनुसार सफल या असफल हो जाए।

इसलिए किसी भी तरह की कल्‍पना या आईडिया में वास्‍तविक रुप का महत्‍व होता है, क्‍योंकि वास्‍तविक रुप से ही उसके निष्‍कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।

Definition of an Idea

परिभाषा- ‘‘किसी भी तरह की कल्‍पना जिसका वास्‍तविक रुप सफलता में योगदान दे सकता है, उसे एक आईडिया कहा जा सकता है।’’

What is a Business Idea

अपने दैनिक जीवन में हर इंसान को कई तरह के विचार या आईडिया आते है, लेकिन उनमें से हर एक बिजनेस आईडिया हो ऐसा जरुरी नही है। वह विचार किसी दूसरे क्षेत्र से सम्‍बंधित भी होते है और साथ ही कई विचारो का कोई आधार भी नही होता है।

बिजनेस आईडिया उन विचारो या कल्‍पनाओं को कहा जा सकता है, जो बिजनेस से सम्‍बंधित हो। जिनके आधार पर बिजनेस शुरु किया जा सके और साथ ही जो वास्‍तविकता में बदलने के लायक हो और व्‍यापारी को लाभ कमा कर दे सके।

Explanation of a Business Idea

बिजनेस आईडिया की व्‍याख्‍या किसी भी तरह के आईडिया की व्‍याख्‍या के समान ही होती है, लेकिन इसमें अंतर यह होता है कि वह आईडिया बिजनेस से सम्‍बंधित होता है और उसकी व्‍याख्‍या भी बिजनेस से सम्‍बंधित होती है।

बिजनेस आईडिया को भी एक तरह की कल्‍पना माना जा सकता है, सबसे पहले कोई भी बिजनेस आईडिया किसी की कल्‍पना के रुप में ही होता है। कल्‍पना के बाद ही वह वास्‍तविक रुप में आता है या ऐसा भी हो सकता है कि वह सिर्फ कल्‍पना ही बनकर रह जाए और कभी वास्‍तविक रुप में ना आ पाए।

तो, अगर बिजनेस से सम्‍बंधित कोई कल्‍पना कभी वास्‍तविक रुप ना ले पाए तो उसे एक बिजनेस आईडिया माना जा सकता है लेकिन उसकी सफलता को कभी मापा नही जा सकता है।

बिजनेस से सम्‍बंधित कल्‍पना की सफलता या असफलता को तभी मापा जा सकता है जब वह वास्‍तविक रुप ले ले और फिर अपने परिणामों के अनुसार व्‍यापारिक दुनिया में सफल या असफल हो जाए।

इसलिए किसी भी तरह की बिजनेस से सम्‍बंधित कल्‍पना या आईडिया में वास्‍तविक रुप का महत्‍व होता है, क्‍योंकि वास्‍तविक रुप से ही उसके निष्‍कर्ष तक पहुंचा जा सकता है या यह माना जा सकता है कि यह आईडिया सफल या असफल है।

Definition of a Business Idea

परिभाषा- ‘‘किसी भी तरह की व्‍यापारिक कल्‍पना जिसका वास्‍तविक रुप व्‍यापार की सफलता में योगदान दे सकता है, उसे एक बिजनेस आईडिया कहा जा सकता है।’’

Be Positive With Your Business Idea

भविष्‍य में व्‍यापार करने की चाहत रखने वाले या व्‍यापारिक शिक्षा ग्रहण करने वाले students, अपने आईडिया को अमल में लाने की सोचने वाले लोगो या स्‍टार्टअप शुरु करने वाले नए व्‍यापारियों के मन में यह विचार आ सकता है कि उनका अपना बिजनेेस आईडिया सफल होगा या नही।

दुनिया में 8 अरब लोग है, अगर वह सब एक दिन में एक बार भी विचार कर ले तो दुनिया में एक ही दिन में 8 अरब आईडिया होंगे। तो व्‍यापार शुरु करने वाला कोई इंसान यह कैसे मान ले कि उसका आईडिया उसे सफलता दिला सकता है और यह दूसरे लोगो के आईडिया से अलग है?

इस तरह अपने आईडिया को लेकर कई तरह के संदेह हो सकते है, क्‍योंकि आईडिया किसी भी कम्‍पनी के भविष्‍य का आधार होता है और एक व्‍यापारी की सफलता उसके आईडिया पर निर्भर करती है इसलिए इस तरह के संदेह को दूर करना भी जरुरी हो जाता है।

आप निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से अपने बिजनेस आईडिया से सम्‍बंधित संदेह (doubt) और हीन भावना (inferiority complex) को दूर कर सकते है-

  1. दुनिया में 8 अरब लोग है, अगर वह सब एक दिन में एक बार भी विचार कर ले तो दुनिया में एक ही दिन में 8 अरब आईडिया होंगे। लेकिन इनमें बच्‍चे भी तो है और वह लोग भी है जिनकी उम्र अधिक है, इसलिए आपका यह सोचना कि आपका सामना दुनिया के 8 अरब लोगो से है, यह पूरी से तरह गलत है।
  2. दैनिक जीवन में सभी को कई तरह के विचार आते है, लेकिन वह सभी विचार व्‍यापार से सम्‍बंधित नही होते है।
  3. बहुत से लोगो को व्‍यापार से सम्‍बंधित विचार या आईडिया आ सकते है लेकिन वह सभी एक ही बार में एक छोटे से विचार के आधार पर व्‍यापार शुरु कर देंगे ऐसा जरुरी नही है।
  4. बहुत से लोगो के पास कोई बिजनेस आईडिया हो सकता है लेकिन उनके पास उस आईडिया को अमल में लाने की सुविधाएं भी हो ऐसा जरुरी नही है।
  5. हो सकता है कि बहुत से लोग अपने आईडिया को अमल में लाकर व्‍यापार में सफल हो जाए लेकिन आपने यह कैसे मान लिया कि वह आपके प्रतिस्‍पर्धी है? हो सकता है कि वह किसी दूसरे व्‍यापारिक क्षेत्र से सम्‍बंधित व्‍यापार कर रहे हो।
  6. हो सकता है कि वह आपके अपने क्षेत्र से सम्‍बंधित व्‍यापार कर रहे हो, लेकिन क्‍या वह आपके अपने देश या राज्‍य में व्‍यापार कर रहे है? या किसी दूसरे देश में व्‍यापार कर रहे है? अगर वह किसी दूसरे देश में व्‍यापार कर रहे है तो वह प्रतिस्‍पर्धी कैसे हुए?
  7. आईडिया व्‍यापार का आधार होता है लेकिन व्‍यापारिक सफलता सिर्फ आईडिया पर निर्भर नही करती है, व्‍यापारिक सफलता में अन्‍य बहुत से पहलु शामिल होते है जिनमें लगातार सफलता पाना जरुरी है। अगर कोई आपके अपने आईडिया से सम्‍बंधित क्षेत्र में आपके अपने देश में व्‍यापार कर रहा है तो वह आपका प्रतिस्‍पर्धी हो सकता है लेकिन वह हमेशा आपका प्रतिस्‍पर्धी ही रहे ऐसा जरुरी नही है। हो सकता है कि व्‍यापारिक सफलता के अन्‍य पहलुओं में वह असफल हो जाए और बाज़ार से बाहर हो जाए।

इस तरह आपका सामना दुनिया के 8 अरब लोगो से नही है, वह आपके प्रतिस्‍पर्धी भी नही है। आपके प्रतिस्‍पर्धी सिर्फ कुछ ही व्‍यापारी है जो आपके अपने बिजनेस आईडिया से सम्‍बंधित व्‍यापार कर रहे है, जो आपके अपने देश में व्‍यापार कर रहे है और जो व्‍यापार को सफल बनाने वाले अन्‍य सभी पहलुओं में भी सफल हो रहे है।

Start With Small

बड़ी और सफल कम्‍पनियां एक छोटे से आईडिया से शुरु होती है और शुरुआत में उनका व्‍यापार भी छोटा ही होता है। वह शुरुआत में कम ही उत्‍पादो का निर्माण कर पाते है और उनके ग्राहक भी कम ही होते है। उनके स्‍टार्टअप में नियुक्‍त हुए कर्मचारियों की संख्‍या कम होती है और स्‍टार्टअप में लगने वाला निवेश भी कम ही होता है।

लेकिन जैसे ही समय के साथ वह कम्‍पनियां बड़ी और सफल होती जाती है, तो उनका व्‍यापार भी बड़ा होता जाता है। वह बड़ी संख्‍या में उत्‍पादो का निर्माण करती है और उसके ग्राहक बढ़ते जाते है। कम्‍पनी में नियुक्‍त होने वाले कर्मचारियों की संख्‍या बढ़ते जाती है और कम्‍पनी में लगने वाला निवेश भी बढ़ते जाता है।

इसलिए भविष्‍य में एक बड़ी और सफल कम्‍पनी बनने के लिए वर्तमान में आपके स्‍टार्टअप का छोटा होना पर्याप्‍त है। स्‍टार्टअप की शुरुआत में आपको यह नही सोचना चाहिए कि बड़ी संख्‍या में उत्‍पादो का निर्माण करना होगा, बड़ी संख्‍या में ग्राहक लाने होंगे, हजारो कर्मचारियों की नियुक्तियां करनी होगी या निवेशको से बहुत अधिक मात्रा में निवेश लाने की जरुरत होगी।

कम्‍पनियां सबसे पहले Small Businesses के रुप में ही होती है, चाहे उनका भविष्‍य कुछ भी हो, चाहे वह सफल हो या दिवालिया, चाहे उनके संस्‍थापक अधिक कुशल ही क्‍यूं ना हो, चाहे उनका उत्‍पाद सबसे बेहतर क्‍यूं ना हो या चाहे वह निवेशको से अधिक निवेश क्‍यू ना ले आए हो?

इसलिए अपने आईडिया को पहचानने के लिए, उसकी सफलता या असफलता को जांचने के लिए, आईडिया को अमल में लाने के लिए या एक बड़ी और सफल कम्‍पनी बनने के लिए भविष्‍य में व्‍यापार करने की चाहत रखने वाले या व्‍यापारिक शिक्षा ग्रहण करने वाले students, अपने आईडिया को अमल में लाने की सोचने वाले लोगो या स्‍टार्टअप शुरु करने वाले नए व्‍यापारियों को हमेशा छोटे व्‍यवसाय (small business) पर ही ध्‍यान देना चाहिए और उसे ही अमल में लाने की सोचना चाहिए।

Small Businesses से सम्‍बंधित कुछ महत्‍वपूर्ण बिन्‍दु इस प्रकार से है-

Why Small Businesses Are Important

Small Businesses इसलिए महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि सभी तरह की बड़ी और सफल कम्‍पनियां पहले छोटे व्‍यवसाय के रुप में ही होती है।

Advantages of Small Business

  1. इनमें अधिक स्‍वतंत्रता होती है।
  2. इनमें लचीलापन होता है।
  3. यह कम निवेश में शुरु किए जा सकते है।
  4. इन्‍हें संचालित करना आसान होता है।
  5. इनमें प्रयोग करना आसान होता है।

Small Business में सफलता पाना किसी व्‍यापारी को बड़ी और सफल कम्‍पनी बनाने में बहुत सीमा तक सहायता कर सकता है, इसलिए अगर आपके पास कोई बिजनेस आईडिया है तो इसे small business की सहायता से अमल में लाया जा सकता है।

Self Awareness and Business

किसी भी तरह के व्‍यापार को शुरु करने से पहले आत्‍म जागरुकता या सेल्‍फ अवेयरनेस का होना बहुत ही जरुरी होता है, क्‍योंकि आत्‍म जागरुकता के आधार पर ही कोई व्‍यापारी अपने आप को पूरी तरह से जान पाता है और व्‍यापार में अपने आप की सफलता को देख पाता है।

आत्‍म जागरुकता और व्‍यापार: परिभाषा, महत्‍व और उपयोग

What is Self Awareness

दुनिया के लगभग सभी धर्मो में आत्‍म जागरुकता के महत्‍व को समझाया गया है, कई दार्शनिको और मनोवैज्ञानिको ने भी इसके महत्‍व को समझाया है, वर्तमान समय में कई मोटिवेशनल स्‍पीकर्स भी कई बार इसकी चर्चा करते हुए दिखाई देते है और अंत में एक सामान्‍य इंसान को भी अपने आप को जानने-समझने का महत्‍व जरुर पता चल जाता है।

Self Awareness in Business

आत्‍म जागरुकता का अर्थ स्‍वयं को जान लेना होता है और व्‍यापार में आत्‍म जागरुकता का अर्थ- व्‍यापार में स्‍वयं को जान लेना होता है। अपने बिजनेस आईडिया को पहचानने और उसे अमल में लाने के लिए आत्‍म जागरुकता का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।

How to Be Self-Aware in Business?

एक ही कम्‍पनी में या आप जिस तरह की कम्‍पनी शुरु करना चाहते है उसमें कई तरह के विभाग होते है, अगर उनमें अपने आप को समझ लिया जाए तो आप आसानी से व्‍यापार में आत्‍म जागरुकता को विकसित कर सकते है।

या फिर इसे निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से भी विकसित किया जा सकता है-

  1. अपने स्‍टार्टअप के लक्ष्‍यों को तय करे।
  2. अपने ग्राहको को जाने।
  3. अपने उत्‍पाद को समझे।
  4. लाभ के रास्‍ते खोजे।
  5. अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान दे।
  6. निवेश का अनुमान लगाए।
  7. व्‍यापार से सम्‍बंधित किताबें पढ़े।
  8. व्‍यापारिक कौशल को विकसित करे।
  9. सामाजिक कौशल भी विकसित करे।
  10. कर्मचारियों की जरुरत को पहचाने।
  11. व्‍यापारिक नियमों के बारे में जाने।
  12. उत्‍पाद को बाज़ार में लाने का समय निर्धारित करे।
  13. कम्‍पनी की जगह को निर्धारित करे।
  14. मनी मैनेजमेंट के बारे में जागरुक रहे।
  15. गलतियों को सुधारे।
  16. सफल व्‍यापारियों के बारे में जानकारी ले।

Understanding the Market

किसी भी उत्‍पाद की सफलता या उसकी असफलता को मापने के लिए उसे बाज़ार में उतारना पड़ता है। जैसे किसी खिलाड़ी को मैदान में उतारे बिना उसकी काबिलियत को नही पहचाना जा सकता है वैसे ही अपने उत्‍पाद को बाज़ार में उतारे बिना उसकी सफलता को नही पहचाना जा सकता है।

बहुत से व्‍यापारी जो अपने उत्‍पाद को सफल मानते है उनका उत्‍पाद बाज़ार में असफल भी हो सकता है, इसलिए अपने उत्‍पाद को विकसित करने और उसे बेहतर बनाने के साथ ही बाज़ार को समझना, उसका अध्‍ययन करना, उसको करीब से जानना, उसके बदलावों पर नज़र रखना जरुरी है।

Exploring Market Needs

कई व्‍यापारी अपनी जरुरतों को ध्‍यान में रखते हुए बाज़ार में अपना उत्‍पाद बेचना शुरु कर देते है जबकि एक समझदार व्‍यापारी हमेशा बाज़ार की जरुरतों को ध्‍यान में रखकर अपना उत्‍पाद विकसित करता है और फिर उसे बाज़ार में बेचना शुरु करता है।

बाज़ार की अपनी जरुरतों के अनुसार उत्‍पाद बनाने, उसे विकसित करने और फिर उसे बेचना शुरु करने के लिए निम्‍न बिन्‍दु सहायक हो सकते है-

A. Identify Everyday Problems

  1. लोगो के दैनिक जीवन की परेशानियों को समझे।
  2. उन परेशानियों में समानता खोजे।
  3. परेशानियों को हल करने वाला उत्‍पाद बनाने की सोचे।

B. Research Local Market Gaps

  1. अपने शहर के बाज़ार का अध्‍ययन करे।
  2. अपने शहर के ग्राहको की जरुरतों को पहचाने।
  3. इसके बाद अपने शहर से अधिक विकसित बा़ज़ार को समझे।
  4. दोनो के अंतर को समझे और आप समझ पाएंगे कि अपने शहर के बाज़ार में किस उत्‍पाद को बेचा जा सकता है? या किस तरह की सेवा दी जा सकती है?

C. Consider Trends in Small-Scale Industries

  1. ऐसे व्‍यापारिक क्षेत्र का चुनाव करे जहां छोटे स्‍टार्टअप जल्‍दी से सफल हो सकते है।
  2. उन व्‍यापारिक क्षेत्रों में trends को पहचाने।
  3. उन trends के अनुसार अपना उत्‍पाद बनाए और उसे विकसित करे।
  4. Trends के बदलने पर अपने उत्‍पाद में भी बदलाव करे।

D. Customer Pain Points

  1. अपने दोस्‍तों, परिवार और अन्‍य लोगो का सर्वेक्षण (survey) करे।
  2. उनके Pain Points पर ध्‍यान दे।
  3. Review platforms का भी सर्वेक्षण करे और उनकी शिकायतों पर ध्‍यान दे।

E. Analyze Market Gaps

  1. ऐसे व्‍यापारिक क्षेत्र को खोजे जिसमें बहुत कम व्‍यापारी है।
  2. कम व्‍यापारियों के साथ ही उसमें अधिक संभावनाएं भी होनी चाहिए।

F. Competitor Analysis

  1. अपने प्रतिस्‍पर्धियों को प्रतिस्‍पर्धी ना माने।
  2. उन्‍हे अपनी जांच का विषय बना ले।
  3. उनकी सफलता के कारणों का विश्‍लेषण करे।

Idea Generation Techniques

हर इंसान को अपने दैनिक जीवन में कई तरह आईडिया आते है, उनमें से कई बिजनेस से सम्‍बंधित हो सकते है और उनमें से कुछ सफल बिजनेस आईडिया भी हो सकते है।

यह ऐसे आईडिया हो सकते है जिनके आधार पर एक सफल व्‍यापार या कम्‍पनी बनाई जा सकती है, लेकिन एक सामान्‍य इंसान को यह सामान्‍य ही लग सकते है।

इसलिए अपने आईडिया को पहचानने, उनका विश्‍लेषण करने या उन्‍हें बेहतर तरीके से समझने की जरुरत होती है। ऐसे कार्यो को पूरा करने के लिए बहुत सारी techniques होती है लेकिन हम उनमें से कुछ प्रमुख के बारे में चर्चा करेंगे-

A. Brainstorming Sessions

  1. अपने हर एक आईडिया को लिखे।
  2. mind mapping की सहायता से उन आईडियाज का अनुसरण करे।

B. Adapt Successful Ideas

  1. अपने आस-पास छोटे स्‍टार्टअप के आईडियाज पर ध्‍यान दे।
  2. उन आईडिया के बिजनेस मॉडल पर ध्‍यान दे।

C. Problem-Solution Method

  1. अपने आस-पास के व्‍यापारिक क्षेत्र में सामने आने वाली परेशानियों को खोजे।
  2. उन परेशानियों को हल करने वाला उत्‍पाद बनाने या सेवा देने के बारे में सोचे।

D. Combine Ideas

दो बिजनेस आईडिया को एक साथ अमल में लाने की सोचे। जैसे कि-

  1. ऐसी coffee shop बनाई जा सकती है जो एक तरह का bookstore भी हो।
  2. ऐसा bookstore बनाया जा सकता है जहां coffee shop भी हो।

Refining and Choosing Your Best Idea

हमें अपने दैनिक जीवन में कई तरह आईडिया आते है, उनमें से कई बिजनेस से सम्‍बंधित हो सकते है और उनमें से कुछ सफल बिजनेस आईडिया भी हो सकते है।

लेकिन सभी बिजनेस आईडियाज को अमल में नही लाया जा सकता है, इसके कुछ कारण इस प्रकार से है-

  1. सभी बिजनेस आईडियाज को अमल में लाना जोखिम भरा होता है।
  2. किसी के पास भी सभी बिजनेसज आईडिया को अमल में लाने का पर्याप्‍त समय नही होता है।
  3. सभी को अमल में लाने के लिए बहुत अधिक मात्रा में निवेश की आवश्‍यकता होती है।
  4. एक ही समय में कई तरह के सफल उत्‍पादो का निर्माण संभव नही होता है।
  5. सभी उत्‍पादों को एक ही समय में ग्राहको तक पहुंचाना भी संभव नही होता है।

इसलिए आपको कई बिजनेस आईडियाज में से किसी एक को चुनने, उसे अमल में लाने, उसमें निवेश करने, एक तरह का उत्‍पाद बनाने और एक ही तरह के उत्‍पाद के लिए ग्राहको को खोजने पर कार्य करना होगा।

A. Evaluate Your Ideas

  1. अपने आईडियाज का मूल्‍यांकन करे।
  2. देखे कि किसे वास्‍तविकता में बदला जा सकता है?
  3. देखे कि बाज़ार में किसकी मांग अधिक है?
  4. देखे कि किसे कम लागत में शुरु किया जा सकता है?
  5. देखे कि कौन-सा बिजनेस आईडिया आपके कौशल से मेल खाता है?
  6. देखे कि कौन-सा बिजनेस आईडिया उपलब्‍ध साधनों से शुरु हो सकता है?

B. Determine Profitability

  1. देखे कि वर्तमान में किस उत्‍पाद से अधिक लाभ कमाया जा सकता है?
  2. देखे कि भविष्‍य में कौन-सा उत्‍पाद अधिक लाभ कमाकर दे सकता है?

C. Scalability and Longevity

  1. देखे कि किस तरह की कम्‍पनी को आसानी से विकसित किया जा सकता है?
  2. देखे कि कौन-सा स्‍टार्टअप बाज़ार के अनुसार बदलाव को अपना सकता है?

D. Eliminate Non-Viable Options

  1. जिन आईडियाज की अभी जरुरत नही है, उन्‍हें अपनी सूंची से बाहर कर दे।
  2. अगर वह आपको महत्‍वपूर्ण लग रहे है, तो उन्‍हें एक सफल स्‍टार्टअप शुरु करने के बाद अमल में लाया जा सकता है।

E. Deep Research and Focus

  1. आपको बस एक बिजनेस आईडिया पर ही ध्‍यान देना है और उसे ही सफल बनाने के लिए कार्य करना है।
  2. उस एक बिजनेस आईडिया के आधार पर ही अपना बिजनेस मॉडल तैयार करे।

Additional Resources for Inspiration

सफल व्‍यापारी किसी-न-किसी तरह के प्रेरणा स्‍त्रोत (inspiration) की बात करते रहते है। प्रेरणा स्‍त्रोत कोई इंसान भी हो सकता है या फिर किताबें भी हो सकती है।

कम्‍पनी का संचालन एक-दूसरे की प्रेरणा पर भी आधारित होता है। संस्‍थापक अपने उत्‍पाद को बाज़ार में लाने से प्रेरित होता है, सीईओ एक सफल रणनीतिकार के रुप में प्रेरित होता है तो अन्‍य उच्‍च अधिकारियों को कम्‍पनी की सफलता प्रेरित करती है।

कम्‍पनी कभी भी एक इंसान के भरोसे संचालित नही हो सकती है, क्‍योंकि उस एक इंसान में व्‍यापार का सम्‍पूर्ण ज्ञान और सारे कौशल नही हो सकते है, इसलिए उसे किसी-न-किसी तरह के प्रेरणा स्‍त्रोत की जरुरत होती है।

आपको भी इसके बारे में जागरुक रहना चाहिए और व्‍यापारिक प्रेरणा लेने पर ध्‍यान देना चाहिए, जो इस प्रकार से हो सकते है-

A. Networking and Collaboration

  1. बिजनेस सम्‍मेलनों और startup meetups में भाग ले।
  2. प्रेरणा के लिए इनके समुदायों से जुड़े।

B. Reading and Continuous Learning

  1. व्‍यापार से सम्‍बंधित किताबे और articles पढ़े।
  2. व्‍यापार से सम्‍बंधित blogs से जुड़े।

C. Mentorship

  1. सफल व्‍यापारियों से सलाह ले।
  2. साथ ही उन्‍हें अपने बिजनेस के बारे में बताए।

Conclusion

किसी इंसान को कभी कोई बिजनेस आईडिया ना आए, ऐसा नही हो सकता है। हर इंसान के विचारो और कल्‍पनाओं में कई बिजनेस आईडियाज छिपे हुए हो सकते है।

यहा महत्‍वपूर्ण यह है कि क्‍या आप उन्‍हें बिजनेस आईडिया मानते हो या फिर एक सामान्‍य आईडिया मानते हो? और आप उनके महत्‍व को समझकर उन्‍हें अमल में लाने की सोचते हो या फिर उन्‍हें सामान्‍य रुप से अनदेखा करते हो।

मेरे अनुसार बिजनेस आईडियाज सभी को आते है। जरुरत है उन्‍हें पहचानने की, उन्‍हें बिजनेस आईडिया मानने की, उनके प्रति सकारात्‍मक रहने की, एक छोटी शुरुआत करने की, आत्‍म जागरुक होने की, बाज़ार को समझने की, उनमें से किसी एक को चुनने की और अपने प्रेरणा स्‍त्रोत को जानने की।

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