अपने स्‍टार्टअप के लिए बिजनेस वेबसाइट कैसे बनाए?

अपने स्‍टार्टअप के लिए बिजनेस वेबसाइट कैसे बनाए? इस सवाल का जवाब जानने से पहले स्‍टार्टअप शुरु करते समय एक वेबसाइट की जरुरत और किसी वेबसाइट को बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानना जरुरी है।

बिजनेस वेबसाइट

Introduction

स्‍टार्टअप शुरु करने और अपने उत्‍पाद को बाज़ार में उतारने से पहले कई महत्‍वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करना पड़ता है, उनमें से एक अपने स्‍टार्टअप या बिजनेस के लिए किसी वेबसाइट का निर्माण भी शामिल होता है।

किसी स्‍टार्टअप या बिजनेस को शुरु करने और अपने उत्‍पाद को बाज़ार में उतारने से पहले एक वेबसाइट का निर्माण इसलिए जरुरी है क्‍योंकि नए स्‍टार्टअप्‍स या नए उत्‍पादों के बारे में बाज़ार और ग्राहको दोनो को ही जानकारी नही होती है।

इसलिए यह जानकारी उन तक पहुंचानी पड़ती है और इसमें कोई वेबसाइट, बाज़ार और ग्राहको तक अपने स्‍टार्टअप और उत्‍पाद की जानकारी पहुंचाने के लिए बहुत ही सहायक हो सकती है।

इस तरह स्‍टार्टअप के लिए किसी वेबसाइट के निर्माण को नए व्‍यापारियों द्वारा महत्‍वपूर्ण माना जाना चाहिए और वेबसाइट निर्माण की प्रक्रियाओं को सिखने, समझने का प्रयास करना चाहिए।

What is a Business Website

किसी स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की उनके स्‍वयं के द्वारा बनाई गई किसी तरह की वेबसाइट को बिजनेस वेबसाइट कहा जा सकता है। हम इसे किसी स्‍टार्टअप की वेबसाइट या किसी कम्‍पनी की वेबसाइट ना कहकर ‘‘बिजनेस वेबसाइट’’ कहेंगे।

बिजनेस वेबसाइट के निर्माण की प्रक्रियाओं को स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के संस्‍थापक, उच्‍च अधिकारी या कर्मचारी ही पूरा करते है। बिजनेस वेबसाइट में किसी भी तरह के बदलाव को भी इन्‍ही के द्वारा पूरा किया जाता है।

किसी अन्‍य वेबसाइट निर्माता, समाचार एजेंसी, पत्रिका या किसी भी तरह की जानकारी जिसमें आपके स्‍टार्टअप, कम्‍पनी या आपसे सम्‍बंधित किसी भी तरह की जानकारी दी है, उसे बिजनेस वेबसाइट नही कहा जाता है।

Importance of a Business Website

हमारी इस दुनिया में इंटरनेट का प्रभुत्‍व है, बहुत कुछ इंटरनेट पर ही आधारित है और इंटरनेट से ही संचालित होता है। जो इंटरनेट पर आधारित नही है वह कार्य या प्रक्रियाएं भी इंटरनेट आधारित बनती जा रही है। इस तरह वह भविष्‍य में इसी के द्वारा संचालित होगी।

जब कोई नया स्‍टार्टअप शुरु होता है या बाज़ार में कोई नया उत्‍पाद अस्तित्‍व में आता है तो लोग इंटरनेट पर ही उसके बारे में जानकारी लेते है, उन्‍हें इंटरनेट के द्वारा भी किसी नए स्‍टार्टअप या उत्‍पाद के बारे में पता चलता है।

इसिलए किसी संस्‍थापक द्वारा शुरु किए गए स्‍टार्टअप या स्‍टार्टअप के द्वारा बनाए गए किसी भी तरह के उत्‍पाद की जानकारी इंटरनेट पर होनी चाहिए। वह जानकारी इंटरनेट पर किसी भी रुप में हो सकती है।

इंटरनेट पर किसी भी तरह की जानकारी साझा करने के प्रमुख कुछ रुप या रास्‍ते इस प्रकार से है-

  1. Website Development
  2. YouTube Videos
  3. App Development

आप कोई वेबसाइट बनाकर अपने स्‍टार्टअप या उत्‍पाद से सम्‍बंधित जानकारी को इंटरनेट पर साझा कर सकते है, कोई YouTube Channel बनाकर विडियोज के माध्‍यम से जानकारी साझा कर सकते है या अपने स्‍टार्टअप पर आधारित किसी तरह का App Develop कर सकते है।

जानकारी को साझा करने के और भी बहुत से रास्‍ते है लेकिन यह तीन रास्‍ते किसी नए स्‍टार्टअप के लिए पर्याप्‍त और आसान है।

इनमें से किसी एक को शुरु करने के बाद अन्‍य रास्‍तों तक पहुंचा जा सकता है। जैसे-

  1. किसी वेबसाइट को बनाने के बाद YouTube Chennel बनाकर अपने स्‍टार्टअप या उत्‍पाद से सम्‍बंधित जानकारी को विडियोज के माध्‍यम से लोगो तक पहुंचाया जा सकता है।
  2. वेबसाइट या YouTube Chennel बनाने के बाद अपने स्‍टार्टअप के नाम से किसी तरह का App Develop करके उसे लोगो के लिए उपलब्‍ध कराया जा सकता है।
  3. वेबसाइट या YouTube Chennel बनाने के बाद अपने स्‍टार्टअप के नाम से सोशल मिडिया अकाउंट बनाकर उस जानकारी को सोशल मिडिया पर भी शेयर किया जा सकता है।

इस लेख में हम वेबसाइट निर्माण और उसकी प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा करेंगे। इसके बाद अन्‍य रास्‍तों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

Importance of a Business Website in Marketing

इंटरनेट से पहले किसी नए स्‍टार्टअप या उत्‍पाद की आधारभूत मार्केटिंग करना विज्ञापनों पर आधारित था। समाचार पत्र, टेलीविज़न या अन्‍य तरह के साधनों और सुविधाओं के माध्‍यम से कोई भी स्‍टार्टअप या कम्‍पनी अपना विज्ञापन लोगो तक पहुंचाती थी।

यह आज भी प्रचलित है लेकिन इनकी बहुत सी सीमाएं है, जैसे-

  1. स्‍टार्टअप शुरु करते समय संस्‍थापक के पास अधिक मात्रा में निवेश करने के लिए धन नही होता है, वह सिर्फ जरुरी कार्यो पर ही अपना खर्च करना चाहता है।
  2. अपना विज्ञापन तैयार करने में अधिक निवेश की जरुरत होती है और उस विज्ञापन को इन साधनों के माध्‍यम से लोगो तक पहुंचाने के लिए भी अधिक निवेश चाहिए होता है।
  3. इन साधनों के माध्‍यम से किसी स्‍टार्टअप या कम्‍पनी का विज्ञापन सिर्फ उन लोगो तक पहुंच पाता है, जहां तक इन साधनो की पहुंच है।
  4. यह साधन किसी स्‍टार्टअप या कम्‍पनी का विज्ञापन एक निश्चित समय तक चलाते है, यह सौदेबाज़ी और आपके निवेश पर निर्भर करता है।
  5. विज्ञापनो के माध्‍यम से किसी स्‍टार्टअप या उत्‍पाद की आधारभूत जानकारी ही लोगो तक पहुंच पाती है, इस जानकारी को विस्‍तार से लोगो तक नही पहुंचाया जा सकता है।

इसलिए आपको या फिर नए स्‍टार्टअप्‍स को ऐसे साधनो की जरुरत है जिनके माध्‍यम से जानकारी पहुंचाने में अधिक निवेश की आवश्‍यकता ना हो, जिनकी पहुंच दुनिया के हर कोने में हो, जिन पर हमेशा जानकारी उपलब्‍ध रहे और जिन पर अपने स्‍टार्टअप और उत्‍पाद के बारे में विस्‍तार से चर्चा की जा सके।

इसलिए नए स्‍टार्टअप्‍स या उत्‍पादो के लिए इंटरनेट के साधनो का उपयोग करना जरुरी हो जाता है। मार्केटिंग में इसके कुछ अन्‍य लाभ भी है, जैसे-

  1. Visibility- मार्केटिंग का निष्‍कर्ष यही होता है कि लोगो तक किसी-न-किसी तरह से जानकारी पहुंचाई जाए। बिजनेस वेबसाइट या इंटरनेट के अन्‍य साधन इसमें सहायता करते है।
  2. Branding- इन साधनो के माध्‍यम से अपनी जानकारी लोगो तक पहुंचाने में किसी नए स्‍टार्टअप या उत्‍पाद को अपना brand बनाने का मौका मिलता है।
  3. Sales- लोग एक-दूसरे को देखकर और उनसे प्रभावित होकर भी उत्‍पाद खरीदते है, fashion industry इसी पर आधारित होती है। वेबसाइट निर्माण या इंटरनेट के माध्‍यम से आपके ग्राहक एक-दूसरे को देख पाएंगे और उनसे प्रभावित हो पाएंगे।
  4. Customer Engagement- इंटरनेट आधारित साधनो में ग्राहको की सक्रियता का प्रमुख रुप से ध्‍यान रखा जाता है। जब आपके स्‍टार्टअप या उत्‍पाद की जानकारी इंटरनेट पर होगी तो लोगो की भी उसमें सक्रियता होगी, वह प्रतिक्रिया (feedback) दे पाएंगे, जानकारी को शेयर कर पाएंग

Step 1- Pre-Planning Phase

अगर अपने स्‍टार्टअप के लिए किसी वेबसाइट का निर्माण इतना अधिक महत्‍व रखता है, अगर यह मार्केटिंग की सहायता से लोगो को प्रभावित कर सकती है, तो इसे निर्माण को गंभीरता और सावधानीपूर्वक पूरा करने की जरुरत है।

A- वेबसाइट के बारे में अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाए

इसके लिए वेबसाइट निर्माण की प्रक्रिया को शुरु करने से भी पहले के कुछ बिन्‍दुओं को ध्‍यान में रखना चाहिए। जैसे-

  1. वेबसाइट किसे कहा जाता है?
  2. यह क्‍या कार्य करती है?
  3. वेबसाइट कैसे बनाई जाती है?
  4. वेबसाइट कहां बनाई जाती है?
  5. बिजनेस वेबसाइट किसे कहां जाता है?

B- अपने स्‍टार्टअप के लिए वेबसाइट की आवश्‍यकता को समझे

किसी स्‍टार्टअप की अपनी वेबसाइट होने की आवश्‍यकता की गंभीरता को समझने के साथ ही कुछ महत्‍वपूर्ण बिन्‍दुओं को भी ध्‍यान में रखना चाहिए। जैसे-

  1. वेबसाइट आपके स्‍टार्टअप के लिए क्‍यूं जरुरी है? स्‍टार्टअप्‍स के लिए वेबसाइट का क्‍या महत्‍व है?
  2. अपने उत्‍पाद को बाज़ार में उतारने से पहले स्‍टार्टअप की अपनी वेबसाइट होना क्‍यूं जरुरी है?
  3. नए स्‍टार्टअप्‍स या उत्‍पादों के लिए मार्केटिंग में किसी वेबसाइट का क्‍या महत्‍व है?
  4. कोई वेबसाइट आपके स्‍टार्टअप या उत्‍पाद की मार्केटिंग में किस तरह योगदान देगी?

C- वेबसाइट बनाने की तैयारी करते समय यह भी ध्‍यान रखे

अपने स्‍टार्टअप के लिए किसी तरह की वेबसाइट को बनाने की तैयारी करते समय कुछ बातों का जरुरी ध्‍यान रखना चाहिए जो कि अधिक ध्‍यान देने योग्‍य नही भी लग सकती है। जैसे-

  1. अपनी वेबसाइट के द्वारा पूरे किए जाने वाले जरुरी लक्ष्‍यों को पहले से ही तय कर ले।
  2. अपने ग्राहको से सम्‍बंधित महत्‍वपूर्ण जानकारी को जरुर ध्‍यान में रखे, ताकि वेबसाइट को उनके अनुसार बनाया जा सके।
  3. अगर आपको अपनी वेबसाइट के लक्ष्‍य तय करने या ग्राहको के अनुसार वेबसाइट बनाने में परेशानी हो रही है तो अपने प्रतियोगियों पर ध्‍यान दे और उनकी वेबसाइट का विश्‍लेषण करे।

Step 2- Planning Phase

Step 2 पर जाने और इससे सम्‍बंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने से पहले Step 1 के सभी बिन्‍दुओं और सवालो पर ध्‍यान दे। क्‍योंकि Step 1 के सभी बिन्‍दुओं की जानकारी और सवालो के जवाब आगे उपयोगी होंगे।

A- Domain Name को समझे

Domain Name किसी भी वेबसाइट का नाम या उसका पता (address) होता है। इसलिए अपने स्‍टार्टअप की वेबसाइट के लिए उसका नाम होना जरुरी है।

Domain Name चुनते समय कुछ बातो का ध्‍यान रखे, जैसे-

  1. अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के नाम से ही domain name चुने।
  2. Domain Name चुनते समय trademark को जरुर जांच ले।
  3. किसी भी तरह के copyright trademark को ना चुने और ना ही अपने स्‍टार्टअप का नाम किसी copyright trademark के नाम पर रखे।
  4. Domain Name का copyright trademark ना होने पर उसे अपने स्‍टार्टअप के नाम या फिर अपने नाम से पंजीकरण (ragister) करवाए।

B- Hosting को समझे

अगर कोई अपने स्‍टार्टअप के नाम से किसी domain name को चुनता है तो वह domain name उसकी वेबसाइट का पता (address) होता है, लेकिन उस पते या किसी विशेष पते के अंदर जाने के लिए भी आपको जगह चाहिए होती है।

दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो वेबसाइट पर कई तरह के content होंगे, यह text के रुप में भी होगा, यह images या videos के रुप में भी हो सकते है तो इन सबका एक आकार (size) होता है जिसके लिए भूगतान करना होता है।

साथ ही वेबसाइट को हमेशा live रहने के लिए server की आवश्‍यकता होती है, जिसको किसी वेबसाइट को हमेशा live रखने के लिए हमेशा शुरु रहना होता है।

इस तरह किसी वेबसाइट को हमेशा live रहने के लिए server को चुनने के प्रमुख रुप से दो रास्‍ते होते है-

पहला यह है कि किसी server को खरीदा जाए और उसकी सहायता से अपनी वेबसाइट को हमेशा live रखा जाए।

दूसरा यह है कि hosting provider companies की सहायता से अपनी वेबसाइट को हमेशा live रखा जाए।

दोनो की रास्‍तों में से किसी एक को चुनना आपके स्‍टार्टअप, उसके प्रकार, ज्ञान और कौशल, स्‍टार्टअप को मिलने वाले निवेश उसके फंड, उत्‍पाद और उसके प्रकार पर निर्भर करते है।

C- Content Management System का समझे

Content Management System जिसे CMS भी कहां जाता है उनसे पहले किसी वेबसाइट का निर्माण और उसका संचालन अधिकतम रुप से coding पर आधारित था।

CMS से पहले अगर आपको किसी वेबसाइट का निर्माण करना और उसे संचालित करना है तो आपको coding आना अनिवार्य होता था। अगर आप यह स्‍वयं नही कर सकते थे तो इसमें किसी दूसरे व्‍यक्ति की सहायता लेनी पड़ती थी, जिसे coding आनी चाहिए।

लेकिन CMS के आने के बाद वेबसाइट निर्माण और उसके संचालन से सम्‍बंधित बहुत से कार्य और प्रक्रियाएं बदल चुकी है। यह आसान हो चुकी है।

आज बाज़ार में कई तरह के CMS उपलब्‍ध है, इनके अपने-अपने लाभ है। लेकिन किसी भी तरह की वेबसाइट के निर्माण और उसके संचालन में इनका महत्‍व बहुत अधिक होता है।

तो, आपको अपने स्‍टार्टअप की वेबसाइट या बिजनेस वेबसाइट को शुरु करने के लिए domain name को चुनने के साथ ही hosting के कई प्रकारो में से किसी एक को चुनने और CMS के कई प्रकारो में से किसी एक प्रकार को चुनने का फैसला लेना होगा।

Step 3- Basic Settings of a Business Website

अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के नाम से domain name को खरीदने के बाद और किसी hosting provider company से hosting या server खरीदने के बाद बिजनेस वेबसाइट के निर्माण और उसके संचालन के लिए किसी Content Management System को चुनना होगा।

इसके बाद अपने admin/login panel पर जाना होगा और वेबसाइट के लिए जरुरी settings को पूरा करना होगा। जो कि इस तरह से होती है-

A- SSL Install करे

SSL जिसका पूरा नाम  Secure Sockets Layel होता है। यह किसी वेबसाइट के सुरक्षा मानको को दर्शाता है। यह उपयोगकर्ता को आश्‍वासित करता है कि वह जिस वेबसाइट पर है वह सुरक्षित है।

कई hosting provider compnies अपने hosting plan में SSL उपलब्‍ध करवाती है, इसलिए इनसे लिए जाने वाले plan में SSL उपलब्‍ध है या नही यह पहले से ही जांच लेना चाहिए।

अगर आपने hosting खरीद ली है और उसके hosting plan में SSL उपलब्‍ध नही है तो इसे अलग से खरीद कर भी अपनी वेबसाइट से जोड़ा जा सकता है।

B- बिजनेस वेबसाइट का Sitemap बनाए

Sitemap एक तरह की file होती है जिसमें किसी वेबसाइट के pages, images, videos और वेबसाइट से सम्‍बंधित अन्‍य महत्‍वपूर्ण जानकारी की सूंची (list) होती है।

Sitemap बनाने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से है-

  1. यह search engines को किसी वेबसाइट को crawl करने में सहायता करता है।
  2. इसकी सहायता से search engines किसी वेबसाइट की बनावट को समझ पाते है।
  3. इसकी सहायता से search engines किसी वेबसाइट की सामग्री (content) को अधिक प्रभावी रुप से rank कर पाते है।

Sitemap का महत्‍व और उसका उपयोग सिर्फ search engines के लिए नही है बल्कि यह उपयोगकर्ताओं (website visitors) के लिए भी होता है।

जब search engines किसी वेबसाइट को पूरी तरह से समझ पायेंगे तो वह उपयोगकर्ताओं तक भी सामग्री (content) आसानी और प्रभावी रुप से पहुंचा पायेंगे।

C- Website का Title या Tagline तय करे

वेबसाइट का title या उसकी tagline वेबसाइट पर उपलब्‍ध सामग्री (content) का प्रतिनिधित्‍व करते है। यह उपयोगकर्ताओं (website visitors) को यह समझने में योगदान देते है कि वेबसाइट किस बारे में है?

बिजनेस वेबसाइट का title या उसकी tagline स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के title या उसकी tagline के समान या फिर वही होना चाहिए। इससे उपयोगकर्ताओं (website visitors) को यह समझने में आसानी होगी कि यह उस स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की ही बिजनेस वेबसाइट है।

Step 4- Basic Designing of a Business Website

1 से 3 तक की Steps को पूरा करने के बाद बिजनेस वेबसाइट की आधारभूत बनावट को पूरा करने की बारी आती है, जैसे-

A- वेबसाइट के लिए Theme का चुनाव करे

किसी वेबसाइट की theme उसकी सबसे आधारभूत बनावट होती है। कोई वेबसाइट कैसे दिखती है? या वह कैसे दिखेगी? यह उसकी theme पर निर्भर करता है।

Theme का चुनाव आपके उत्‍पाद और स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के प्रकार पर निर्भर करता है। इसलिए अपने बिजनेस के प्रकार को पूरी तरह से समझ ले और फिर उसके अनुसार ही बिजनेस वेबसाइट की theme का चुनाव करे।

हर प्रकार की theme में उसे customize करने का भी विकल्‍प दिया हुआ होता है। जिसकी सहायता से अपने बिजनेस के प्रकार के अनुसार theme का customization किया जा सकता है।

B- वेबसाइट के लिए Logo को Design करे

किसी बिजनेस, बिजनेस वेबसाइट या वेबसाइट का logo उसकी पहचान होती है, इसलिए logo का हिन्‍दी अर्थ ‘‘प्रतीक चिन्‍ह’’ होता है। यह प्रतीक होता है उसका जो किया जा रहा है।

बिजनेस वेबसाइट का logo आपके स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के logo के समान या फिर उसी के जैसा होना चाहिए। इससे उपयोगकर्ताओं (website visitors) को यह समझने में आसानी होगी कि यह उस स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की ही बिजनेस वेबसाइट है।

C- Favicon को ना भूले

Favicon किसी वेबसाइट का एक छोटा icon होता है। यह उस वेबसाइट या वेबसाइट के किसी page के शीर्षक (title) के साथ दिखाई देता है।

यह वेबसाइट के logo का एक छोटा रुप होता है। इसलिए बिजनेस वेबसाइट के logo के महत्‍व को समझते हुए favicon के महत्‍व को भी समझना चाहिए और इसके निर्माण पर कार्य करना चाहिए।

Step 5- Create Content of Website

वेबसाइट की basic settings और basic designing को पूरा करने के बाद वेबसाइट के लिए content के निर्माण की बारी आती है।

वेबसाइट का content ही उपयोगकर्ताओं (website visitors) को प्रभावित करता है। साथ ही वह उपयोगकर्ताओं को आपके उत्‍पाद को खरीदने के लिए भी प्रेरित करता है। इस तरह आपका उत्‍पाद अधिक-से-अधिक ग्राहको तक पहुंचेगा।

इसलिए वेबसाइट के content को सावधानीपूर्वक और अपने उत्‍पाद (product) या सेवा (service) को ध्‍यान में रखते हुए निर्माण करना चाहिए। साथ ही इसका निर्माण ग्राहको और search engines के अनुसार करना चाहिए।

A- Homepage का निर्माण करे

Homepage किसी वेबसाइट का मुख्‍य page होता है। यह किसी वेबसाइट के नाम (domain name) या उसके URL (uniform resource locator) को किसी search engine में खोजने (search) पर सबसे पहले दिखाई देता है।

इसमें वेबसाइट का सबसे महत्‍वपूर्ण content होता है। इसलिए इसके निर्माण का सबसे आसान तरीका यही है कि अपनी वेबसाइट के सबसे महत्‍पूर्ण content को पहले से तय किया जाए।

बिजनेस वेबसाइट के homepage का निर्माण करने का भी यही तरीका है कि अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की ऐसी कौन-सी सामग्री (content) है, जिसे आप इंटरनेट पर ले जाना चाहते है? या फिर उपयोगकर्ताओं (website visitors) के लिए उपलब्‍ध कराना चाहते है?

इन सवालो के जवाब जैसे ही तय हो जाऐंगे वैसे ही homepage का निर्माण करने वाला content भी तय हो जाएगा। लेकिन ध्‍यान रखे कि homepage पर वेबसाइट का सारा content ना दिया जाए। सिर्फ वही दिया जाना चाहिए जो महत्‍वपूर्ण है और जिसकी उपयोगकर्ताओं को आवश्‍यकता है।

किसी वेबसाइट के homepage पर सारा content ना दिए जाने का एक कारण यह भी है कि इससे उपयोगकर्ताओं (website visitors) को वेबसाइट पर navigate करने को मौका मिलता है।

उपयोगकर्ता क्‍या चाहते है? या ग्राहक क्‍या चाहते है? यह आपको visitors के द्वारा किये जाने वाले navigation से ही पता चलता है।

Navigation से सम्‍बंधित कुछ महत्‍वपूर्ण और प्रमुख बिन्‍दु इस प्रकार से हो सकते है-

  1. जब अधिकतर उपयोगकर्ता या ग्राहक navigation के द्वारा बिजनेस वेबसाइट के किसी content (URL or page) पर बार-बार जा रहे है जो homepage पर उपलब्‍ध नही है तो उस content के महत्‍व को समझते हुए उसे homepage पर लाया जा सकता है।
  2. अगर आपका स्‍टार्टअप या कम्‍पनी एक से अधिक प्रकार के उत्‍पाद बनाती है और आपने अपनी बिजनेस वेबसाइट में उन सभी उत्‍पादो से सम्‍बंधित content उपलब्‍ध किया है, तो उपयोगकर्ता या ग्राहको के किसी उत्‍पाद के content पर बार-बार जाने से यह पता चलता है कि आपको उस विशेष उत्‍पाद पर अधिक ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।
  3. अगर बिजनेस वेबसाइट के माध्‍यम से अधिकतर ग्राहक एक ही तरह के उत्‍पाद को खरीद रहे है तो आपको समझना चाहिए कि उस उत्‍पाद की मांग अधिक है। इस तरह उस विशेष उत्‍पाद को अधिक-से-अधिक उत्‍पादन करने के बाद उसे बाज़ार में बेचा जा सकता है।

इस तरह किसी वेबसाइट के homepage के निर्माण का प्रमुख लक्ष्‍य यही होता है कि इसे उपयोगकर्ताओं (website visitors) के अनुसार तय किया जाए और उनके अनुसार ही इसमें बदलाव किये जाए।

साथ ही बिजनेस वेबसाइट में homepage किसी स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के भविष्‍य के लक्ष्‍य निर्धारित करने में भी योगदान दे सकता है।

B- जरुरी Pages का निर्माण करे

किसी भी तरह की वेबसाइट में pages जरुरी है। Pages वेबसाइट से सम्‍बंधित महत्‍वपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराते है। जैसे कि-

वेबसाइट किस बारे में है? उसकी नीतियां क्‍या है? उसकी साम्रगी (content) को उपयोग करने की शर्तें क्‍या है? वह किस तरह के कार्यो से इनकार करती है? और उसके मालिक (owner) से संपर्क कैसे किया जा सकता है?

यहां बिजनेस वेबसाइट या किसी भी तरह की वेबसाइट पर जरुरी pages की सूंची और उन पर उपलब्‍ध कराए जाने वाली सामग्री (content) के बारे में बताया गया है, जो इस प्रकार से है-

  1. About Us- इसमें अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी से सम्‍बंधित महत्‍वपूर्ण जानकारी को उपलब्‍ध करायें। जैसे कि यह किस बारे में है? यह क्‍यूं शुरु की गई है? इसकी अपनी कहानी क्‍या है? इसे शुरु करने का लक्ष्‍य क्‍या है? आपको इसकी प्रेरणा कहां से मिली है? आप ग्राहको या उपयोगकर्ताओं (website visitors) के लिए क्‍या उपलब्‍ध करा रहे है? आपके लिए बिजनेस वेबसाइट का महत्‍व क्‍या है?
  2. Privacy Policy- जब आप किसी तरह की वेबसाइट बनाते हो तो उस पर उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको का भी आना होगा। इससे आपके पास उनसे सम्‍बंधित जानकारी भी उपलब्‍ध होती जाएगी।

Privacy Policy में वेबसाइट के मालिक (owner) यह स्‍पष्‍ट करते है कि वह उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको की निजी जानकारी को किस प्रकार से उपयोग करते है?

Privacy Policy में आपको यह स्‍पष्‍ट करना है कि आप किस प्रकार की जानकारी ले रहे हो? उस जानकारी को किस प्रकार से सुरक्षित करते हो? उसे कहां उपयोग करते हो? उस जानकारी को किस तरह और किससे share किया जाता है?

  1. Disclaimer- हिन्‍दी में इसे अस्‍वीकरण या इनकार कहा जाता है। इसका किसी वेबसाइट में इसके होने का यह कारण है कि उसके मालिक (owner) किन नीतियों या शर्तो से इनकार कर रहे है या किस तरह नीतियों, शर्तो या व्‍यवहार पर उनका कोई नियंत्रण नही है?

Disclaimer का निर्माण करने या उसे लिखने के महत्‍वपूर्ण बिन्‍दु और शीर्षक (heading) इस प्रकार से है-

  • General Information
  • Affiliate Product Promotion
  • Personal Responsibility
  • Professional Advice
  • Testimonials Disclaimer
  • Limitation of Liability
  • External Links or Third-Party Links
  • Views Expressed Disclaimer
  • Warranties
  • Changes to Disclaimer, etc.
  1. Terms and Condition- जैसा कि नाम से स्‍पष्‍ट है यह page उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको पर लागू होने वाली शर्तों और स्थितियों की जानकारी देता है।

यह स्‍पष्‍ट करता है कि उपयोगकर्ता (website visitor) या ग्राहक वेबसाइट की सामग्री (content) या उत्‍पाद (product) को किस प्रकार से उपयोग कर सकते है? वह किन शर्तों के आधार पर उपयोग कर सकते है? वह किस सीमा तक उपयोग कर सकते है? वेबसाइट पर उपलब्‍ध सामग्री की विश्वसनीयता (reliability) कितनी है?

  1. Affiliate Disclosure- बहुत सी वेबसाइट अपनी सामग्री (content) में affiliate products का promotion या उन्‍हें उपलब्‍ध कराती है जबकि बहुत सी वेबसाइट ऐसा नही करती है।

अपनी बिजनेस वेबसाइट के निर्माण के समय आपको यह सोचना और समझना चाहिए कि आपको भी यह करने की जरुरत होगी या नही।

अगर जरुरत नही होगी तो इस page के निर्माण की आवश्‍यकता नही है लेकिन अगर इसकी आवश्‍यकता हुई तो इसमें निम्‍न बिन्‍दु या शीर्षक (heading) होने चाहिए-

  • What are Affiliate Links?
  • How Do We Choose Affiliate Products?
  • Why Do We Use Affiliate Links?
  • Your Trust Matters, etc.
  1. Contact Us- इस page में उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको के लिए वेबसाइट के मालिक (owner), उसे नियंत्रित करने वाले कर्मचारी या स्‍टार्टअप या कम्‍पनी से संपर्क करने के तरीके या सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाती है।

यह तरीके या सुविधाएं स्‍पष्‍ट और आसान होनी चाहिए। बिजनेस वेबसाइट और स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के लिए यह उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको से सीधे संपर्क बनाने का तरीका है, जिससे कई तरह के लाभ हो सकते है, जैसे-

  • यह उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको से सीधे संपर्क बनाने का तरीका है।
  • इससे उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको से सम्‍बंधित महत्‍वपूर्ण जानकारी आप तक पहुंच पाती है।
  • इससे उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको को अपने विचार व्‍यक्‍त करने का अवसर मिलता है।
  • इससे वेबसाइट के सकारात्‍मक और नकारात्‍मक तथ्‍य या विचार आप तक सीधे पहुंच पाते है।
  • इससे उत्‍पाद से सम्‍बंधित सकारात्‍मक और नकारात्‍मक तथ्‍य या विचार भी आप तक सीधे पहुंच पाते है।
  • इससे अपनी बिजनेस वेबसाइट को बेहतर बनाने के कई आईडियाज मिल सकते है।
  • इससे अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी को बेहतर बनाने के कई आईडियाज मिल सकते है।
  • इससे अपने उत्‍पाद या सेवा को बेहतर बनाने के भी कई आईडियाज मिल सकते है।

Contact Us Page में उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको के लिए निम्‍न प्रकार के तरीके या सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा सकती है-

  • Contact Form
  • Email Address
  • Startup or Company Address
  • Mobile Number
  • Social Media Accounts, etc.

इन pages पर उपलब्‍ध कराई जाने वाली सभी प्रकार की सामग्री (content) को समय-समय पर update करते रहना चाहिए ताकि search engines और उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको के लिए बिजनेस वेबसाइट और स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की सबसे updated जानकारी पहुंच सके।

C- Categories का निर्माण करे

Categories किसी भी तरह की वेबसाइट पर उपलब्‍ध कराए जाने वाली सामग्री (content) को स्‍पष्‍ट और आसान तरीके से दर्शाने का माध्‍यम होती है।

इसका निर्माण हर तरह की वेबसाइट के लिए किया जाता है लेकिन अगर आपका स्‍टार्टअप या कम्‍पनी एक से अधिक प्रकार के उत्‍पादो का निर्माण करती है तो categories का निर्माण करना जरुरी हो जाता है।

अगर आपका स्‍टार्टअप या कम्‍पनी एक से अधिक प्रकार के उत्‍पादो का निर्माण करती है तो अपनी बिजनेस वेबसाइट के लिए निम्‍न प्रकार की categories का निर्माण किया जा सकता है-

  • Products
  • New Product
  • Updated Products
  • Products With Discount, etc.

अगर आपका स्‍टार्टअप या कम्‍पनी एक से अधिक प्रकार की सेवाएं (services) देती है तो अपनी बिजनेस वेबसाइट के लिए निम्‍न प्रकार की categories का निर्माण किया जा सकता है-

  • Services
  • New Services
  • Updated Services
  • Services With Discount, etc.

ध्‍यान दे कि अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की बिजनेस वेबसाइट की categories का निर्माण पूरी तरह से आपके उत्‍पादो (products) या सेवाओं (services) के प्रकार पर निर्भर करता है।

अपने उत्‍पादो (products) या सेवाओं (services) के प्रकार के आधार पर ही वेबसाइट की categories का निर्माण किया जाना चाहिए।

जैसे कि- fashion से सम्‍बंधित बिजनेस वेबसाइट में निम्‍न प्रकार की categories भी देखी जा सकती है-

  • Fashion For Men
  • Fashion For Women
  • Fashion For Students
  • Fashion For Businessman, etc.

Step 6- Include Your Human Resource Department

Human Resource Department या मानव संसाधन विभाग किसी संगठन, स्‍टार्टअप या कम्‍पनी में कार्यरत सभी कर्मचारियों का समूह होता है। इसमें कर्मचारियों से सम्‍बंधित कार्य किए जाते है या प्रक्रियाएं पूरी की जाती है।

मानव संसाधन विभाग किसी भी संगठन, स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के सभी विभागो में सबसे महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखता है और उन्‍हें सफलता तक पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान देता है, इसलिए बिजनेस वेबसाइट में इसका भी स्‍थान होना चाहिए।

मानव संसाधन विभाग- इतिहास, महत्‍व और कार्य

बिजनेस वेबसाइट में अपने स्‍टार्टप या कम्‍पनी के मानव संसाधन विभाग को स्‍थान देने से उच्‍च अधिकारियों और कर्मचारियों में स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के प्रति सकारात्‍मक भावना उत्‍पन्‍न होगी जो सफलता में योगदान देगी।

A- वेबसाइट में उच्‍च अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम शामिल करे

स्‍टार्टअप या कम्‍पनी को वहां के उच्‍च अधिकारी और कर्मचारी ही संचालित करते है, एक अकेला संस्‍थापक यह नही कर सकता है। इसलिए अपने उच्‍च अधिकारियों और कर्मचारियों को समय-समय पर motivate करना जरुरी हो जाता है।

बिजनेस वेबसाइट में उच्‍च अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम शामिल करना उन्‍हें motivate करने का एक अच्‍छा रास्‍ता हो सकता है। साथ ही उन्‍हें यह भी अहसास होगा की स्‍टार्टअप, कम्‍पनी या संस्‍थापक उन्‍हें एक नई पहचान दे रहे है।

वेबसाइट में इनके नाम शामिल करने का एक और कारण यह है कि उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको को भी यह अहसास होगा कि वह जिस वेबसाइट पर आए है वह एक प्रोफेशनल वेबसाइट है और इस पर भरोसा किया जा सकता है।

इस तरह अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की बिजनेस वेबसाइट में अपने मानव संसाधन विभाग के उच्‍च अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम शामिल करना महत्‍वपूर्ण है और यह बहुत ही लाभदायक हो सकता है।

बिजनेस वेबसाइट में निम्‍न प्रकार के पद, उनके नाम के साथ शामिल किए जा सकते है, जैसे-

  • Founder
  • Co-Founder
  • Board of Directors
  • Chief Executive Officer (CEO)
  • Chief Financial Officer (CFO)
  • Vice President (VP)
  • Chief Operating Officer (COO)
  • Chief Marketing Officer (CMO)
  • Department Manager
  • Department Supervisor, etc.

यह किसी कम्‍पनी में कार्य कर रहे उच्‍च अधिकारियों की सूंची हो सकती है इस सूंची में और भी कई नाम शामिल हो सकते है और इससे कम भी हो सकते है।

सभी स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के मानव संसाधन विभाग का पदानुक्रम (hierarchy) एक समान नही होता है, इसे संस्‍थापक अपने अनुसार ही स्‍थापित करते है।

Business Hierarchy (व्‍यवसायिक पदानुक्रम) : महत्‍व, कार्य, उपयोग और लाभ 

इसलिए सभी तरह के स्‍टार्टअप या सभी तरह की कम्‍पनियों में स्‍थापित पदानुक्रम (hierarchy) के सभी पदो को जानना जरुरी नही है बल्कि अपने स्‍टार्टअप या अपनी कम्‍पनी में स्‍थापित पदानुक्रम (hierarchy) के सभी पदो को जानना और उन्‍हें अपनी बिजनेस वेबसाइट में शामिल करना महत्‍वपूर्ण है।

B- वेबसाइट में कर्मचारियों की नियुक्ति से सम्‍बंधित जानकारी शामिल करे

एक अकेला संस्‍थापक किसी स्‍टार्टअप को सफल नही बना सकता है, इसलिए उसे अपने स्‍टार्टअप को संचालित करने और उसे सफल बनाने के लिए कर्मचारियों की जरुरत होती है।

कर्मचारियों की जरुरत को पूरा करने के लिए व्‍यवसायिक पदानुक्रम (business hierarchy) और स्‍टार्टअप में कर्मचारियों की आवश्‍यकता के अनुसार नियुक्तियां करनी पड़ती है।

कर्मचारियों की नियुक्तियां करने के कई तरीके या रास्‍ते होते है, अपनी बिजनेस वेबसाइट के माध्‍यम से कर्मचारियों की नियुक्तियां करना उनमें से एक हो सकता है।

उदाहरण के लिए

अपनी बिजनेस वेबसाइट में “Hiring” नाम की एक category बनाई जा सकती है, जिसमें अपने व्‍यवसायिक पदानुक्रम (business hierarchy) के लिए आवश्‍यक पद की जानकारी और उस पद के लिए आवश्‍यक ज्ञान (knowledge) और कौशल (skill) के साथ ही उसके लिए पूरा की जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी दी जा सकती है।

इसे निम्‍न बिन्‍दुओं की सहायता से भी समझा जा सकता है-

  • Hiring नाम की category बनाए।
  • आवश्‍यक पद का नाम (Title) शामिल करे।
  • आवश्‍यक ज्ञान (knowledge) और कौशल (skill) की जानकारी दे।
  • ज्ञान और कौशल के स्‍थान पर requirements या qualifications की जानकारी भी दी जा सकती है।
  • उस पद के लिए दिए जाने वाले मासिक वेतन या annual package की जानकारी दे।
  • पद के लिए पूरा की जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी दे।
  • किसी तरह के form को शामिल करे, जिसमें उम्‍मीदवार अपनी जानकारी दे सके।
  • उम्‍मीदवार से संपर्क करने की जानकारी जरुर ले।
  • उस जानकारी के माध्‍यम से उन्‍हें interview की प्रक्रिया प्रदान करे।
  • प्रदान की जाने वाली जानकारी में interview का समय और जगह अवश्‍य स्‍पष्‍ट करे।

बिजनेस वेबसाइट के माध्‍यम से कर्मचारियों की नियुक्ति करने के कई लाभ हो सकते है, जैसे-

  • वेबसाइट की पहुंच हर जगह होती है, इसलिए हर कोई आपके स्‍टार्टअप या कम्‍पनी में कार्य करने के लिए apply कर पाएगा।
  • जब हर जगह से उम्‍मीदवार apply कर पायेंगे तो आपको सबसे best talent को hire करने का मौका मिलेगा।
  • वेबसाइट के माध्‍यम से कर्मचारियों की नियुक्तियां करने से आपके स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की मार्केटिंग होगी।

Step 7- वेबसाइट के लिए जरुरी कार्यो को पूरा करे

Step 1 से 6 तक दर्शाए गए कार्यो और प्रक्रियाओं के अलावा भी किसी वेबसाइट को सफलतापूर्वक संचालित करने के कई और भी जरुरी कार्य और प्रक्रियाए होती है। इन्‍हें पूरा किया जाना चाहिए, जैसे-

  • उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको के व्‍यवहार पर ध्‍यान दे।
  • बिजनेस वेबसाइट mobile responsive होनी चाहिए।
  • उपयोगकर्ताओं (website visitors) या ग्राहको से बातचीत करने के लिए chatbots का उपयोग किया जा सकता है।
  • पूरा किए जाने वाले सभी कार्यो और प्रक्रियाओं की जांचते रहे।
  • उपयोग की जाने वाली images खुद बनाना सीखे।
  • वेबसाइट की speed and load time को कम-से-कम रखने का प्रयास करे।
  • वेबसाइट का SEO ध्‍यानपूर्वक पूरा करे।
  • keywords, meta descriptions, and alt tags का उपयोग करे।
  • XML sitemap को search engines में submitt करे।
  • Google Analytics का उपयोग करे।
  • उपयोग किए जाने वाले plugins और अन्‍य softwares को update करते रहे।
  • वेबसाइट की security का ध्‍यान रखे।
  • blog posts को update करते रहे।
  • वेबसाइट की ranking को जांचते रहे।
  • वेबसाइट के नाम से सोशल मिडिया अकाउंट बनाएं।
  • blog posts को सोशल मिडिया पर शेयर करे।
  • अपने उत्‍पाद या सेवाओं की कीमत जरुर दर्शाए।
  • अपने उत्‍पाद या सेवाओं की जरुरत से अधिक प्रशंसा ना करे।

Conclusion

इंटरनेट उपयोग करने वालो की संख्‍या लगातार और तेजी से बढ़ते जा रही है। बहुत से नए स्‍टार्टअप्‍स के बारे में इंटरनेट से ही पता चलता है। इसलिए नए स्‍टार्टअप या कम्‍पनी का एक रुप इंटरनेट पर होना जरुरी है।

स्‍टार्टअप शुरु करने और उसे संचालित करने के लिए संस्‍थापक के पास अधिक निवेश या बचत उपलब्‍ध नही होती है। इसलिए वह अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी की मार्केटिंग पर अधिक खर्च नही कर सकता है।

मनी मेनेजमेंट क्‍या होता है? यह क्‍यूं जरुरी है?

अपनी बिजनेस वेबसाइट के माध्‍यम से उपयोगकर्ताओं (website visitors) तक पहुंचना, मार्केटिंग से माध्‍यम से ग्राहको तक पहुंचने के समान ही है और यह बहुत ही कम निवेश से संभव हो जाता है। इसलिए अपने स्‍टार्टअप या कम्‍पनी के लिए बिजनेस वेबसाइट बनाने को लेकर हमेशा सकारात्‍मक रहना चाहिए।

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