
Photo by Ayaneshu Bhardwaj on Unsplash
Table of Contents
Toggleप्रस्तावना
आर्थिक प्रणाली (Economic System) में मुद्रा का महत्व अत्यधिक है। मुद्रा केवल विनिमय का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मूल्य मापन, लेन-देन, धन संचयन और भविष्य के भुगतान का साधन भी है। इतिहास में अलग-अलग प्रकार की मुद्राओं का प्रयोग किया गया है, जिनमें धातु मुद्रा (Metal Money), कागजी मुद्रा (Paper Money), इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा (Electronic Money) आदि प्रमुख हैं। इन्हीं में एक विशेष प्रकार की मुद्रा है – फिड्युशियरी मनी (Fiduciary Money), जिसे हिंदी में प्रतिनिधिक मुद्रा या विश्वास पर आधारित मुद्रा कहा जाता है।
इस लेख में हम फिड्युशियरी मनी की परिभाषा, विशेषताएँ, महत्व, कार्यप्रणाली और उदाहरणों को विस्तार से समझेंगे।
फिड्युशियरी मनी की परिभाषा
फिड्युशियरी मनी वह मुद्रा है जिसकी स्वयं की आंतरिक (Intrinsic) कीमत नहीं होती, बल्कि इसका मूल्य केवल लोगों के विश्वास (Trust) और सरकार/जारीकर्ता संस्था के प्रति भरोसे पर आधारित होता है।
सरल शब्दों में, फिड्युशियरी मनी वह मुद्रा है जिसे लोग केवल इस कारण स्वीकार करते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास होता है कि जारीकर्ता संस्था (जैसे – सरकार या केंद्रीय बैंक) इसका मूल्य चुकाने या सुरक्षित रखने की गारंटी देती है।
उदाहरण
बैंक नोट (कागजी मुद्रा)
डिमांड ड्राफ़्ट
चेक
बैंक जमा राशि (Deposit Money)
फिड्युशियरी मनी की मुख्य विशेषताएँ
विश्वास पर आधारित
इस मुद्रा का मूल्य सोने, चाँदी या अन्य धातुओं की तरह आंतरिक नहीं होता। इसका मूल्य केवल विश्वास पर निर्भर करता है।कानूनी मान्यता
सरकार या केंद्रीय बैंक इसे वैध मुद्रा (Legal Tender) घोषित करता है, जिससे समाज में सभी लोग इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य होते हैं।भुगतान की गारंटी
जारीकर्ता संस्था (जैसे – भारतीय रिजर्व बैंक) यह सुनिश्चित करती है कि नोट या चेक का मूल्य धारक को प्राप्त होगा।भौतिक मूल्य और नाममात्र मूल्य का अंतर
नोट या चेक की छपाई पर खर्च बहुत कम होता है, लेकिन इसका अंकित मूल्य (Face Value) कहीं अधिक होता है।आसान लेन-देन
फिड्युशियरी मनी आसानी से ले जाने योग्य होती है और बड़ी राशि के लेन-देन को भी सरल बना देती है।
फिड्युशियरी मनी के उदाहरण
बैंक नोट – जैसे भारतीय 10 रुपये, 500 रुपये के नोट।
चेक (Cheque) – बैंक खाताधारक द्वारा जारी आदेश, जिसके आधार पर राशि स्थानांतरित होती है।
ड्राफ्ट (Demand Draft) – बैंक द्वारा जारी सुरक्षित भुगतान साधन।
बैंक जमा राशि (Deposit Money) – बैंक खाते में मौजूद धन, जिसे ट्रांसफर या निकाला जा सकता है।
फिड्युशियरी मनी का महत्व
विनिमय को सरल बनाना
वस्तु-विनिमय (Barter System) में कई कठिनाइयाँ थीं, जिन्हें फिड्युशियरी मनी ने दूर किया। अब हर वस्तु और सेवा का मूल्य मुद्रा में आँका जाता है।आर्थिक विकास को बढ़ावा
निवेश, बचत, व्यापार और सरकारी व्यय सभी फिड्युशियरी मनी पर आधारित होते हैं। यह आर्थिक गतिविधियों की गति बढ़ाती है।बड़ी राशि के लेन-देन को संभव बनाना
धातु मुद्रा में बड़ी रकम ले जाना मुश्किल था, लेकिन फिड्युशियरी मनी से यह आसान हो गया।सरकारी नियंत्रण
सरकार मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित कर सकती है, जिससे मुद्रास्फीति और मंदी जैसी परिस्थितियों पर प्रभाव डाला जा सकता है।क्रेडिट सृजन (Credit Creation)
फिड्युशियरी मनी के आधार पर बैंक ऋण (Loan) और उधार देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।
फिड्युशियरी मनी और कमोडिटी मनी (Commodity Money) में अंतर
आधार | फिड्युशियरी मनी | कमोडिटी मनी |
---|---|---|
परिभाषा | विश्वास और कानूनी मान्यता पर आधारित मुद्रा | वस्तुओं (सोना, चाँदी, अनाज आदि) के रूप में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा |
मूल्य का आधार | सरकार/संस्था पर विश्वास | वस्तु का स्वयं का आंतरिक मूल्य |
उदाहरण | नोट, चेक, ड्राफ़्ट | सोने के सिक्के, चाँदी के सिक्के |
आसान लेन-देन | अधिक आसान | अपेक्षाकृत कठिन |
लचीलापन | मुद्रा आपूर्ति नियंत्रित की जा सकती है | आपूर्ति सीमित (धातु की उपलब्धता पर निर्भर) |
फिड्युशियरी मनी की सीमाएँ
मुद्रास्फीति का खतरा
यदि सरकार बिना संतुलन के नोट छापे तो बाजार में मुद्रा आपूर्ति बढ़कर महँगाई (Inflation) को जन्म देती है।विश्वास पर निर्भरता
यदि लोगों का सरकार या बैंक पर से विश्वास उठ जाए, तो यह मुद्रा मूल्यहीन हो सकती है।जालसाजी (Forgery) का खतरा
नकली नोट या फर्जी चेक के कारण आर्थिक नुकसान हो सकता है।अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सीमित स्वीकार्यता
एक देश की फिड्युशियरी मनी केवल उस देश में वैध होती है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए विदेशी मुद्रा या सोना आवश्यक होता है।
भारतीय परिप्रेक्ष्य में फिड्युशियरी मनी
भारत में प्रचलित सभी बैंक नोट फिड्युशियरी मनी हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी हर नोट पर यह वाक्य लिखा होता है:
“मैं धारक को अदा करने का वचन देता हूँ”
– यह दर्शाता है कि मुद्रा का मूल्य केवल विश्वास और कानूनी गारंटी पर आधारित है, न कि उसके कागज के वास्तविक मूल्य पर।
निष्कर्ष
फिड्युशियरी मनी आधुनिक आर्थिक प्रणाली की रीढ़ है। यह विश्वास, कानूनी गारंटी और सरकारी नियंत्रण पर आधारित होती है। इसके बिना व्यापार, निवेश, बचत और क्रेडिट प्रणाली का संचालन असंभव है। हालाँकि, इसका उपयोग जिम्मेदारी से होना चाहिए क्योंकि अत्यधिक निर्भरता या गलत प्रबंधन से मुद्रास्फीति, जालसाजी और आर्थिक संकट पैदा हो सकते हैं।
इस प्रकार, फिड्युशियरी मनी ने मानव सभ्यता को आर्थिक दृष्टि से नई ऊँचाइयाँ प्रदान की हैं और यह आज के वैश्विक वित्तीय ढांचे का अभिन्न हिस्सा है।