Business Law: व्‍यवसायिक कानून जिनका पालन करना अनिर्वाय हैं

business law

Introduction

यह लेख business law पर आधारित है। 

हर इंसान के जीवन पर उसके अपने देश का बहुत गहरा प्रभाव होता है।

उसे अपने देश के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और संवैधानिक पहलू लगातार और जीवनभर प्रभावित करते रहते है।

अधिकतर लोग जीवनभर उसी देश में रहते है, जहां उनका जन्‍म हुआ होता है, इसलिए एक इंसान को प्रभावित करने वाले सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और संवैधानिक पहलुओं पर चर्चा करना जरुरी है।

इस लेख में इंसान को प्रभावित करने वाले संवैधानिक पहलुओं पर चर्चा की गई है और साथ ही एक व्‍यापारी को प्रभावित करने वाले संवैधानिक पहलुओं (business law) पर भी प्रमुखता से चर्चा की गई है।

Importance of Understanding Law

मानव सभ्‍यता का जिन नियमों से सबसे पहले सामना हुआ, वह प्रकृति के निमय थे।

जंगल में रहने के बाद मानव सभ्‍यता अधिकतर समय कबीलो में रहने लगी, फिर सभ्‍यताएं विकसित हुई, मध्‍यकालीन युग आया, कई अविष्‍कार हुए, देशो का निर्माण हुआ और देश लोकतांत्रिक हुए।

संक्षिप्‍त रुप से मानव सभ्‍यता के इतिहास का इससे अलग काल विभाजन भी किया जा सकता है, लेकिन मानव सभ्‍यता के इतिहास को सामान्‍य रुप से समझने के लिए यह पर्याप्‍त है।

तो, जब देशो का निर्माण होने लगा तो उन्‍होने अपने संविधान का भी निर्माण किया। जिसमें नियम, अधिकार और कर्तव्‍य होते है।

कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर संविधान के अनुसार चलना और उसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होता है।

लेकिन संवैधानिक नियमों का पालन करते हुए अगर इंसान उससे होने वाले लाभ से भी परिचित हो तो वह उन नियमों का पालन अधिक प्रभावी रुप से कर पाएगा।

जैसे-

सभी इंसानो के जीवन के सबसे पहले नियम स्‍कूल से शुरु होते है।

स्‍कूल यूनिफार्म पहनना सभी बच्‍चों के लिए अनिवार्य होता है। यह नियम लगभग सभी स्‍कूलों में लागू है।

बच्‍चों से यूनिफार्म से सम्‍बंधित नियमों का पालन करने के दो रास्‍ते है-

  1. बच्‍चों और उनके माता-पिता से कहा जाए कि इस नियम का पालन करना अनिवार्य है।
  2. बच्‍चों और उनके माता-पिता को यूनिफार्म पहनने का महत्‍व समझाया जाए कि यह क्‍यूं जरुरी है?

पहला रास्‍ता बच्‍चों और उनके माता-पिता पर दबाव बनाने जैसा है।

इस स्थिति में बच्‍चे नियमों का पालन कर भी ले तो उसका पालन दूसरी स्‍कूल में जाने या अपनी शिक्षा पूरी होने तक ही कर पाएंगे।

बाद में वह ऐसे कपड़े पहनेंगे और ऐसे फैशन पर अमल करेंगे जिनका उनके जीवन पर कोई सकारात्‍मक प्रभाव नही होगा।

या दूसरे रास्‍ते को अपनाया जा सकता है, जिसमें यूनिफार्म या कपड़ो का महत्‍व समझाया गया हो और यह क्‍यूं जरुरी है? यह बताया गया हो।

तो, बच्‍चे यूनिफार्म या कपड़ो से सम्‍बंधित नियमों का पालन दूसरी स्‍कूल में जाने या अपनी शिक्षा पूरी होने तक नही बल्कि जीवनभर करते रहेंगे।

जिससे उन्‍हें लाभ भी मिलेगा और उनके जीवन पर सकारात्‍मक प्रभाव भी होगा।

इस तरह किसी देश के संवैधानिक नियमों का पालन किसी दबाव में तो किया जा सकता है, लेकिन अगर उन निमयों का महत्‍व समझा जाए और उससे होने वाले लाभ से परिचित रहा जाए तो संवैधानिक नियमों का पालन अधिक प्रभावी रुप से किया जा सकता है।

संविधान के बिना, कानून और व्‍यवस्‍था के बिना कोई भी देश विकसित और संचालित नही हो सकता है।

किसी देश के लिए उसके नियम उतने ही जरुरी है, जितने कि प्रकृति के लिए उसके नियम है।

किसी देश के संवैधानिक नियम वहां की जनता के लिए जरुरी है, इससे वह विकसित हो पाते है और अपने जीवन में सुधार ला पाते है।

तो इस तरह संविधान और उसके नियमों का महत्‍व है और उसका पालन करना जरुरी है।

How to Understand Law?

कानून को समझने का यही रास्‍ता है कि उस देश का संविधान पढ़ा जाए, कानून से सम्‍बंधित किताबें पढ़ी जाए और किसी-न-किसी तरह से कानून से सम्‍बंधित निमयों को सिखा जाए।

किसी दूसरे देश के कानून को समझने का भी यही रास्‍ता है कि उस देश का अपना संविधान संविधान समझा जाए।

लेकिन बहुत ही कम लोग यह तरीके अपनाते है, जिसके कुछ कारण हो सकते है-

  1. लोगो को संवैधानिक नियमों को समझने में कठिनाई होती है।
  2. लोगो को लगता है कि यह बहुत बड़ा कार्य है।
  3. लोगो के पास समय की कमी हो सकती है।
  4. लोग इन्‍हें समझने के लिए अधिक समय नही देना चाहते है।
  5. वह संवैधानिक नियमों को संक्षिप्‍त रुप से समझना चाहते है।

तो, ऐसे बहुत कम लोग होते है जो संविधान पढ़ते है, कानून से सम्‍बंधित किताबें पढ़ते है और किसी-न-किसी तरह से कानून से सम्‍बंधित नियमों को सिखने का प्रयास करते है।

अधिकतर लोग संवैधानिक नियमों को संक्षिप्‍त रुप से और कम समय में समझना चाहते है।

इसलिए यहां संवैधानिक नियमों को संक्षिप्‍त रुप से और कम समय में समझने के कुछ आसान से उपाय बताए जा रहे है-

किसी सामान्‍य व्‍यक्ति के लिए कानून को समझने के दो रास्‍ते हो सकते है-

  1. Law for Everyone
  2. Law for Specific Profession.

Note- यह दोनो रास्‍ते पूरी तरह से काल्‍पनिक है, जिनका कोई आधार नही है। यह सिर्फ संविधान और कानून को आसानी से समझने के लिए दिए जा रहे है।

पहला यह है कि किसी सामान्‍य व्‍यक्ति पर लागू होने वाले नियम कौन-से है? और दूसरा यह है कि व्‍यक्ति के अपने व्‍यवसाय (profession) पर लागू होने वाले नियम कौन-से है?

  1. Law for Everyone

संविधान, कानून और व्‍यवस्‍था के ऐसे बहुत से नियम है जो सभी पर लागू होते है। यह सभी स्थितियों में, हर समय, हर जगह लागू होते है।

ऐसे नियमों को “law for everyone” कहा जा सकता है।

तो, कानून को समझने का यह पहला तरीका है कि अपने पर लागू होने वाले नियमों को समझा जाए और उनकी जानकारी ली जाए।

  1. Law for Specific Profession

संविधान, कानून और व्‍यवस्‍था के ऐसे बहुत से नियम है जो अलग-अलग व्‍यवसायों में लागू होते है।

जैसे- व्‍यापारियों पर व्‍यापारिक कानून लागू होते है, सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों पर उसके अनुसार नियम लागू होते है, कलाकारो पर कला से सम्‍बंधित नियम लागू होते है।

ऐसे नियमों को “law for specific profession” कहा जा सकता है।

तो, कानून को समझने का यह दूसरा तरीका है कि अपने व्‍यवसाय पर लागू होने वाले नियमों को समझा जाए और उनकी जानकारी ली जाए।

इस प्रकार अगर किसी को संवैधानिक नियमों को समझने और उसका पालन करने में कठिनाई होती है तो वह इन दो तरीको को अपना सकता है।

यह दो तरीके अपनाकर कम समय में संवैधानिक नियमों को संक्षिप्‍त रुप से समझा जा सकता है और आसानी से उनका पालन किया जा सकता है।

How to Understand Business Law?

यह लेख व्‍यापारिक नियमों (business law) पर आधारित है।

इसलिए business law का महत्‍व समझना और उनका पालन करना आवश्‍यक है।

  • हमने “importance of understanding law” के माध्‍यम से नियमो का महत्‍व जाना कि नियमो का पालन करने से लाभ होता है, इसलिए उनका महत्‍व है।

यही महत्‍व business law के लिए भी लागू होता है, business law का पालन करने से व्‍यापारियों को लाभ होता है।

  • हमने “how to understand law” के माध्‍यम से नियमों को समझने का प्रयास किया। जिसमें नियमों को समझने के दो रास्‍ते बताए गए।

पहला यह है कि सभी पर लागू होने वाले नियमों का गंभी‍रता से पालन करे और दूसरा यह है कि अपने व्‍यवसाय पर लागू होने वाले नियमों का पालन करे।

इस तरह अलग-अलग व्‍यवसायों में अलग-अलग प्रकार के नियमों का पालन करना होता है, हम व्‍यापार के क्षेत्र पर लागू होने वाले नियमों पर चर्चा करेंगे और इन्‍हें समझने का प्रयास करेंगे।

व्यापार के बारे में बात की जाए तो अलग-अलग तरह के व्यापार पर अलग-अलग तरह के business law लागू होते है।

जैसे-

  • दवाईयां बनाने वाली कम्पनी और लौह उत्पाद बनाने वाली कम्पनी पर अलग-अलग तरह के business law लागू होंगे।

यह विभिन्‍नता भौगोलिक स्थिति के बदलने पर भी बदल जाती है। जैसे-

  • दो राज्यों और दो देशों के बीच होने वाले व्यापार के business law अलग-अलग होंगे।

साथ ही यह विभिन्‍नता एक ही क्षेत्र के अलग-अलग उत्‍पादो पर भी अलग-अलग होती है, जैसे-

  • दो पहिया और चार पहिया वाहनों के निर्माण के business law अलग-अलग होंगे।

तो, business law व्‍यापार के प्रकार, भौगोलिक स्थिति और उत्‍पाद के अनुसार अलग-अलग प्रकार के होते है।

इसे एक और उदाहरण के माध्‍यम से समझते है-

  • दो व्‍यापारी अपने बिजनेस आईडिया के अनुसार स्‍टार्टअप शुरु करते है। पहले का आईडिया tech startup से सम्‍बंधित है और दूसरे का आईडिया लौह उत्‍पाद बनाने से सम्‍बंधित है।

पहला अपने उत्‍पाद को दूसरे देशो तक भी पहुंचाता है और दूसरा अपने उत्‍पाद को अपने राज्‍य तक ही सीमित रखता है।

इस स्थिति में इन पर अलग-अलग प्रकार से business law लागू होंगे।

पहले पर tech startup से सम्‍बंधित business law और दूसरे पर लौह उत्‍पाद के निर्माण से सम्‍बंधित business law लागू होंगे।

साथ ही पहले को अपने उत्‍पाद को दूसरे देशो में बेचने के लिए वहां के business law का पालन भी करना होगा, जबकि दूसरे को अपने देश या अपने राज्‍य में लागू होने वाले business law का पालन करना होगा।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एक व्यापारी को अपने आइडिया और उस आइडिया के क्षेत्र पर लागू होने वाले business law की सही जानकारी होनी चाहिए।

आइडिया किस क्षेत्र से सम्बंधित है? और उस क्षेत्र में स्टार्टअप शुरु करने के लिए कौन से नियमों का पालन करना जरुरी है? इस बात की जानकारी होने के साथ ही उस क्षेत्र का फैलाव कहां तक है और कम्पनी के विस्तार के लिए उस फैलाव के समय कौन से नियम लागू होते है? इसकी समझ होनी चाहिए।

जैसे-

  • अगर कोई tech startup शुरु करता है तो उसे tech startup शुरु करने के नियमों के साथ ही अपने स्टार्टअप को सफल और विस्तारित करने के नियमों का भी ध्यान रखना होगा।

जैसे ही स्टार्टअप सफल होकर कम्पनी बनेगा या वह विस्तार करेगा तो नए और अधिक ग्राहक भी होंगे। इस स्थिति में कम्पनी के पास बहुत सारे ग्राहको की जानकारी होगी या उनका डाटा होगा।

तो यहां सरकार या कानून की तरफ से उस कम्पनी को पूछा जा सकता है कि आप ग्राहको का कितना डाटा संग्रहित करते हो? उस डाटा का क्या करते हो? क्या ग्राहको के डाटा का गलत उपयोग किया जा रहा है? या क्या इस डाटा को किसी दूसरी कम्पनी को बेचा जा रहा है?

टेक कम्पनियों के बारे में अक्सर इसी तरह की कार्यवाही होती है।

टेक स्टार्टअप शुरु करने के नियम टेक स्टार्टअप शुरु करने के लिए होते है, जैसे-जैसे वह स्टार्टअप सफल और बड़ा होता जाएगा वैसे-वैसे संस्थापक और उच्च अधिकारियों को कई नियमों का ध्यान रखना होगा।

यह ध्यान हर स्तर पर, हर कदम पर और हर फैसले पर रखना होगा।

उत्पाद बनाने में कई नियमों का ध्यान रखना होता है, लेकिन इसे बाजार में लाने के लिए भी कई नियमों का ध्यान रखना होता है।

 इसी तरह ग्राहको को वह उत्पाद बेचने के लिए भी कई नियमों को ध्यान में रखना होता है।

वही अगर कम्पनी किसी दूसरे देश में अपना उत्पाद बेचना चाहती है तो उसे उस देश के नियमों को ध्यान में रखना होगा, जो कि अपने देश के नियमों से अलग भी हो सकते है।

इस तरह सिर्फ उत्पाद से सम्बंधित इतने सारे business law का पालन करना पड़ता है। ग्राहको और कमाएं जाने वाले लाभ के सम्बंध में दूसरे नियम होंगे।

सरकार या कानून के द्वारा सभी तरह के व्यापार पर लागू होने वाले business law की सूंची नही बनाई जा सकती है।

अगर कोई यह करता भी है तो उसे हर तरह के स्टार्टअप पर लागू होने वाले नियमों की सूंची बनानी होंगी, हर राज्य और हर देश के नियमों की सूंची बनानी होंगी, यह करने के लिए बहुत अधिक समय और सही जानकारी चाहिए। लेकिन स्टार्टअप शुरु करने के लिए कोई भी इतना अधिक समय नही देना चाहेगा।

यह लाभदायक भी नही है, क्योंकि एक व्यापारी को बस अपने व्यापारिक क्षेत्र और जहां वो व्यापार करना चाहता है उस राज्य या देश के business law का ही पालन करना चाहिए।

किसी दूसरे व्यापारिक क्षेत्र पर लागू होने वाले नियमों और ऐसे देश के व्यापारिक नियमों को जानकर कोई लाभ नही होगा जिसमें व्यापार नही करना है।

समय के साथ सरकार व्यापारिक क्षेत्रों में लागू होने वाले नियमों में बदलाव करती रहती है और कुछ व्यापार क्षेत्र जैसे एआई स्टार्टअप्स पर अधिकतर देश अभी भी कोई स्थाई नियम नही बना पाए है।

इसलिए व्यापारिक नियमों की जानकारी होना आवश्‍यक नही है, बल्कि अपने व्‍यापारिक क्षेत्र पर लागू होने वाले नियमों की जानकारी ही पर्याप्‍त है।

Relation of Business Laws to Business Idea

व्‍यापारिक नियम अलग-अलग प्रकार के होते है, उन सभी को समझना कठिन होता है। इन्‍हें समझने का सबसे आसान और पहला रास्‍ता यह है कि अपने बिजनेस आईडिया को पहचाना जाए, वह किस क्षेत्र से सम्‍बंधित है? यह समझा जाए और फिर उस आईडिया और क्षेत्र पर लागू होने वाले व्‍यापारिक नियमों को समझा जाए।

नीचे दी गई link के माध्‍यम से अपने बिजनेस आईडिया को पहचाने-

अपने बिजनेस आईडिया को कैसे पहचाने?

व्‍यापारिक नियमों का पालन करने के लिए आपको सभी तरह के बिजनेस आईडियाज को समझने या सभी व्‍यापारिक क्षेत्रो में लागू होने वाले व्‍यापारिक नियमों को समझने की आवश्‍यकता नही है।

आपको बस अपने बिजनेस आईडिया और उसके अपने क्षेत्र पर लागू होने वाले व्‍यापारिक नियमो को समझना और उनकी जानकारी होना आवश्‍यक है।

Relation of Business Laws to Types of Businesses

अपने लिए सही व्‍यापारिक नियमों का पालन करना कई पहलुओं और बिन्‍दुओं पर निर्भर करता है, उनमें से एक यह है कि आपका अपना स्‍टार्टअप या व्‍यापार किस तरह का है, उसका प्रकार क्‍या है?

व्‍यापारिक नियमों के महत्‍व को समझने और अपने बिजनेस आइडिया को पहचानने के पहले या बाद व्‍यापार के प्रकार को समझने की बारी आती है, क्‍योकि इसी से आप अपने लिए सही प्रकार को चुन सकते है और फिर उससे सम्‍बंधित नियमों का ज्ञान लेकर अपनी कम्‍पनी को सफल बना सकते है।

सही व्‍यापारिक नियमों का पालन करना पूरी तरह से आपके बिजनेस आइडिया और आपके व्‍यापार के प्रकार पर निर्भर करता है।

नीचे दी गई link के माध्‍यम से व्‍यापार के प्रकारो को विस्‍तार से समझा जा सकता है-

8 व्‍यापार के प्रकार और अपने लिए सही प्रकार को चुनने का महत्‍व

Conclusion

सरकार की तरफ से लागू किए गए नियमों का पालन करना जरुरी है और इनका पालन करने से लाभ भी होता है।

लेकिन इनकी जानकारी हुए बिना, इनका पालन भी नही किया जा सकता है।

लेकिन जब एक सामान्‍य व्‍यक्ति इन नियमों की जानकारी लेना शुरु करता है, तो उसे यह नियम अधिक लग सकते है। और यह नियम अधिक है भी।

तो, नियमों का पालन करने का सबसे आसान तरीका यह है कि अपने पर लागू होने वाले नियमों की जानकारी ली जाए, ना कि सारे नियमों को समझने का प्रयास किया जाए।

व्‍यापारिक नियमो से सम्‍बंधित इस लेख का निष्‍कर्ष भी यही है कि एक व्‍यापारी को अपने व्‍यापार पर लागू होने वाले नियमों की जानकारी लेना चाहिए और उन्‍ही का पालन करना चाहिए।

Share This Post On
Scroll to Top