Introduction
व्यापार से मिलने वाला लाभ या कमाए जाने वाला धन दुनिया के सभी व्यवसायों (professions) जैसे- कला या नौकरी से अधिक होता है। इसलिए लोग व्यापार को किसी दूसरे व्यवसाय से अधिक महत्व देते है।
सफल व्यापार के लाभ, धन या निष्कर्ष के कारण ही कोई इंसान अपने बिजनेस आईडिया को अमल में लाता है, students व्यापार से सम्बंधित शिक्षा लेते है, कोई इंसान स्टार्टअप शुरु करता है या कोई इंसान व्यापार शुरु करने की सोचता है।
लेकिन स्टार्टअप शुरु करना, कम्पनी को संचालित करना या व्यापार को सफल बनाना कई चुनौतियों से भरा होता है, साथ ही इसमें सफलता पाने के लिए अधिक समय भी लगता है।
अगर आप व्यापार से मिलने वाले लाभ, धन या निष्कर्ष के बारे में जागरुक है और उनका महत्व समझते है, तो आप व्यापारिक चुनौतियों का सामना अधिक समय तक कर सकते है और अपने व्यापार को सफल बना सकते है।
इसलिए व्यापार से मिलने वाले लाभ, धन या निष्कर्ष के बारे में जागरुक रहना और उनके महत्व को समझना अपने बिजनेस आईडिया को अमल में लाने वाले इंसान, व्यापार की शिक्षा ग्रहण कर रहे students, स्टार्टअप शुरु करने वाले या व्यापार शुरु करने की सोचने वाले इंसान, सभी के लिए जरुरी हो जाता है।
इस लेख (article) में हम व्यापार में धन का महत्व समझने से साथ ही धन या मुद्रा के अपने महत्व और व्यक्तिगत जीवन में धन के महत्व से भी परिचित होंगे।
जीवन की सफलता और व्यवसायिक जीवन की सफलता में सम्बंध
हर इंसान अपने जीवन में सफलता पाना चाहता है, यह सफलता प्रमुख रुप से उसके व्यवसायिक जीवन (professional life) पर निर्भर करती है।
व्यवसायिक जीवन में सफलता का मतलब या उसका अर्थ किसी इंसान के द्वारा अपने लिए चुने गए किसी एक क्षेत्र में सफल होने से है।
कई लोग अपने व्यवसायिक जीवन में एक से अधिक क्षेत्रो को चुनते है और उसमें सफल भी होते है, लेकिन प्रमुख रुप से उनका प्रमुख क्षेत्र एक ही होता है।
तो, व्यवसायिक जीवन में सफलता पा लेना, जीवन में सफलता पा लेने के समान ही महत्वपूर्ण होता है, इसलिए यह दोनो एक-दूसरे से सम्बंधित है।
व्यवसायिक जीवन की सफलता को प्रभावित करने वाले कारक, पहलु और कारण
व्यवसायिक जीवन में सफलता पा लेना, जीवन में सफलता पा लेने के समान ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए व्यवसायिक जीवन की सफलता पर प्रमुख रुप से बात होनी चाहिए।
इसके साथ ही व्यवसायिक जीवन की सफलता को प्रभावित करने वाले कारक, पहलु और कारणों पर भी चर्चा की जा सकती है।
किसी इंसान के द्वारा अपने लिए चुने गए क्षेत्र में सफल होना सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर निर्भर करता है।
सामाजिक पहलु जैसे कि- किसी इंसान के द्वारा पाई गई सफलता में उसे समाज के द्वारा कितनी प्रशंसा मिली है?
और आर्थिक पहलु जैसे कि- किसी इंसान के द्वारा पाई गई सफलता में उसने आर्थिक रुप से कितनी सफलता पाई है?
सामाजिक और आर्थिक मापदंडो के अनुसार सफलता पाने के अलावा एक और पहलु है जो किसी इंसान की व्यवसायिक सफलता को प्रभावित करता है, वह है संविधान और कानून।
अगर कोई इंसान अपने व्यवसायिक जीवन में बहुत सफल रहा है, उसे समाज की प्रशंसा मिली है और वह आर्थिक रुप से भी सफल रहा है। लेकिन अगर उसने यह सफलता संवैधानिक कानूनो को तोड़कर पाई है, तो यह कहा जा सकता है कि वह गैर-कानूनी तरीको को अपनाकर सफल हुआ है।
अलग-अलग प्रकार की धोखाधड़ी के आधार पर सफलता पाने वालो को इस सूंची में शामिल किया जा सकता है। इन लोगो को सामाजिक प्रशंसा और आर्थिक सफलता तो मिलती है, लेकिन वह प्रशंसा और सफलता कुछ समय के लिए ही होती है।
क्योंकि इन्होंने गैर-कानूनी तरीको से सफलता पाई हुई होती है, इसलिए इन पर किसी भी समय कानूनी कार्यवाही की संभावना होती है। रही बात सामाजिक प्रशंसा और आर्थिक सफलता की तो वह सिर्फ कानूनी कार्यवाही के शुरु होने तक ही रहती है।
जैसे ही समाज को इन लोगो की सफलता का राज़ पता चलता है, उसकी प्रशंसा नफ़रत में बदल जाती है और साथ ही इनकी संपत्ति को भी जब्त कर लिया जाता है।
इस तरह गैर-कानूनी तरीको से पाई गई सफलता का कोई मूल्य नही होता है, वह क्षण भर के लिए होती है और ऐसे तरीको को अपनाने वालो को कानून की तरफ से सजा भी दी जाती है।
तो, किसी इंसान के द्वारा पाई गई सफलता सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक पहलुओं पर निर्भर करती है।
इन पहलुओं के अलावा पारिवारिक पहलु भी हो सकते है, राजनैतिक पहलु भी हो सकते है।
जैसे कोई इंसान अधिक धन कमाने के लिए अपने परिवार से दूर रहता है, वही कोई इंसान अपने परिवार के साथ रहना चाहता है चाहे वह कम धन कमाए।
राजनैतिक पहलु समाज के सुधार से सम्बंधित होते है। बहुत से लोग समाज सुधार के लिए राजनीति में आते है और जनता के लिए सही नीतियां बनाने में विश्वास करते है।
तो, एक इंसान की सफलता, उस इंसान को प्रभावित करने वाले कारको या पहलुओं पर निर्भर करती है और बहुत से कारणों पर भी निर्भर करती है जो मानवता को प्रभावित करते है।
व्यापारिक जीवन की सफलता को प्रभावित करने वाले कारक, पहलु और कारण
एक इंसान की व्यवसायिक सफलता को कई कारक, पहलु और कारण प्रभावित करते है। यह सकारात्मक रुप से भी प्रभावित कर सकते है और कुछ अवसरो पर इनका प्रभाव नकारात्मक भी हो सकता है।
तो, क्या कोई ऐसा व्यवसाय चुना जा सकता है? जो अधिक-से-अधिक सकारात्मक रुप से प्रभावित करे और कम-से-कम नकारात्मक रुप से प्रभावित करे।
इसका जवाब है- व्यापार।
व्यापार में सफलता पाना व्यवसायिक जीवन की सफलता को प्रभावित करने वाले सभी कारको, पहलुओं या कारणों में सकारात्मक रुप से सफलता पाने के बराबर होता है।
जैसे कि- एक सफल व्यापारी का व्यवसायिक जीवन भी सफल माना जाता है, उसे समाज की प्रशंसा मिलती है, वह आर्थिक रुप से भी सफल होता है, कानून और संविधान के नियमों का पालन करते हुए सफलता पाता है। वह अपने परिवार के साथ भी रह सकता है और परोपकार (philanthropy) और दान (charity) को अपनाकर वह समाज सुधार के लिए भी कार्य कर सकता है।
व्यापारिक सफलता किसी व्यापारी के द्वारा कमाए जाने वाले धन या स्टार्टअप या कम्पनी को होने वाले लाभ पर निर्भर करती है।
इसलिए एक व्यापारी को अपने व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देना चाहिए, व्यापार के लक्ष्य तय करने चाहिए, व्यापार को शुरु करने से पहले की तैयारी को पूरा करना चाहिए, व्यापारिक ज्ञान और कौशल को बढ़ाने और विकसित करने पर कार्य करना चाहिए और सबसे बेहतर कर्मचारियों का चुनाव भी करना चाहिए लेकिन उसे व्यापार में पाई जाने वाली सफलता पर भी समान रुप से ध्यान देना चाहिए।
व्यापारिक जीवन की सफलता में धन का महत्व
व्यापारिक सफलता किसी व्यापारी, कम्पनी या स्टार्टअप के द्वारा कमाए जाने वाले लाभ पर निर्भर करती है।
कोई कम्पनी चाहे कितनी की बड़ी क्यूं ना हो? उसका बाज़ार मूल्य (market capitalization) कितना ही अधिक क्यूं ना हो? कम्पनी को संचालित करने वाला व्यापारी कितना ही कुशल क्यूं ना हो? या कोई स्टार्टअप कितना ही क्रांतिकारी क्यूं ना हो? अगर वह लाभ तक नही पहुंच पाते है तो वह सफलता तक नही पहुंच पाऐंगे।
कमाए जाने वाला लाभ ही किसी भी व्यापार की सफलता का आधार और उसका अंतिम निष्कर्ष होता है।
इसलिए अगर आपने अपने व्यवसायिक जीवन में व्यापार में क्षेत्र को चुना है, तो आपको व्यापार करते हुए लगातार लाभ के बारे में जागरुक रहना होगा और उसके अनुसार अपने व्यापार, कम्पनी या स्टार्टअप में बदलाव या सुधार करना होगा।
व्यापार, कम्पनी या स्टार्टअप में लाभ के अनुसार बदलाव या सुधार के अलावा अपने ज्ञान और कौशल को कमाए जाने वाले लाभ के अनुसार बढ़ाने और विकसित करने पर भी समान रुप से ध्यान देना होगा।
इसमें कमाए जाने वाले लाभ, धन या मनी की जानकारी होना, धन प्रबंधन (money management) को सिखना और उस पर अमल करना, कमाए जाने वाले धन को निवेश करने पर विचार करना और अपनी संपत्ति को बढ़ाने की रणनीतियां बनाना शामिल है।
इसके साथ ही किसी व्यापारी के लिए धन से सम्बंधित कार्यो में अपने व्यापार या कम्पनी के विस्तार के लिए धन का उपयोग करना भी प्रमुख रुप से शामिल होता है।
व्यक्तिगत और व्यापारिक जीवन में धन का महत्व
व्यापारिक सफलता किसी व्यापारी, कम्पनी या स्टार्टअप के द्वारा कमाए जाने वाले लाभ पर निर्भर करती है।
इसलिए एक व्यापारी को कमाए जाने वाले लाभ या धन से सम्बंधित कार्यो को सफलतापूर्वक पूरा करना चाहिए। लेकिन लाभ या धन से सम्बंधित कार्यो को सफलतापूर्वक पूरा करने से पहले एक व्यापारी को लाभ या धन के महत्व को समझना जरुरी है।
व्यापार में लाभ या धन के महत्व को समझकर ही कोई नया व्यापारी या स्टार्टअप का संस्थापक लाभ या धन से सम्बंधित महत्वपूर्ण कार्यो को प्राथमिकता देगा और उन पर विशेष रुप से कार्य करेगा।
किसी व्यापारी के लिए व्यापार में लाभ या धन के महत्व को समझने से पहले एक सामान्य इंसान के लिए और व्यक्तिगत जीवन में धन का महत्व समझने की जरुरत है।
क्योंकि जब आपको एक सामान्य इंसान के लिए या व्यक्तिगत जीवन में धन का महत्व पता होगा तो आप इसके महत्व को व्यापार के लिए भी समझ पायेंगे।
एक सामान्य इंसान के लिए और व्यक्तिगत जीवन में धन का महत्व समझने से भी पहले धन के अपने महत्व को समझना जरुरी है।
क्योंकि जब आपको धन का अपना महत्व पता होगा तो आप इसके महत्व को किसी सामान्य इंसान के लिए या व्यक्तिगत जीवन में धन के महत्व को भी समझ पायेंगे।
The Importance of Money
मनी, धन, मुद्रा, पैसा या लाभ का अविष्कार इंसानो ने किया है। यह कोई प्राकृतिक वस्तु नही है, इसलिए इसका प्रभाव मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं पर है।
इस तरह मनी, धन, मुद्रा, पैसा या लाभ के महत्व को समझने के लिए मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं पर चर्चा करना जरुरी हो जाता है।
हम पहले मनी, धन, मुद्रा, पैसा या लाभ की परिभाषा जानेंगे और फिर इसके सम्बंध को मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित महत्वपूर्ण पहलुओं को समझेंगे।
Definition of money
परिभाषा- ‘‘किसी देश की सरकारी या संवैधानिक व्यवस्था के द्वारा बनाई गई मुद्रा (currency) जिसे आम सहमति से स्वीकार किया जाता है, मनी या मुद्रा कहलाती है।’’
मनी या मुद्रा सरकारी या संवैधानिक नियमों से ही परिभाषित होती है और किसी सरकारी शाखा या विभाग के द्वारा ही बनाई जाती है। किसी इंसान (individual) या गैर-सरकारी संस्था के द्वारा बनाई गई मुद्रा को मान्य नही किया जाता है। साथ ही ऐसा करना गैर-कानूनी भी होता है।
मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं में मुद्रा का महत्व
अगर मानव सभ्यता के इतिहास पर गौर किया जाए तो यह पता चलता है कि मानव सभ्यता के लिए मुद्रा या धन का महत्व मुद्रा या धन के अविष्कार से ही रहा है।
मानव सभ्यता के लिए मुद्रा या धन का महत्व वर्तमान में भी है, जहां इसे व्यवसायिक जीवन (professional life) में सफलता पाने का आधार माना जाता है।
साथ ही इसका महत्व भविष्य के मानव समाज पर भी होगा। वर्तमान में जो मुद्रा या धन प्रचलन में है उसका रुप भविष्य में बदल सकता है, लेकिन इसका महत्व नही बदल सकता है।
मुद्रा या धन के महत्व को निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझा जा सकता है, जो कि मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं से ही सम्बंधित है।
यह बिन्दु अपने-आप में बहुत ही सीमित (limited) और संक्षिप्त (brief) लग सकते है, लेकिन धन के महत्व पर एक नज़र डालने के लिए यह पर्याप्त है। तो धन का महत्व निम्न प्रकार से है-
- धन मानव सभ्यता के लिए जरुरी है, इसलिए यह मानव समाज के लिए भी जरुरी है।
- धन के मानव सभ्यता और मानव समाज के आधारभूत पहलु जुड़े हुए है, इससे उनकी जरुरते पूरी होती है।
- धन मानव सभ्यता और मानव समाज के जीवन-स्तर (quality of life) में सुधार लाता है, जिससे वह कई साधनो तक पहुंच पाते है।
- धन मानव सभ्यता और मानव समाज को financial security प्रदान करता है, इससे उनका भविष्य सुरक्षित होता है।
- धन से मानव सभ्यता और मानव समाज में स्थिरता बनी रहती है, इस स्थिरता के साथ वह और अधिक विकास करता है।
- धन अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है, इससे अर्थव्यवस्था में भी स्थिरता बनी रहती है।
- धन या मुद्रा सरकार की योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- धन मानव सभ्यता से सम्बंधित लगभग सभी पहलुओं को प्रभावित करने की ताकत रखता है।
The Importance of Money in Personal Life
धन के अपने महत्व के साथ मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं में मुद्रा का महत्व समझने के बाद व्यक्तिगत जीवन (personal life) में धन का महत्व समझने की बारी आती है।
इसे निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझा जा सकता है-
1. Basic Needs and Survival
धन व्यक्तिगत जीवन की आधारभूत जररते पूरी कर सकता है, जिसके कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु इस प्रकार से है-
- धन व्यक्तिगत जीवन की आधारभूत जरुरतों को पूरी करता है। (जैसे- food, nutrition, housing, clothing and personal hygiene)
- धन के माध्यम से कई स्वास्थ्य से सम्बंधित आवश्यकताओं तक पहुंचा जा सकता है। (जैसे- medical treatment, health insurance)
- धन स्वास्थ्य से सम्बंधित आपातकाल में उपयोगी होता है। (जैसे- emergency fund)
2. Access to Opportunities
धन के सही उपयोग से हम व्यक्तिगत जीवन के लिए आवश्यक अवसरो तक पहुंच पाते है, जैसे-
- धन के माध्यम से जरुरी शिक्षा ली जा सकती है और यह कई प्रकार के कौशल विकसित करने में भी उपयोगी होता है। (जैसे- formal education, skill development)
- धन मानव समाज और दुनिया से सम्बंधित अनुभव लेने में उपयोगी होता है। (जैसे- travel, cultural exposure)
- धन के माध्यम से अपने शौक पूरे किए जा सकते है। (जैसे- pursuing hobbies and interests)
3. Financial Freedom and Stability
धन व्यक्तिगत जीवन में स्वतंत्रता और स्थिरता के लिए आवश्यक है, जिससे प्रमुख बिन्दु इस प्रकार से है-
- धन के माध्यम से हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अनुभव कर पाते है। (जैसे- avoiding reliance on others for basic needs, empowerment through personal control of finances)
- धन व्यक्तिगत जीवन के कई कार्यो और जिम्मेदारियों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (जैसे- marriage, parenthood, retirement)
- धन के माध्यम से भविष्य की योजनाओं को लागू करना आसान होता है। { जैसे- saving for long-term goals (जैसे- buying a home, retirement), building wealth through investments}
4. Impact on Relationships and Social Life
धन इंसान के व्यक्तिगत सम्बंधो और सामाजिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, इसे निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझा जा सकता है-
- धन पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने और उन्हें पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (जैसे- providing for dependents, managing household finances collaboratively)
- धन सामाजिक सम्बंधो को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (जैसे- money as a facilitator of shared experiences, balancing generosity and personal financial limits)
5. Personal Fulfillment and Happiness
धन व्यक्तिगत जीवन की आपूर्तियों और खुशियों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझा जा सकता है-
- धन के माध्यम से अपने सपनो को पूरा किया जा सकता है और आदर्शो पर अमल किया जा सकता है। (जैसे- starting a business or passion project, achieving personal milestones)
- धन के माध्यम से परोपकार (philanthropy) और दान (charity) को अपनाया जा सकता है। (जैसे- supporting causes and communities, finding purpose through contribution)
The Importance of Money in Business
धन के अपने महत्व के साथ मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं में मुद्रा का महत्व समझने और व्यक्तिगत जीवन (personal life) में धन का महत्व समझने के बाद व्यापार में धन का महत्व समझने की बारी आती है।
इसे निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझा जा सकता है-
1. Money as a Foundation for Business Operations
धन व्यापार से सम्बंधित कार्यो और व्यापार को संचालित करने में आधारभूत भूमिका निभाता है, जिसे निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझा जा सकता है-
- धन व्यापार से सम्बंधित योजनाएं बनाने और उन पर अमल करने के लिए जरुरी होता है। (जैसे- financing infrastructure, technology and inventory)
- धन के माध्यम से व्यापारिक जीवन की दिनचर्या के कार्यो और जिम्मेदारियों का आसानी से पूरा किया जा सकता है। (जैसे- day-to-day operational expenses, payroll and employee benefits, rent, utilities and supplies)
- धन Supply Chain Management में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (जैसे- maintaining vendor relationships, ensuring timely procurement of materials)
2. Facilitating Business Growth and Expansion
धन व्यापार, स्टार्टअप या कम्पनी के विकास और विस्तार के लिए आवश्यक है, जिसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है-
- धन के माध्यम से स्टार्टअप या कम्पनी नई खोज से सम्बंधित कार्यो को पूरा कर सकती है। (जैसे- research and development of new products/services, adopting new technologies)
- धन के माध्यम से कम्पनी की एक और नई शाखा को खोला जा सकता है और बाज़ार के कोने-कोने तक पहुंचा जा सकता है। (जैसे- opening new locations or markets, expanding workforce and infrastructure)
- धन के माध्यम से मार्केटिंग से सम्बंधित सभी जरुरी कार्यो को आसानी से पूरा किया जा सकता है। (जैसे- budgeting for advertising campaigns, building brand awareness)
Conclusion
इस लेख के माध्यम से हमने ‘‘धन के महत्व’’ को समझने के महत्व को जाना, जीवन की सफलता और व्यवसायिक जीवन की सफलता में सम्बंध को जाना, व्यवसायिक जीवन की सफलता को प्रभावित करने वाले कारक, पहलु और कारणों को जाना, व्यापारिक जीवन की सफलता को प्रभावित करने वाले कारक, पहलु और कारणों को भी जाना।
इसके साथ ही व्यापारिक जीवन की सफलता में धन का महत्व समझा, व्यक्तिगत और व्यापारिक जीवन में धन का महत्व समझा, धन के अपने महत्व को समझा और उसकी परिभाषा को जाना, मानव सभ्यता और मानव सभ्यता से सम्बंधित पहलुओं में मुद्रा का महत्व जाना।
धन के महत्व को समझने के लिए उसके उपयोग और किसी क्षेत्र में उसकी आवश्यकता को समझना जरुरी होता है।
दुनिया में ऐसी कोई वस्तु नही है, जिसका अपना महत्व ना हो लेकिन दुनिया में ऐसी कोई वस्तु नही है, जो धन के समान महत्व रखती हो।
लेकिन इसे समझना भी जरुरी है कि धन वस्तुओं की श्रेणी में आता है, इसलिए इसका महत्व जीवन या जीवित प्रणियों के समान नही हो सकता है।
इस तरह किसी भी वस्तु के महत्व को समझा जा सकता है। पहले उसके अपने महत्व को समझिए, फिर जीवन के अलग-अलग पहलुओं में उसके महत्व को समझिए।
धन के महत्व को समझने का भी यही तरीका है कि पहले उसके अपने महत्व को समझिए, फिर जीवन के अलग-अलग पहलुओं में उसके महत्व को समझिए।