व्‍यापारियों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सलाह

व्‍यापारियों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सलाह

Introduction

सभी इंसानो को सबसे पहला कार्य क्‍या करना चाहिए? कौन-सा कार्य सबसे महत्‍वपूर्ण और जरुरी होता है? ऐसा क्‍या है, जिस पर सभी को चलना चाहिए? वह है स्‍वस्‍थ रहना, एक स्‍वस्‍थ दिनचर्या पर अमल करना।

किसी के लिए जीवन का पहला लक्ष्‍य चाहे कुछ भी हो, वह किसी भी व्‍यवसाय में हो, student हो या graduate, स्‍वस्‍थ रहना उसका पहला लक्ष्‍य होना चाहिए। क्‍योंकि इसी से दूसरे लक्ष्‍यों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देना मानव सभ्‍यता के इतिहास, वर्तमान और भविष्‍य की एकमात्र ऐसी सलाह है जो सभी पर लागू होती है, यह कभी भी गलत नही हो सकती है और यह कभी बदल नही सकती है।

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व्‍यापारियों के लिए यह इसलिए जरुरी है क्‍योंकि व्‍यापार को सफल बनाने के लिए दूसरे सभी व्‍यवसायों की तुलना में अधिक कार्यो को पूरा करना पड़ता है। उन कार्यो में देरी नही की जा सकती है और उन्‍हें टाला भी नही जा सकता है, ना ही उन्‍हें नज़रअदाज किया जा सकता है।

इसमें अस्‍वस्‍थ होने का बहाना नही बनाया जा सकता है, अगर मिटिंग में वह सौदा नही हुआ तो इससे नुकसान व्‍यापारी का ही होता है या अगर उसने काम करना बंद कर दिया तब भी नुकसान व्‍यापारी का ही होता है।

व्‍यापार के कार्यो में बहुत अधिक विविधता होती है। कभी ऑफिस में बैठे हुए काम करना पड़ेगा, तो कभी उसी दिन किसी दूसरे शहर में जाकर वहां सौदा करने के लिए निवेशको को मनाना भी पड़ेगा।

यह सब एक अस्‍वस्‍थ व्‍यापारी भी कर सकता है लेकिन एक स्‍वस्‍थ व्‍यापारी इन कार्यो को अधिक बेहतर ढंग से पूरा कर सकता है। अस्‍वस्‍थ व्‍यापारी का ध्‍यान अपने अस्‍वस्‍थ होने पर अधिक होगा, वही एक स्‍वस्‍थ व्‍यापारी का ध्‍यान अपने कार्यो पर अधिक होगा।

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अगर आप व्‍यापारी है और स्‍वस्‍थ रहना चाहते है, तो व्‍यापार करते हुए स्‍वस्‍थ कैसे रहा जाए? इस सवाल का जवाब जानने से पहले एक इंसान होने के नाते स्‍वस्‍थ कैसे रहा जाए? इस सवाल के जवाब पर ध्‍यान दीजिए।

क्‍योंकि व्‍यापारी का जीवन बहुत ही व्‍यस्‍त होता है, लेकिन व्‍यापार के परिणाम भी बहुत अधिक लाभदायक होते है। इसलिए लोग व्‍यापार में सफलता पाना चा‍हते है।

तो, अगर लोगो को व्‍यापार की सफलता और अपनी हेल्‍थ में से किसी एक पर ध्‍यान देने के लिए कहा जाए तो अधिकतर लोग व्‍यापार की सफलता को ही चुनेंगे।

क्‍योंकि वह मानते है कि वह स्‍वस्‍थ है और उन्‍हें अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर अधिक ध्‍यान देने की जरुरत नही है या वह यह भी सोच सकते है कि पहले व्‍यापार में सफलता हासिल कर ली जाए, इसके बाद अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान दिया जा सकता है।

लेकिन अधिकतर लोगो का मानना या सोचना सही नही है, क्‍योंकि अगर वह ऐसा मानते है कि वह स्‍वस्‍थ है तो वह अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान नही दे पाऐंगे।

या फिर अगर वह ऐसा सोचते है कि पहले व्‍यापार में सफलता हासिल कर ली जाए, इसके बाद अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान दिया जा सकता है, तब भी वह अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान नही दे पाऐंगे।

क्‍योंकि सफल व्‍यापारियों की उम्र किसी दूसरे व्‍यवसायों में सफलता पाने वालो की उम्र से अधिक होती है या अगर कम समय में सफलता हासिल कर भी ली जाए तो उस सफलता को बनाए रखने के लिए कार्य करना पड़ता है।

इसलिए अगर आपको व्‍यापार में सफलता हासिल करनी है और अगर उस सफलता को बनाए रखना है, तो हमेशा स्‍वस्‍थ रहने या अपना स्‍वास्‍थ्‍य कम-से-कम खराब होने की रणनीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा।

आपको पहले एक इंसान होने के नाते स्‍वस्‍थ कैसे रहा जाए? इस पर ध्‍यान देते हुए अपने व्‍यापार को सफल बनाना है और साथ ही स्‍वस्‍थ रहते हुए उस सफलता को बनाए रखना है।

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स्‍वस्‍थ रहने के लिए स्‍वस्‍थ दिनचर्या के नियमों पर अमल किया जा सकता है, लेकिन यह बहुत ही टेक्‍नीकल होते है। जो यह बता रहा है या जहां पर भी यह सिखाए जा रहे है, वहां पर सिखने वाले या उन नियमों पर अमल करने वाले इंसान को अगर बदल दिया जाए, तब भी सिखाने वाले वही सब कहेंगे जो वह पहले कह रहे थे।

जैसे अगर किसी इंसान या व्‍यापारी ने कुछ नियमों पर अमल करने का सोचा और उन पर अमल किया लेकिन अगर उस इंसान या व्‍यापारी की जगह पर किसी बच्‍चे को रख दिया जाए, तो क्‍या उसके लिए भी वही नियम होंगे?

ऐसा नही है तो उस इंसान या व्‍यापारी ने यह कैसे मान लिया कि वह नियम उसी के लिए है?

नियम बताने वालो को यह नही पता होता है कि इन पर अमल करने वाले लोगो की उम्र क्‍या है? वह कौन है? उनकी क्‍या परिस्थिति है? उन्‍हें किससे ऐलर्जी हो सकती है? या उनके पास वह सुविधाएं है भी या नही जिनसे नियमों का पालन हो सके?

इसलिए अपना फिजिकल और मेंटल सिस्‍टम, उपलब्‍ध सुविधाएं, हेल्‍थ प्रोब्‍लम्‍स समझे बिना पूरी तरह से टेक्‍नीकल नियमों का पालन किया जा सकता है लेकिन ज्‍यादा दिनों तक नही। इससे बहुत से विवाद सामने आने लगते है।

एक ओर कोई सोचेगा कि- यह दिनचर्या तो सही है और दूसरी तरफ यह कि- ये दिनचर्या सही है तो इसमें परेशानियां क्‍यूं आ रही है? इतनी व्‍यवस्‍था क्‍यूं करनी पड़ रही है?

इस तरह एक बार जो किसी का अपनी दिनचर्या से ध्‍यान हट गया तो फिर उसके लिए यह वापस शुरु करना और अपनी दिनचर्या को बेहतर बनाने में रुचि रखना मुश्किल हो जाता है।

अगर इन नियमों में उपलब्‍ध सुविधाओं का अपनी दिनचर्या में कैसे उपयोग करना है? यह बताया गया होता और उस पर किसी ने अमल किया होता तो उसके पास वह सुविधाएं उपलब्‍ध होने से उसे ज्‍यादा व्‍यवस्‍था भी नही करनी पड़ती साथ ही उसे परेशानियों का सामना भी नही करना पड़ता।

जैसे-

Diet Chart का उदाहरण लिया जा सकता है। Diet Chart पर अमल करना अधिकतर लोगो के लिए संभव नही है, क्‍योंकि उनके पास वह सुविधाएं नही है।

लेकिन सही आहार लेना जरुरी और महत्‍वपूर्ण भी है, तो ऐसी स्थिति में क्‍या किया जाए? इस सवाल का जवाब जानने के लिए इसे black and white spetrum की तरह देखों।

पूरी तरह से white spetrum जरुरी आहार है और पूरी तरह से black spetrum उपलब्‍ध आहार है। तुम्‍हें यह समझना है कि तुम्‍हारे पास क्‍या उपलब्‍ध आहार है जो जरुरी आहार के सबसे नजदीक है।

इस तरह वह आहार उपलब्‍ध भी होगा और जरुरी भी होगा। black and white spetrum की यह सलाह सभी लोगो के लिए काम करती है चाहे उनके पास कम सुविधाएं हो, चाहे वह अमीर हो या गरीब।

तो, इस तरह दो महत्‍वपूर्ण बिन्‍दु निकलकर सामने आते है-

  1. अपने-आप को जाने। अपने फिजिकल और मेंटल सिस्‍टम को जाने। इससे आपको कौन-से नियमों पर अमल करना है? यह समझ आएगा।
  2. अपनी उपलब्‍ध सुविधाओं पर ध्‍यान दे। इससे आपको अपने लिए नियम तय करने के बाद, उन नियमों पर अमल करने में आसानी होगी।

इन दो बिन्‍दुओं से कोई अपने आप को देखेगा तो वह अपने आप को एक विशेष परिस्थिति में पाएगा, जिससे उसको आगे जाना है, अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाना है।

स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने के लिए दो पहलुओं पर कार्य किया जा सकता है-

  1. Mental Health
  2. Physical Health

स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने या बनाए रखने के जो भी रास्‍ते है, उनमें से अधिकतर रास्‍ते इन दोनो पर ही आधारित है। तो अगर किसी ने इन पहलुओं में अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बना लिया तो उसने इन रास्‍तों में अपना अधिकतर सफ़र पूरा कर लिया है।

Health Advice For All

व्‍यापार में सफल होने के लिए एक अच्‍छा मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य आवश्‍यक है। तो, अपने मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर कैसे बनाया जाए?

इसका जवाब तुम्‍हें पता है, यह हर किसी को पता है।

तुम्‍हें पता है कि क्‍या करना अपने स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदायक होता है और क्‍या करने से वह बेहतर बनता है? तुम्‍हें पता है कि मेडिटेशन कैसे करते है? और एक्‍सरसाइज कैसे की जाती है?

हर वो इंसान जो इंटरनेट का उपयोग करता है या जिसे पढ़ना आता है, वह इस क्षेत्र में बहुत कुछ पढ़ या समझ चुका है।

इंटरनेट से पहले भी लोगो को इस क्षेत्र में बहुत कुछ पता था, वह उस पर अमल भी करते थे और जीवनभर स्‍वस्‍थ भी रहे। इसलिए अपने ज्ञान पर अमल करने की जरुरत है।

अपने ज्ञान पर अमल करने की जरुरत का दूसरा कारण यह है कि एक व्‍यापारी की दिनचर्या अपने व्‍यापार को सफल बनाने में गुजरती है, इसलिए उसे अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर पूरी तरह से ध्‍यान देने का समय मिल ही नही सकता है।

इस तरह उसे अपने व्‍यापार को सफल बनाने की रणनीति पर कार्य करते हुए अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने के लिए उपलब्‍ध ज्ञान को भी अमल में लाना पड़ता है।

Advice For New Entrepreneurs

अगर आप एक student है, जो भविष्‍य में व्‍यापार करना चाहता है, या आप एक ऐसे इंसान है जो अपने आईडिया को अमल में लाना चाहता है या फिर आप एक नए व्‍यापारी है जिसने अभी व्‍यापार शुरु किया है।

इसका मतलब यह है कि आप अपने व्‍यवसायिक जीवन को लेकर जागरुक और पारदर्शी है, आप देख पा रहे है कि आपको अपने जीवन में क्‍या करना है और कैसे करना है? लेकिन इसके साथ ही यह भी हो सकता है कि आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर भी उतने ही जागरुक और पारदर्शी है।

ऐसा नही हो सकता है कि कोई अपने व्‍यवसायिक जीवन को लेकर जागरुक और पारदर्शी हो और वह व्‍यवसायिक जीवन में सफलता हासिल करने वाली आधारशिला या अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर जागरुक और पारदर्शी ना हो।

या फिर ऐसा नही हो सकता है कि कोई अपने व्‍यवसायिक जीवन के महत्‍व को समझे और अपने स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को ना समझ पाए।

इसलिए हो सकता है कि अधिकतर लोग जो व्‍यापार शुरु करना चाहते है या व्‍यापार शुरु कर चुके है, वह अपने स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को समझते है और साथ ही उसे बेहतर बनाने के लिए उस पर कार्य भी करते रहते है।

इस तरह अगर आप अपने व्‍यवसायिक जीवन और उसमें व्‍यापार के महत्‍व को समझ सकते है तो आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने और उसे बेहतर बनाए रखने के महत्‍व को भी समझ सकते है, इसमें आपको अधिक परेशानी नही होगी।

Health Advice For Businessman

अगर आपने अपने जीवन में व्‍यापार को चुना है, तो हो सकता है कि आपने व्‍यापार में सफल होने के लिए अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने पर भी कार्य किया होगा।

या हो सकता है कि व्‍यापारिक सफलता की चकाचौंध देखकर आपने अपने स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को पीछे कर दिया होगा या किसी कारण से अपनी एक स्‍वस्‍थ दिनचर्या के अनुसार चलना छोड़ दिया होगा।

वह सब फिर से शुरु करो। अपने ज्ञान को उपयोग में लाने के बाद अपने आप समझ आ जाएगा कि क्‍या बदलने की जरुरत है? क्‍या कम करने की जरुरत है? या क्‍या सिर्फ अमल करने की जरुरत है?

ऐसा भी नही कहा जा सकता है कि लोग नही करते है, बहुत से लोग अपने स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को समझकर एक स्‍वस्‍थ दिनयर्चा के अनुसार चलने का फैसला लेते है और उस पर अमल भी करते है, लेकिन किसी कारणवश उसे छोड़ देते है।

हो सकता है तुमने भी यही किया हो, इसलिए अपने स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को फिर से समझने और फिर से एक स्‍वस्‍थ दिनचर्या के अनुसार चलने की जरुरत है।

आपके पास डाटा है और उस तरह की हैबिट को बनाए रखने का कौशल भी है। कोई भी हैबिट जो पहले कभी रही है, उसे दूसरी या तीसरी बार फिर से शुरु करना बहुत आसान है।

यह आसान है उनकी तुलना में जिनके लिए यह सब पहली बार है। पहली बार स्‍वस्‍थ दिनयर्चा बनाकर उस पर अमल करने में कुछ परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ेगा। लेकिन कुछ दिन बाद ही यह आसान लगने लगती है।

इसमें उनको अधिक मुश्किल होगी जिन्‍होंने अभी अपने स्‍वास्‍थ्‍य का महत्‍व नही समझा है या व्‍यवसायिक जीवन में सफलता पाने के लिए अपने स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को किसी कारण से छोड़ दिया है।

Conclusion

‘पहला सुख: निरोगी काया’ जैसे वाक्‍य आपने कई बार सुने होंगे, लेकिन इस श्‍लोक का दूसरा वाक्‍य ‘दूसरा सुख- घर में हो माया’ है।

इसका अर्थ सिर्फ यह नही है कि इंसान का पहला सुख निरोगी काया होती है, बल्कि इसका अर्थ यह भी है कि पहला सुख दूसरे सुख से अधिक महत्‍वपूर्ण है और इसलिए निरोगी काया का यहां पहला स्‍थान है।

व्‍यापार में सफलता पाना माया या धन को अपने घर में लाना ही होता है, लेकिन यह एक व्‍यापारी का दूसरा सुख है, उसका पहला सुख तो निरोगी काया में ही छिपा हुआ है और वही दूसरे सुख से अधिक महत्‍व भी रखता है।

इसलिए किसी भी इंसान को जो व्‍यापार करना चाहता है या व्‍यापार शुरु कर चुका है, उसे धन को अपने स्‍वास्‍थ्‍य से अधिक महत्‍व नही देना चाहिए।

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